अयोध्या एक नई सांस्कृतिक नगरी बननी चाहिये – सीएम योगी : राम की पैड़ी पर नौ लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में तीन लाख दीपक जलाये गये , जबकि रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीये
अयोध्या एक नई सांस्कृतिक नगरी बननी चाहिये – सीएम योगी : राम की पैड़ी पर नौ लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में तीन लाख दीपक जलाये गये , जबकि रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीये
भुवन वर्मा बिलासपुर 3 नवंबर 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
अयोध्या – उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम नगरी अयोध्या में छोटी दीवाली के अवसर पर आयोजित दीपोत्सव 2021 कार्यक्रम में भगवान राम और माता सीता का किरदार निभा रहे कलाकारों का सांकेतिक राजतिलक किया। इसके अलावा भारत में वियतनाम , केन्या , त्रिनिदाद और टोबैगो के राजदूत ने भी अयोध्या में दिवाली समारोह के दौरान भगवान राम , भगवान लक्ष्मण और देवी सीता के किरदार निभाने वाले कलाकारों का ‘राजतिलक’ किया। इस मौके पर सीएम योगी ने अयोध्या में 661 करोड़ रुपये की 50 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। अयोध्या में आयोजित इस भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में राम की नगरी को 12 लाख दीयों से सजाया गया। 32 टीमों ने मिलकर 12 लाख दीये जलाये , जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। 12 लाख दीयों को जलाने के लिये 36 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल हुआ। राम की पैड़ी पर नौ लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में तीन लाख दीपक जलाये गये , जबकि रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीये जलाये गये। दीयों की गिनती के लिये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंची थी।
इस दौरान उन्होंने प्रभु श्रीराम पर आधारित कई पुस्तकों का लोकार्पण ही किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क में दीपोत्सव के मंच से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के कार्य को पूरे भारत के लिये गौरव का विषय बताते हुये कहा कि यह उनके लिये भी व्यक्तिगत स्तर पर गर्व का क्षण है , क्योंकि वे इस आंदोलन में शामिल होने वाली तीसरी पीढ़ी हैं। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में जिस काम को दुनियां असंभव बोलती थी , उसे संभव कर दिया गया है। इसे भारत के लोकतंत्र की ताकत बताते हुये उन्होंने कहा कि यह भारत के जनमानस की आस्था की जीत है। दीपोत्सव को देश का कार्यक्रम बताते हुये सीएम योगी ने कहा कि पांच वर्ष पहले इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं होता था। प्रदेश में हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गई। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अयोध्या में चल रहे सारे कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे। उन्होंने कहा पांच साल पहले जब दीपोत्सव की चर्चा आयी थी तो उस वक्त अयोध्या में दिवाली पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं होता था। आज यहां केंद्रीय मंत्रियों से लेकर तीन देशों के उच्चायुक्त और सैकड़ों लोग अपनी प्यारी अयोध्या नगरी को देखने आये हैं , यह अपने आप में बड़ा उत्सव है। लखनऊ , आगरा , काशी , प्रयाग में भी हर एक जगह भव्यता से इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।उन्होंने कहा मैं वर्ष 2017 में अयोध्या के पहले दीपोत्सव में आया था , उस समय एक ही नारा गूंज रहा था। योगी जी एक काम करो , मंदिर का निर्माण करो। मैं तब भी कहता था कि मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है , मंदिर का निर्माण हो रहा है। अब सभी लोग इस बात से खुश हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है।मुख्यमंत्री ने बताया कि जब भगवान राम जी का अयोध्या में प्रकटीकरण हुआ था तो उस समय मेरे दादा गुरु आंदोलन के अगुआ थे। राम मंदिर निर्माण को लेकर जब आंदोलन शुरू हुआ उंस समय मेरे पूज्य गुरु राम जन्मभूमि यज्ञ समिति के अध्यक्ष थे और मुझे भी पूरे कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। हालांकि, उन्होंने तीनों पीढ़ियों की भूमिका को प्रभु की लीला बताते हुये यह भी कहा कि किस व्यक्ति को कौन सी भूमिका अदा करनी है ? यह प्रभु ही तय करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या एक नई सांस्कृतिक नगरी बननी चाहिये। वर्ष 2023 तक कोई ताकत मंदिर के निर्माण को नही रोक सकती क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है। पहले उत्तरप्रदेश की जनता का पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्रीवॉल बनाने पर खर्च होता था , आज मंदिरों के पुर्ननिर्माण और सौंदर्यीकरण पर खर्च हो रहा है , हमारी और उनकी सोच में यही अंतर है। जिनको कब्रिस्तान प्यारा था वे जनता का पैसा वहां लगाते थे , जिन्हें धर्म और संस्कृति प्यारी है वे उसके उत्थान और उन्नयन के लिये जनता के पैसे का उपयोग कर रहे हैं। अयोध्या के साथ काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर सज रहा है , देश के पांच सौ मंदिरों का पुनरोद्धार हो रहा है , तीन सौ मंदिरों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसके अलावा दो सौ के कार्य अगले माह तक पूरे हो जायेंगें। उन्होंने विपक्षियों पर निशाना साधते हुये कहा वर्ष 1990 में अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलायी गयी थी , उस समय जय श्रीराम बोलना अपराध माना जाता था। जो कल तक राम भक्तों पर गोली चला रहे थे , आज वे झुक गये हैं। ऐसा ही चलता रहा तो अगली कार सेवा में गोली नहीं चलेगी। इसके बजाय वे लोग भी राम भक्त की लाइन में लगे दिखाई देंगे , अगली कारसेवा में राम भक्तों और कृष्ण भक्तों पर पुष्पों की वर्षा होगी। अयोध्या में हुये पांचवें दीपोत्सव कार्यक्रम के लिये सुरक्षा के भी खास बंदोबस्त किये गये थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे वहीं, जगह-जगह बैरिकेडिंग भी लगायी गयी थी साथ ही नया घाट से राम की पैड़ी जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया था। सरयू पर बने पुराने पुल पर भी आवागमन बंद किया गया है।