महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड : छत्तीसगढ़ ने फिर हासिल किया राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मान 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ को , पुरस्कार का श्रेय प्रदेश की जनता को – मुख्यमंत्री भूपेश

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महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड : छत्तीसगढ़ ने फिर हासिल किया राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मान 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ को , पुरस्कार का श्रेय प्रदेश की जनता को – मुख्यमंत्री भूपेश

भुवन वर्मा बिलासपुर 20 नवम्बर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – छत्तीसगढ़ को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह अवार्ड ग्रहण किया। कार्यक्रम में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी , राज्य मंत्री कौशल किशोर भी शामिल रहे। बताते चलें छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराकर देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ को ना सिर्फ़ राज्य के रूप में , बल्कि यहां के 61 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये विभिन्न श्रेणियों पुरस्कृत किया गया है। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य होगा जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किये जा रहे हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिये जाने वाले 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ से संबंधित है , यह प्रदेश की सबसे बड़ी उपलब्धि है। केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित विश्व की सबसे बड़ी स्वच्छता प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे वर्ष भी बाजी मारी है। इस मामले में छत्तीसगढ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है। नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने मुख्यमंत्री के साथ ही समारोह में शहरी विकास मंत्री शिव कुमार डहरिया , अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू , विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी , आवासीय आयुक्त सुश्री एम० गीता , स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर सौमिल रंजन चौबे आदि उपस्थित रहे।


 
पुरस्कार का श्रेय प्रदेश की जनता को – सीएम बघेल

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम् राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है। मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा , जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नई संस्कृति का निर्माण किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय द्वारा हर साल देश के समस्त शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है। इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आंकलन किया जाता है। मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण , कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान , खुले में शौच मुक्त शहर , कचरा मुक्त शहर आदि का थर्ड पार्टी के माध्यम से आंकलन करते हुये नागरिकों के फीडबैक को भी इसमें शामिल किया जाता है। इसी आधार पर राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है। छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा , गरूवा , घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ़ प्लस प्लस राज्य घोषित किया गया है।

इन निकायों को भी मिला पुरस्कार

अंबिकापुर , रायपुर , भिलाई- चरोदा , बिरगांव , चिरमिरी , भाटापारा , कवर्धा , बेमेतरा , जशपुर नगर , दीपका ,पाटन , दोरनापाल ,चंद्रपुर , उतई , अभनपुर , सूजरपुर , घरघोड़ा , किरोड़ीमल नगर , रायगढ़ , छुरियाकला , कोरबा , बिलासपुर , राजनांदगांव , धमधा , अहिरवारा , भिलाई नगर , दुर्ग , बालोद , चिखलकासा , गोबरा नवापारा , कुरा , सराईपाली , मगरलोड , बड़ेबिचौली , रिसाली , बैकुंठपुर , प्रेमनगर , अकलतरा , शिवरीनारायण , चांपा , खैरागढ़ , छुरिया , डौंडी , कसडोल , माना कैम्प , राजिम , खरोरा , बसना , खम्हरिया शामिल हैं।
 
 

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