5 सितंबर शिक्षक दिवस पर राज्य शिक्षक सम्मान महामहिम राज्यपाल के कर कमलों से सम्मानित : शिक्षक अपने छात्रों का जीवन समृद्ध करते हैं – सुनील नायक ब्याख्यान
5 सितंबर शिक्षक दिवस पर राज्य शिक्षक सम्मान महामहिम राज्यपाल के कर कमलों से सम्मानित : शिक्षक अपने छात्रों का जीवन समृद्ध करते हैं – सुनील नायक ब्याख्यान
भुवन वर्मा बिलासपुर 09 सितम्बर 2022
रायपुर । राज्य शिक्षक सम्मान समारोह 5 सितंबर 2022 में महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के कर कमलों से सम्मानित सुनील कुमार नायक व्याख्याता रायपुर का कहना है, कि शिक्षक समाज को दिशा देने वाला, राष्ट्र निर्माता एवम् छात्रों के भविष्य निर्माता होता है। शिक्षक अपने व्यवहार ,आचरण एवं शिक्षण कौशल से छात्रों के भविष्य को आकार देते हैं। प्रत्येक छात्र की बुद्धिलब्धि अलग-अलग होती है। उसके क्षमता के अनुसार शिक्षा देने की आवश्यकता होती है। शिक्षक अपने लगन, मेहनत से छात्रों के बुनियादी ढांचे का विकास करते हैं।
मैं छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए नवाचार एवं विभिन्न क्रियाकलाप द्वारा सीखने सिखाने की प्रक्रिया अपनाकर पढ़ाई को रुचिकर आनंददायी बनाने के लिए खेल, क्विज प्रतियोगिता, शिक्षण सामग्री प्रदर्शन, चित्र,चार्ट, गीत ,कहानी,श्यामपट आदि शैक्षणिक सामग्री का शिक्षण में समावेश कर शिक्षण कार्य संपादित करता हूं। नवाचार के माध्यम से छात्र धीरे धीरे रुचि लेकर सीखते हैं, उन्हें पढ़ाई में मजा आता है, उन्हें पढ़ाई उबाऊ नहीं लगता। नवाचार में मैं छात्रों का ग्रुप बनाकर शिक्षा देना ,छात्रों की अधिक से अधिक सहभागिता, उन्हें विचारों की अभिव्यक्ति का पर्याप्त अवसर प्रदान करते हैं । “कबाड़ से जुगाड़ “पुराने समान से शैक्षिक सामग्री निर्माण कर छात्रों को समझाकर एवं प्रदर्शन कर विषय वस्तु के अवधारणा को समझाता हूं।इससे छात्रों में बौद्धिक, मानसिक, शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई।
मेरे द्वारा शाला त्यागी/शालाअप्रवेशी एवम् शाला अनियमित आने वाले छात्रों को शाला में नियमित बनाए रखने के लिए पालकों से संपर्क कर शिक्षा के महत्व समझाकर छात्रों को शाला में नियमित बनाया बनाए रखने के लिए शिक्षा समिति के साथ मिलकर कार्य किया गया । जिसमें सफलता प्राप्त हुई , छात्र नियमित शाला आने लगे।
मैं शाला के विभिन्न शैक्षिक गतिविधि नैतिक शिक्षा, सांस्कृतिक , कैरियर गाइडेंस ,वृक्षारोपण कार्यक्रम ,वाद विवाद प्रतियोगिता ,राष्ट्र भावना , राष्ट्रीय एकता ,विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक संगोष्ठी, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की मदद, एवम् अन्य गतिविधि का संचालन में महत्वपूर्ण योगदान करता हूं।
मैं शिक्षक के दायित्व निर्वाहन करने के दौरान, जब स्कूल जाता तो, अपने थैला में सहायक शैक्षणिक सामग्री एवं क्रियाकलाप आधारित शिक्षण सामग्री के साथ कक्षा में प्रवेश करता था। छात्र सहसा कह उठते थे, “थैला वाले गुरुजी आ गये, अब पढ़ने में मजा आएगा “।छात्रों में उत्साह का संचार हो जाता सीखने की जिज्ञासा बढ़ जाती हैं । गतिविधि आधारित शिक्षण से पढ़ाई रुचिकर बन जाता है,इससे छात्रों के शैक्षणिक स्तर में विकास हुआ। मेरे द्वारा मूल्यांकन किया गया जिससे बच्चों की उपलब्धि बड़ी यही प्रयास में निरंतर करता हूं। स्कूल के कुछ छात्र गलत संगति के वजह से गुटका,तंबाखू,एवम् अन्य नशा करते थे उनका काउसलिंग कर नशा मुक्ति अभियान चलाया। शिक्षा में नवाचार, क्रियात्मक गतिविधि से पढ़ाना, शाला त्यागी , शाला अप्रवेशी बच्चों को पुनः शाला में नियमित बनाए रखने ,नशा मुक्ति अभियान आदि कार्यों से मेरा चयन राज्य पुरस्कार के लिए किया गया।
छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छा स्कूल के साथ अच्छे शिक्षक की जरूरत होती है। एक अच्छा शिक्षक ना केवल किताबी ज्ञान देता है, बल्कि उसे विस्तार से समझा कर दैनिक क्रियाकलापों से जोड़कर सिखाता है। शिक्षक द्वारा प्रभावशाली शिक्षण से ही छात्र में ज्ञान स्थाई रूप लेता है कहते हैं ,”जो सुना वह भूल गया, जो देखा वह कुछ समय तक याद रहा ,जो करके देखा वह हमेशा याद रहा”। शिक्षक द्वारा पढ़ाई गई विषय वस्तु को छात्र कितना अधिगम कर पाते हैं यह महत्वपूर्ण हैं।
जो शिक्षक छात्र/छात्राओ के विकास को जीवन का लक्ष्य बना लिया है ,वह समर्पित शिक्षक है। वहीं शिक्षक छात्रों के जीवन को समृद्ध करते हैं। शिक्षा के बिना मनुष्य अपने मंजिल तक नहीं पहुंच सकता।
“अंधेरों कोसने से अच्छा है, आओ एक दीपक जलाऐ”।
आलेख – सुनील कुमार नायक
व्याख्याता शासकीय उच्च. माध्यमिक विद्यालय मठपुरैना रायपुर ,सेवा अवधि 35 वर्ष ।