हमारी संस्कृति , हमारे लिये ही नहीं बल्कि, पूरी दुनियां के लिये एक अनमोल धरोहर है : दुनियां भर के लोग उसे जानना चाहते हैं , समझना चाहते हैं और जीना चाहते हैं- प्रधानमंत्री मोदी

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हमारी संस्कृति , हमारे लिये ही नहीं बल्कि, पूरी दुनियां के लिये एक अनमोल धरोहर है : दुनियां भर के लोग उसे जानना चाहते हैं , समझना चाहते हैं और जीना चाहते हैं- प्रधानमंत्री मोदी

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जनवरी 2022

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – शिक्षा और ज्ञान की तपो-भूमि रहा है। हमने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक तक ही सीमित नहीं रखा , बल्कि इसे जीवन के एक समग्र अनुभव के तौर पर देखा है। हमें भी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को खुद अपने जीवन का हिस्सा बनाते हुये सब लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करना चाहिये। हमारी संस्कृति , हमारे लिये ही नहीं बल्कि, पूरी दुनियां के लिये एक अनमोल धरोहर है। दुनियां भर के लोग उसे जानना चाहते हैं , समझना चाहते हैं और जीना चाहते हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर महीने की आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के 85 वें एपिसोड एवं इस साल के पहले एपिसोड में आज राष्ट्र को संबोधित करते हुये कही। यह कार्यक्रम इस बार अपने निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से शुरू हुआ। दरअसल आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है , पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम से पहले राजघाट पहुंचकर बापू को श्रद्धांजलि की। इसके बाद मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि , शिक्षा , कोरोना , गणतंत्र दिवस , सुभाष चंद्र बोस जयंती समेत कई विषयों पर अपने विचार रखे और भारत के भविष्य को लेकर युवाओं के सपनों का जिक्र किया। इसके अलावा उनके संबोधन पर विधानसभा चुनाव का असर भी दिखा , इस दौरान उन्होंने जाट राजा महेंद्र प्रताप का जिक्र किया। वे बीएचयू का भी जिक्र करना नहीं भूले। पीएम मोदी ने उत्तराखंड और मणिपुर का भी जिक्र किया , जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके अतिरिक्त पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह से लेकर बच्चों की तरफ से भेजी गई मन की बात के बारे में भी बताया। उन्होंने गांधी जी को नमन करने व श्रद्धांजलि देने के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये वर्ष 2022 की पहली ‘मन की बात’ है। आज हम फिर ऐसी चर्चाओं को आगे बढ़ायेंगे , जो हमारे देश और देशवासियों की सकारात्मक प्रेरणाओं और सामूहिक प्रयासों से जुड़ी होती हैं। पीएम ने महात्‍मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुये कहा आज हमारे पूज्य बापू महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है , आज उनकी शिक्षा को याद करने का दिन है। पीएम मोदी ने कहा, “अभी कुछ दिन पहले ही हमने गणतन्त्र दिवस भी मनाया | दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झाँकी देखी, उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है। भारतीय संस्कृति के विविध रंगों और आध्यात्मिक शक्ति ने हमेशा से दुनियां भर के लोगों को अपनी ओर खींचा है। पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में राष्ट्रपति के अंगरक्षक ‘विराट’ घोड़े का भी अपने संबोधन में जिक्र किया। विराट इस बार गणंतत्र दिवस में सेवानिवृत्त हो गया। पीएम ने कहा कि भारत के लोगों की यही खूबी है कि हम हर चेतन जीव से प्रेम का संबंध बना लेते हैं। इस वर्ष आर्मी डे पर घोड़े विराट को सेना प्रमुख द्वारा भारतीय सेना के युद्ध सम्मान भी दिया गया। विराट की विराट सेवाओं को देखते हुये उसकी सेवा-निवृत्ति के बाद उतने ही भव्य तरीक़े से उसे विदाई दी गई। विराट वर्ष 2003 में राष्ट्रपति भवन आया था और हर बार गणतंत्र दिवस पर कमांडेट चार्जर के तौर पर परेड को लीड करता था। जब किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का राष्ट्रपति भवन में स्वागत होता था तब भी वो अपनी ये भूमिका निभाता था। पीएम मोदी ने इस दौरान सुभाष चंद्र बोस को भी नमन किया। उन्‍होंने नेताजी की प्रतिमा का जिक्र करते हुये कहा, ‘इंडिया गेट पर नेताजी की डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गई है , इस बात का जिस प्रकार से देश ने स्वागत किया। देश के हर कोने से आनंद की जो लहर उठी , हर देशवासी ने जिस प्रकार की भावनायें प्रकट की , उसे हम कभी भूल नहीं सकते। उन्‍होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को पुनः प्रतिष्ठित कर रहा है। हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप ‘अमर जवान ज्योति’ और पास में ही नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्ज्वलित ज्योति को एक किया गया। इस भावुक अवसर पर कितने ही देशवासियों और शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे। सच में अमर जवान ज्योति की ही तरह हमारे शहीद , उनकी प्रेरणा और उनके योगदान भी अमर है। पीएम मोदी ने कहा, ‘नेशनल वॉर मेमोरियल में आजादी के बाद से शहीद हुये देश के सभी जाबांजों के नाम अंकित किये गये हैं। जब भी अवसर मिले नेशनल वॉर मेमोरियल जरूर जायें , अपने परिवार और बच्चों को भी जरूर ले जायें। यहां आपको एक अलग ऊर्जा और प्रेरणा का अनुभव होगा। पीएम ने बताया कि अमृत महोत्सव के आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिये गये। एक है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार , ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले जिन्होंने छोटी सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किये हैं। अपने घर के बच्चों को इन साहसिक बच्चों के बारे में जरूर बतायें। पीएम ने कहा एक परिवर्तन जो आपने देखा होगा अब गणतंत्र दिवस समारोह 23 जनवरी यानि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी तक यानि गाँधी जी की पुण्यतिथि तक चलेगा।पद्मश्री सम्मान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है।पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये हमारे देश के गुमनाम हीरो हैं , जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किये हैं। जैसे कि उत्तराखंड की बसंती देवी जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है , जिन्होंने अपना पूरा जीवन संघर्षों के बीच जीया। इसी कड़ी में उन्होंने कर्नाटक के टनल मैन के नाम से प्रसिद्ध किसान अमाई महालिंगा नाइक , मध्यप्रदेश के अर्जुन सिंह , मणिपुर की लौरेम्बम बीनो देवी के उल्लेखनीय कार्यों को भी याद किया।पीएम मोदी ने कहा कि निश्चित तौर पर भीकाजी कामा स्वाधीनता आंदोलन की सबसे जांबाज महिलाओं में से एक थीं। वर्ष 1907 में उन्होंने जर्मनी में तिरंगा फहराया था , इस तिरंगे को डिजाइन करने में जिस व्यक्ति ने उनका साथ दिया था वो थे- श्यामजी कृष्ण वर्मा। उनकी इच्छा थी कि उनकी अस्थियां भारत लाई जाये। शायद परमात्मा की इच्छा होगी ये काम मैं करूं और इस काम का सौभाग्य भी मुझे ही मिला। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो वर्ष 2003 में उनकी अस्थियां भारत लाई गई थीं। श्यामजी कृष्ण वर्मा की स्मृति में उनके जन्म स्थान कच्छ के मांडवी में एक स्मारक का निर्माण भी हुआ है। इस दौरान पीएम के संबोधन में चुनावी राज्यों को की झलक दिखाई दी। उन्होंने इन राज्यों को साधने की कोशिश की। पीएम ने जाट राजा महेंद्र प्रताप का जिक्र करते हुये कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने एक टेक्निकल स्कूल की स्थापना के लिये अपना घर ही सौंप दिया था। उन्होंने अलीगढ़ और मथुरा में शिक्षा केंद्रों के निर्माण के लिए खूब आर्थिक मदद की। मुझे खुशी है कि शिक्षा के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने की वही जीवंत भावना भारत में आज भी कायम है। शिक्षा को लेकर ये जागरूकता समाज में हर स्तर पर दिख रही है। इस दौरान पीएम ने त्रिपुर के नारी पानी बेचकर गुजर बसर करने वाली तायम्मल के एक लाख रुपये स्कूल के लिये दान करने और आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र जय चौधरी के साढ़े सात करोड़ रुपये दान करने का भी जिक्र किया। इस बीच उन्होंने युवाओं से प्रश्न किया कि आप एक बार में कितने पुस -अप कर सकते हैं। मैं जो बताने वाला हूं वो निश्चित रूप से आपको आश्चर्य से भर देगा। मणिपुर में चौबीस साल के युवा थौनाओजम निरंजॉय सिंह ने एक मिनट में 109 पुस -अप का रिकॉर्ड बनाया है। पीएम ने अपने संबोधन में लद्दाख का जिक्र करते हुये कहा लद्दाख को जल्द शानदार ओपन सिंथेटिक ट्रैक और एस्ट्रो टर्फ फुटबॉल स्टेडियम मिलेगा। दस हजार फीट की ऊंचाई पर बन रहा ओपन स्टेडियम तीस हजार दर्शकों वाला होगा। यहां एक हजार बेड वाले हॉस्टल की सुविधा भी होगी। इस स्टेडियम को फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था फीफा ने भी सर्टिफाई किया है।

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