भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में गायत्री परिवार का प्रयास सराहनीय – महामहिम राष्ट्रपति
भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में गायत्री परिवार का प्रयास सराहनीय – महामहिम राष्ट्रपति
भुवन वर्मा बिलासपुर 29 नवंबर 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
हरिद्वार – अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द , उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह एवं उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत आज देव संस्कृति विश्वविद्यालय एवं शांतिकुंज पहुंचे। देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचने पर प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या , कुलपति शरद पारधी , कुलसचिव बलदाउ देवांगन ने माननीय राष्ट्रपति महोदय का पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत अभिनन्दन किया। विश्वविद्यालय परिसर स्थित मृत्युंजय सभागार में राष्ट्रपति , राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री के साथ देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रमुख पदाधिकारियों एवं आचार्यों का सामूहिक छायाचित्र का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने माननीय राष्ट्रपति को शांतिकुंज स्वर्ण जयंति वर्ष के गायत्री प्रतिमा स्मृति चिन्ह , गंगाजलि , देसंविवि स्वावलंबन विभाग निर्मित जूट बैग एवं पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिपादित सार्वभौम प्रज्ञा योग मार्गदर्शिका भेंट किया। तत्पश्चात् राष्ट्रपति ने देसंविवि के पावन प्रांगण में स्मृति स्वरूप रुद्राक्ष के पौधे का भी रोपण किया। साथ ही परिवार सहित प्रज्ञेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा-अर्चना कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। यहां विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वैदिक मंत्रोच्चारण कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई। भारत एवं बाल्टिक देशों के संबंधों की मधुरता एवं मजबूती बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित एशिया का प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र का अवलोकन करते हुये राष्ट्रपति ने इसके माध्यम से किये जा रहे प्रयासों और अनुसंधानों की प्रशंसा की व राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री से इन गतिविधियों को अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर ले जाने के लिये प्रोत्साहित किया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय भ्रमण के दौरान यहां के मूल्यपरक शिक्षण प्रणाली , वैज्ञानिक अध्यात्मवाद , योग आयुर्वेद , अनुसंधान , स्वावलंबन एवं विभिन्न रचनात्मक व शैक्षणिक गतिविधियों का राष्ट्रपति ने अवलोकन करते हुये विवि द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने यहां शांतिकुंज चौके में निर्मित सात्विक भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
गायत्री परिवार की संरक्षिका माता भगवती देवी शर्मा अपने हाथों से इसी चौके पर गायत्री परिवार परिजनों को भोजन प्रसाद कराती रही जिसके बल पर छोटा सा परिवार आज अठारह करोड़ परिजनों का परिवार बन गया है। इसके पश्चात् वे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचे। यहां उन्होंने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा जी के पवित्र पावन कक्ष का दर्शन किया जहां आचार्यश्री ने विश्वमानवता के लिये साधना एवं साहित्य सृजन का महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न किया था। युगऋषि द्वारा वर्ष 1926 से प्रज्जवलित अखण्ड दीपक का दर्शन किये जिसके समक्ष युगऋषि ने गायत्री महामंत्र के चौबीस- चौबीस लाख के चौबीस महापुरश्चरण चौबीस साल तक अनवरत सम्पन्न किये। यह अखण्ड दीपक गायत्री परिजनों के श्रद्धा का केन्द्र है। गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी जी ने माननीय राष्ट्रपति का शांतिकुंज स्वर्ण जयंती वर्ष में शांतिकुंज आगमन पर स्वागत अभिनंदन एवं भेंटवर्ता की। डॉ. प्रणव पण्ड्या ने शांतिकुंज द्वारा चलाये जा रहे युवा जागरण , नारी जागरण , पर्यावरण आंदोलन सहित सप्त आंदोलन एवं विभिन्न रचनात्मक व सृजनात्मक कार्यक्रमों की जानकारी दी। राष्ट्रपति महोदय ने शांतिकुंज द्वारा चलाये जा रहे भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु गायत्री परिवार कार्यकर्ता एवं समाज में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने माननीय राष्ट्रपति को गायत्री महामंत्र चादर एवं युगऋषि पूज्य आचार्यश्री द्वारा रचित साहित्य भेंटकर सम्मानित किया।