उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद के.टी.एस. तुलसी द्वारा मार्डनाइजेशन ऑफ किमिनल जस्टिस सिस्टम इन इंडिया विषय पर विधि ब्याख्यान माला :अधिवक्तागण के ज्ञानवर्धन हेतु बेहतर आयोजन
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद के.टी.एस. तुलसी द्वारा मार्डनाइजेशन ऑफ किमिनल जस्टिस सिस्टम इन इंडिया विषय पर विधि ब्याख्यान माला :अधिवक्तागण के ज्ञानवर्धन हेतु बेहतर आयोजन
भुवन वर्मा बिलासपुर 27 नवम्बर 2021
बिलासपुर । आज महाधिवक्ता कार्यालय में महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के प्रयास से विधि व्याख्यान माला दितीय चरण का आयोजन किया गया। जिसमें उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद के.टी.एस. तुलसी के द्वारा मार्डनाइजेशन ऑफ किमिनल जस्टिस सिस्टम इन इंडिया विषय पर विस्तृत उदबोधन दिया गया और उनके साथ आये हुए उनके एसोसिएट्स द्धारा एलसीडी स्क्रीन पर प्रेजेंटेशन देते हुए इस विषय पर काफी सारी कानुनी बारीकियाँ बताई गई। सर्वप्रथम माननीय महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा द्वारा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद के.टी.एस. तुलसी का पुष्पगुच्छ द्वारा स्वागत कर उदबोधन किया गया। तत्पश्चात अमृतो दास अतिरिक्त महाधिवक्ता के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया, मंच संचालन में उप महाधिवक्ता हमीदा सिद्धीकी ने भी भूमिका निभाई। डॉ अजय सिंह सहायक प्राध्यापक विधि विभाग गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के द्वारा भी उपरोक्त विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई। विवेकरंजन तिवारी अतिरिक्त महाधिवक्ता के द्वारा मुख्य अतिथि एवं सभी आमंत्रितों का आभार ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर अटल श्रीवास्तव अध्यक्ष छग पर्यटन बोर्ड, शैलेष पांडे माननीय विधायक बिलासपुर, वैजनाथ चंद्राकर अध्यक्ष छग राज्य केंद्रीय सहकारी बैंक मर्यादित, विजय केशरवानी अध्यक्ष जिला कांग्रेस, प्रमोद नायक अध्यक्ष जिला केंदीय सहकारी बैंक, विजय पांडेय अध्यक्ष शहर कांग्रेस, अनिल टाह, राजेंद्र शुक्ला, संदीप दुबे, आदि गणमान्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। महाधिवक्ता कार्यालय के समस्त शासकीय अधिवक्तागण, कर्मचारीगण के अलावा उच्चन्यायालय एव जिला न्यायालय के कई अधिवक्तागण उपस्थित रहे। विदित हो कि महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के द्वारा पदभार ग्रहण करने के पश्चात महाधिवक्ता कार्यालय के शासकीय एवं पैनल अधिवक्तागण के ज्ञानवर्धन हेतु प्रारंभ किये गये प्रयासों की कड़ी के अंतर्गत यह दुसरी बार ख्यातिप्राप्त विधिविशेषज्ञों को आमंॠित किया गया है।