पाॅवर कंपनी में किराये पर लगे वाहन से अवैध शराब परिवहन पर कठोर कार्रवाई
भुवन वर्मा, बिलासपुर 17 जनवरी 2020
उक्त घटनाक्रम में प्रमोद शर्मा विधायक बलौदाबाजार का प्रकरण पर रुचि व बचाव पर थाने जाना कुछ और ही दिशा पर सोचने को संकेत करता है ।
वाहन अनुबंध निरस्त करने के साथ ही सुरक्षा निधि राजसात
ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की सिफारिश
बलौदाबाजार/ छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी बलौदा बाजार के परियोजना उप संभाग कार्यालय में किराये पर लगी गाड़ियों के द्वारा दो दिन पूर्व अवैध रूप से मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ शराब लाने के प्रकरण पर आज कठोर कार्रवाई की गई। इन गाड़ियों का अनुबंध निरस्त करते हुये सुरक्षा निधि को राजसात कर लिया गया । साथ ही वाहन मालिक को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की गई। पाॅवर कंपनी अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र शुक्ला ने इस प्रकरण पर उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिये थे। जांच उपरान्त पाया गया कि कबीरधाम के पंडरिया कुकदूर थाना अन्तर्गत शराब का अवैध परिवहन करने हेतु जब्त किये गये वाहन टाटा पिक अप क्रमांक सीजी 22 एच-4367 एवं टीयूव्ही महेन्द्रा सीजी 22 जी-7457 छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की नहीं है। इनका प्रोपराईटर अनिल गुप्ता है,जो कि बलौदा बाजार क्षेत्र के विद्युत विषयक कार्यों के लिये इन वाहनों को किराये पर लगाया गया था।
बलौदा बाजार विद्युत संभाग के अधीक्षण अभियंता श्री सलिल खरे ने इस संबंध में बताया कि वाहन मालिक मेसर्स माॅ शारदा ट्रांसपोर्ट प्रोपराईटर श्री अनिल गुप्ता द्वारा इन गाडियों को मूल्यांकन एवं मरम्मत कार्य हेतु 14 जनवरी 2020 को विद्युत कार्यालय से ले लिया गया था। अगले दिन अर्थात 15 जनवरी को दोनों गाड़ियों में अवैध शराब परिवहन करते हुये कुकदूर पुलिस द्वारा पकड़ा गया। तब ये गाड़ियाॅ पाॅवर कंपनी के किसी भी कार्य के लिए उपयोग में नहीं ली जा रही थी। इन वाहनों में छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनी के स्टीकर लगे हुये थे जिससे यह भ्रम की स्थिति निर्मित हुई है कि बिजली विभाग की गाड़ियों में शराब की तस्करी की जा रही है।उक्त प्रकरण की जांच उपरांत यह भी पाया गया कि पाॅवर कंपनी में किराये पर लिये गये वाहनों में ड्राईवर एवं कंडक्टर भी वाहन प्रोपराईटर द्वारा ही लगाये गये थे अतः इन वाहनों में पाॅवर कंपनी का कोई कर्मचारी संलिप्त नहीं था। थाना प्रभारी कुकदूर द्वारा जारी किये गये विज्ञप्ति में भी इस बात की स्पष्ट जानकारी दी गई है कि शराब तस्करी में लगे वाहन और कर्मचारियों का पाॅवर कंपनी से कोई वास्ता नहीं है।
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