अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा गूगल मीट पर अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस,अंतर्राष्ट्रीय साइन लैंग्वेज दिवस , विश्व हैजा दिवस, कवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती पर ऑनलाइन कार्यक्रम

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अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा गूगल मीट पर अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस,अंतर्राष्ट्रीय साइन लैंग्वेज दिवस , विश्व हैजा दिवस, कवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती पर ऑनलाइन कार्यक्रम

भुवन वर्मा बिलासपुर 24 सितंबर 2021

बिलासपुर ।कार्यक्रम का श्री गणेश अध्यक्ष डॉ अनीता अग्रवाल ने पितरों को नमन कर गणेश वंदना से किया। वे स्वयं पर्यावरण विषय की प्रोफेसर होने के नाते बताया हैजा एक पानी से उत्पन्न होने वाला रोग है जो संक्रमित है और उल्टी दस्त होने के कारण शरीर में पानी की कमी होने से ये कैंसर से भी ज्यादा घातक सिद्ध होती है संक्रमित को मरने का समय भी नही मिलता है संक्रमित की तत्काल मृत्यु हो जाती है। इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए संक्रमित को सभी से दूर रख घर में ओ आर एस का घोल देते रहना चाहिए और तत्काल अस्पताल ले जा इलाज करवाना चाहिए।

डॉ अनीता अग्रवाल ने मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता अंजली चावड़ा और विशिष्ट अतिथि डॉ श्वेता चेतानी, का डिजिटल रोली चावल का तिलक लगा श्री फल, मनी प्लांट का पौधा, स्मृति चिह्न भेट कर स्वागत किया।

उमा बंसल कार्यक्रम संचालक ने स्वागत कविता से ससम्मन स्वागत कर डिजिटल मंच पर वक्तत्व के लिए मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को क्रमशः डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

अंतरराष्ट्रीय बधिरता सप्ताह के पहले दिन अंतराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता अंजली चावड़ा विशेष बच्चो की प्राध्यापिका, सक्षम संस्था की प्रांत प्रमुख ने अपने वक्तत्व में बताया अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मुख बधिर इंसान के लिए सांकेतिक साईन भाषा मातृ भाषा है ये एक वरदान है। इस भाषा की जागरूकता और उसके महत्व को बताने के लिए ही ये खास दिन मनाया जाता है. उन्होंने बताया आपने अकसर देखा होगा जो लोग सुनने और बोलने में सक्षम नहीं होते उनका अपनी बात रखने का अलग ढंग होता है. जैसे कि वे अपने हाथ, चेहरे और शरीर के हावभाव से बात करते हैं जिसे सांकेतिक भाषा यानी साइन लैंग्वेज कहते है। सांकेतिक भाषा एक प्राकृतिक भाषा है जो सिर्फ शरीर के हाव-भाव पर ही आधारित है. इसे एक दृ्श्य भाषा विजुअल लैंग्वेज भी कहा जाता है जो कि सिर्फ दिखाई देती है क्योंकि इस भाषा को लिखा नहीं जा सकता। यह भाषा मूक-बधिर लोगों की मातृभाषा है। इन्होंने बताया सेवा की दृष्टि को ध्यान में रख अपनी पुत्री को रायपुर के कॉलेज में इस विषय पर बी एड करवा रही है।

विश्व हैजा दिवस पर कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉक्टर चेतानी ने बताया यह रोग एक अत्यंत उग्र रोग होता है। यह रोग अत्यंत घातक है।हैजा रोग में व्यक्ति के संक्रमण दर का पता नहीं चलता है|इसमें अधिकांश केवल हल्के लक्षण का अनुभव होगा।इससे ग्रसित लोगों में से बीस प्रतिशत, तथापि, विपुल पानी दस्त, उल्टी, और पैर में ऐंठन सहित अधिक गंभीर लक्षण होते है| व्यक्ति इसमें कुछ ही मिनटों, घंटे के भीतर मर सकता है। इसके बचाव के लिए पानी उबाल कर पीना चाहिए। थोड़े से लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले इलाज करवाना चाहिए।

प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष ने बताया राम धारी सिंह दिनकर जी साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं ऐसे महान कवि को श्रद्धांजलि दे उनकी कविता का पाठ किया। आज का इतिहास बताया।पांच हफ्ते के भीषण युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की पहल पर 23 सितंबर को ही युद्ध खत्म करने की घोषणा की गई। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई टैंकों को बर्बाद कर दिया था। फुसाजिरो यामाउचि ने 1889 में आज ही के दिन जापानी गेमिंग कंपनी निन्तेंडो कोप्पई बनाई।

कार्यक्रम की सदस्य उषा कलानोरिया, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, रंजना गर्ग, नीलिमा गोयल, सिया अग्रवाल, रेखा गर्ग, प्रेमलता गोयल, कुसुम अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, मंजू गोयल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।

संपूर्ण विश्व की शांति, मानवता की भावना, राष्ट्र प्रेम, अपनी के लिए संवेदनशता हो देश हिंसा मुक्त, तनाव मुक्त हो की मंगल भावना से शांति पाठ द्वारा विधिवत कार्यक्रम का समापन किया गया।

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