लोककला व संस्कृति में वैष्विक नाम स्थापित करेगा , सीवीआरयू ऐसे ही संस्कृति, कला और परंपराओं से जोड़ने का कार्य कर रहा -धरमलाल कौशिक

0

लोककला व संस्कृति में वैष्विक नाम स्थापित करेगा , सीवीआरयू ऐसे ही संस्कृति, कला और परंपराओं से जोड़ने का कार्य कर रहा -धरमलाल कौशिक

भुवन वर्मा बिलासपुर 23 अप्रैल 2022


रामन लोक कला महोत्सव में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौषिक, संसदीय सचिव रष्मि सिंह एवं निजी विष्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष उमेष मिश्रा की षिरकत


बिलासपुर। डॉ.सी.वी.रामन् विष्वविद्यालय में चल रहे रामन लोक कला महोत्सव-2022 के समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौषिक ने कहा कि अपनी भाशा ,अपनी बोली, अपनी संस्कृति और अपनी कला में बीच ही जीवन होता है। विष्वविद्यालय ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए लोक कला महोत्सव की कई वर्शो से निरंतरता बनाई है। इस महोत्सव का उद्देष्य छत्तीसगढ़ की लोककला, संस्कृति और साहित्य संरक्षण और संवर्धन के साथ उसके मूल रूप में ही भावी पीढ़ी तक हस्तांतरित करना है। जिसमें भारत के सभी राज्यों के राश्ट्रीय व अंतरराश्ट्रीय कलाकारों ने षिरकत की है। कम समय, कम सुविधा के बीच संघर्श करते हुए विष्वविद्यालय ने पूरे देष में अपना नाम स्थापित किया है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम भी विष्वविद्यालय ने षुरू किया है जो कि विवि की दूरदर्षिता को दर्षता है। कार्यक्रम की विषिश्ट अतिथि संसदीय सचिव रष्मि सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी षक्ति है। हर 2-3 दिनों में कोई न कोई पर्व होता है। जिसमें कि हम अपनी कला संस्कृति और परंपराओं के बीच होते हैं, जो सकारात्मक उर्जा का संचार करता है। इसलिए हम विदेषो के लोगों की तरह कभी भी अवसाद का षिकार नहीं हो सकते। सीवीआरयू ऐसे ही संस्कृति, कला और परंपराओं से जोड़ने का कार्य कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निजी विष्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष उमेष मिश्रा ने कहा कि डॉ.सी.वी.रामन् विष्वविद्यालय आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थापित किया गया है। यह छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम निजी विष्वविद्यालय है,जो वनांचल लेकर ग्रामीण अंचल और षहर के घर-घर तक उच्च षिक्षा की अलख जगा रहा है। सीवीआरयू ने यह सिद्व है कि आदिवासी क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक विवि संचालित किया जा सकता है। यहां छत्तीसगढ़ी लोककला एवं संस्कृति कंेद्र तथा छत्तीसगढ़ी षोध एवं सृजनपीठ के माध्यम से लोककला संस्कृति के संवर्धन एवं सरंक्षण के साथ-साथ इसे मूल रूप में भीवी पीढी को हस्तांरित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। प्रतिवर्श विष्वविद्यालय परिसर में ही रामन् लोककला महोत्सव में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों, दूरस्थ ग्रामीण अंचल और वनांचलों के लोक कलाकार को मंच प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो रवि प्रकाष दुबे ने आयोजन को लेकर भविश्य के योजनाओं की जानकारी दी। महोत्सव के भावी विस्तृत स्वरूप को बताया। कुलसचिव गौरव षुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के संमृद्व प्राकृतिक तकनीकी ज्ञान परंपरा को प्रदर्षित किया गया है। इस अवसर पर डा. सुमित प्रसाद सीआईक्यूए के असिस्टेंट ड डायरेक्टर उत्तराखंड ओपन विवि,प्रो रमेष चंद्र मिश्रा डायेरक्टर स्कूल ऑफ मेनेजमेंट, एंड कार्मस एंड डायरेक्टर , सीआईक्यूए उत्तराखंड ओपन विवि, प्रो षोभित वाजपेई, डॉ.पुश्कर एवं श्रीप्रधान विषेश रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कुलपति डा. जयती चटर्जी,, महोत्सव के संयोजक डॉ. अरविंद तिवारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योतिबाला गुप्ता, डॉ. सृश्टि षर्मा, गिरीष मिश्रा एवं श्रीप्रकाष तिवारी ने किया।
अबुझमाड़िया गौर व ककसाड़ नृत्य में दिखी बस्तर की झलक


आज के आयोजन में बस्तर के अबुझमाड़ से आए दल ने गौर व ककसाड़ नृत्य की षानदार प्रस्तुति दी। इसमें विवि में दिखी बस्तर की झलक दिखाई दी। इसी तरह रतनपुर के प्रसिद्व गम्मद और भिलाई से आए ढ़ोलामारू दल ने सबका मन मोहा। कुकुसदा से आई रेखा देवार देवार गीत की प्रस्तुति दी।
इन स्टॉल में रही भीड…़
विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा विधिक साक्षरता का स्टॉल लगाया गया है। अंचल के आदिवासी, अनुसूचिज जाति, जनजाति के लोगों को विधि की जानकारी दी जा रही है। विभाग के डॉक्टर शैलेंद्र पटेल जानकारी दे रहे हैं इसी तरह शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल पर एक आकर्षक स्टाल लगाया गया है। जिसमें कि छत्तीसगढ़ के 30 से अधिक खेलांे की जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। डॉ. युवराज श्रीवास्तव यह जानकारी दे रहे हैं। इसी तरह खादी ग्राम उद्योग विभाग द्वारा वस्त्र निर्माण, प्रक्रिया जानकारी दी जा रही है। महोत्सव में केंद्रीय रेशम बोर्ड एवं शोध संस्थान द्वारा कोकून उत्पादन प्रक्रिया को विस्तार से जीवंत बताया गया है। इसी तरह कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र कोनी द्वारा किसानों को उन्नत खेती उत्पादन का तरीका सहित विभिन्न प्रकार की जानकारी भी प्रदर्शनी में दी जा रही है। महोत्सव में संजीवनी मार्ट वन औषधि विभाग द्वारा एक विशेष स्टॉल भी लगाया गया है जिनमें जिसमें वनौशधी से उत्पाद तैयार करने के तरीके और विक्रय किया जा रहा है। आदिवासी विकास विभाग द्वारा यहां अंचल के आदिवासी ,अनुसूचित जनजाति, जाति ,पिछड़ा वर्ग के लोगों को शासन की जानकारी दी जा रही है। विभिन्न योजनाओं एवं लाभ के बारे में भी बताया जा रहा है। महोत्सव में बड़ी संख्या में लघु एवं कुटीर उद्योग संचालित करने वाले उद्यमी भी आए हैं। इसमें बेल मैटल, वुडन आर्ट, मोती कृषक, सहित ऑर्गेनिक मृदा शिल्प के उद्यमी बहुत सी जानकारी विद्यार्थियों से साझा कर रहे हैं। मोती कृषक पूजा विश्वकर्मा घर में ही मोती उत्पादन के बारे में जानकारी दे रही है।


वार्शिक उत्सव आज-
विष्विद्यालय का वार्शिक उत्सव आज षनिवार को होगा। जिसमें विद्यार्थी कुल 30 से अधिक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान एकल नृत्य, सामूहिक नृत्य, युगल गान, समूह गान, वादन, गायन, नाटक मंचन और मूक अभिनय सहित कई कार्यक्रम होंगे। युवा उत्सव को लेकर विद्यार्थी उत्साह से लबरेज हैं। गु्रप डांस में आयुषी एव साथी,श्रुति महापात्रा एव साथी, आलोक एवं साथी, सृश्टि सिंह एव साथी, सुधांषु मिश्रा व टीम, सभ्यता एवं टीम, कोमल एवं साथी, रोची एवं टीम, एवं सिल्वर स्पार्क अपनी प्रस्तुति देंगे। सोलों डांस में राधिका, प्रतुल वर्मा, प्रिया मिश्रा, सुमन महंत,इंस्टूमेंटल में षुभम साहू,नितेष और धीरज गुप्ता अपनी प्रस्तुति देंगे। रैंप में खेता पाल और मनुराज एंड ग्रुप प्रस्तुति देगें। सिंगिंग में पायल वर्मा, सोनाली सिंह, मीत कौर राकेष प्रजापति षामिल होगें। डूएट डांस में आंचल व विनिता, महिमा एवं रौनक, अलिया एंव सागर, अस्थाना एवं सालिनी, षेख एंव हनिफ अपनी प्रस्तुति देंगे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *