गुरुदारा गुरुसिंग सभा दयालबंद मे सिख्खो के प्रथम, गुरु धन’ धन श्री गुरुनानकदेव जी का 552 वा प्रकाश पर्व बड़े उत्साहक के साथ 19 नवम्बर को

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गुरुदारा गुरुसिंग सभा दयालबंद मे सिख्खो के प्रथम, गुरु धन’ धन श्री गुरुनानकदेव जी का 552 वा प्रकाश पर्व बड़े उत्साहक के साथ 19 नवम्बर को

भुवन वर्मा बिलासपुर 18 नवम्बर 2021

बिलासपुर -श्री गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई। पंज प्यारों ने शोभा यात्रा की अगुवाई की। इस दौरान पूरा नगर शबद कीर्तन से गूंजता रहा। शोभायात्रा का श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया।
नगर के प्रमुख मार्ग पर शबद, कीर्तन के साथ ही जो बोले सो निहाल सत श्रीअकाल.., वाहे गुरुजी की खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह आदि के जयकारे से गूंज उठे। इस दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को सुंदर पालकी मे सजाया गया था जिसके आगे महिलाएं और युवतियां पर झाड़ू लगाकर सड़क को साफ-सुथरा करते चल रही थी। जिसके पीछे फूलो की वर्षा हो रही थी, वहीं जगह-जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। साथ ही प्रसाद भी वितरण किया गया।
बुधवार शाम पांच बजे के बाद सिक्ख धर्म के प्रणेता श्री गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव पर स्थानीय गुरुद्वारे से शोभायात्रा निकाली गई। इसमें गुरुनानक देव की विशाल झांकी तैयार की गई थी। इसे फूलों से सजाया गया था। इसमें गुरू ग्रंथ साहेब को विशेष साज-सज्जा के साथ रथारूढ़ किया गया जिसकी अग्रवाइ पंज प्यारो ने की
शोभायात्रा के साथ ही पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर गुरबानी का गायन करते श्रद्धालुओं का हुजूम था। श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे गुरबानी पाठ व शबद गायन से पूरा नगर गूंजता रहा। शोभायात्रा को लेकर युवाओं और बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। महिलाएं और पुरूष पारंपरिक वेशभूषा में शोभायात्रा में शामिल हुए। वहीं अन्य धर्मों के लोग भी इसमें नजर आए। शोभायात्रा के लिए मुख्य मार्गों में विशेष सजावट की गई थी। शोभायात्रा का श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया।

यहां यात्रा में शामिल लोगों के लिए विशेष तौर पर इस मौके पर आतिशबाजी का विशेष कार्यक्रम रखा गया था जिसने प्रकाशोत्सव की खुशियों में चार चांद लगा दिए। शोभायात्रा वापस गुरूद्वारे पहुंची। जहा पूरे समान के साथ गुरु ग्रंथ साहेब को उनके निज स्थान मे पंज प्यारो के साथ ले जाया गया जहा, समाप्ति पश्चात्,प्रबंधक कमेटी द्वारा पंज प्यारो का संम्मन किया गया समाप्ति उपरांत, सतविंदर् छाबडा के परिवार द्वारा गुरु के लंगर की सेवा की गई
पर्व के लिए गुरुद्वारे को भी विशेष तौर पर सजाया गया था। दीपमालिकाओं से इसकी आकर्षक सजावट की गई थी वहीं गुरू ग्रंथ साहेब की आसंदी को भी विशेष तौर पर सजाया गया था। यहां गुरुकीर्तन का कार्यक्रम रखा गया था।
इस मौके, नगर के बढ़ी संख्या में सिख समुदाय सहित नगर गणमान्य नागरिक मौजूद रहें।
गुरुदारा गुरुसिंग सभा दयालबंद मे सिख्खो के प्रथम, गुरु धन’ धन श्री गुरुनानकदेव जी का 552 वा प्रकाश पर्व बड़े उत्साहक साथ मनाया मे लिखते बल हये सुब काराना महामारी को ध्यान हुये प्रभात फेरी (नगर कीर्तन) आयोजन बेहद सादेगी रे साथ बिना आलीशी बाजी गुरुद्वारा गोडपारा सुबह 7 बजे से 9 बजे तक ज्ञ लकर गुरुद्वारा दयालबद तक आयेगी। जिसमें छोटे छोटे बच्चा द्वारा गतका प्रदर्शन किया जायेगा साथ, ही की कुछ बच्चों द्वारा विशेष रूप से बैंड तैयारी रही है जिसमे बच्चा हारा शब्द गायन करते हुए अपने गुरु के पुति आस्था व श्रद्धा का भाव दर्शया जायेगा

19 नवम्बर को प्रकाश पर्व के उपलक्ष में सुबह से ही विशेष कीर्तन दीवान का सजाया जायगा । जिसमे विशेष रूप से हाजरी भरने के लिए दरबार साहिब हजूरी रागी जत्या भाई साहिब भाई गुरदेव सिंह जी व भाई साहिब माई सरबजीत सिंह जी नूरपूरी व हजूरी रागी जत्था दयालबद से, भाई सतवीर सिह जी व हेड ग्रंथी भाई मान सिंग जी हाजरी भरेगे । पूरे सिख्ख समाज में से पर्व मनाने के लिए बहुत ही उत्साह दिखाई दे रहा है।

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