खैरागढ़ विधायक राजा देवव्रत सिंह का निधन: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत , जोगी कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी बोले- बड़े भाई को खो दिया

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खैरागढ़ विधायक राजा देवव्रत सिंह का निधन: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत – जोगी कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी बोले- बड़े भाई को खो दिया

भुवन वर्मा बिलासपुर 4 नवंबर 2021

राजनांदगांव । जिले के खैरागढ़ से जोगी कांग्रेस विधायक और राजा देवव्रत सिंह (52) का बुधवार देर रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। दीपावली के अवसर पर वह अपने निवास पर ही थे। उन्होंने शाम तक लोगों से मुलाकात की और परिवार के सदस्यों से बातचीत करते रहे। देर रात करीब 3 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी |

सीने में दर्द होने पर उन्हें खैरागढ़ सिविल अस्पताल ले जा रहे थे। बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विधायक प्रतिनिधि यतेंद्र जीत सिंह और राजनांदगांव के सीएमएचओ मिशलेश चौधरी ने उनकी मौत की पुष्टि की है।

विधानसभा चुनाव 2018 से पहले ही देवव्रत सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) में शामिल हुए थे। खैरागढ़ सीट के विधायक होने के साथ ही उनकी पहचान एक ओजस्वी प्रवक्ता के रूप में थी। छत्तीसगढ़ की सियासत में उन्होंने काफी कम उम्र में ही एक अलग पहचान बना ली थी। सिंह के निधन की खबर के बाद से उनके समर्थकों में शोक की लहर है। सुबह से ही उनके निज निवास पर समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।

चार बार विधायक, एक बार सांसद रहे विधायक देवव्रत सिंह खैरागढ़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हुए। एक बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद भी रहे। वह FCI (भारतीय खाद्य निगम) के अध्यक्ष भी थे। साथ ही कई के संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे।

• 1995 से 1998 तक खैरागढ़ से मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। • 1998 से 2003 तक पहले मध्य प्रदेश,

फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य रहे । • 2007 से 2009 तक राजनांदगांव से

लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने। • फरवरी 2018 में कांग्रेस छोड़ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में शामिल हुए फिर विधायक चुने गए।

जोगी कांग्रेस अध्यक्ष जोगी बोले- बड़े भाई की तरह बढ़ाते थे

मनोबल विधायक देवव्रत सिंह के निधन पर JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से पूरा प्रदेश स्तब्ध है। हमारी 25 दिन पहले ही मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरा एक बड़े भाई की तरह मनोबल बढ़ाया। इतने युवा, समझदार और अनुभवी नेता के अचानक चले जाने से छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बहुत बड़ा अधूरापन उत्पन्न हो गया

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