जनसंख्या का विकास के साथ अन्तर्सम्बन्ध होता है – डॉ डी डी शर्मा : विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में

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जनसंख्या का विकास के साथ अन्तर्सम्बन्ध होता है : डॉ डी डी शर्मा : विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में

भुवन वर्मा बिलासपुर 12 जुलाई 2021


बिलासपुर : “जनसंख्या का विकास के साथ अन्तर्सम्बन्ध होता है।” उक्त उद्गार डॉ डी डी शर्मा विभागाध्यक्ष भूगोल मानव संशाधन केंद्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग शिमला ने राष्ट्रीय सेवा योजना अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर द्वारा आयोजित विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्य वक्ता की आसंदी से व्यक्त किया। अत्यंत सारगर्भित, बहुआयामी, सामंजस्यपूर्ण वक्तव्य में उन्होंने कहा कि जनसंख्या केंद्रित विकास की योजना और उसके ईमानदारी पूर्वक क्रियान्वयन से ही राष्ट्र का समुचित विकास संभव है। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर प्रथम विश्व अमेरिका, द्वितीय विश्व रूस, चीन और तृतीय विश्व भारत जैसे अनेक देशों के परिपेक्ष्य में विकास के मायने अलग-अलग हैं। उन्होंने जनसंख्या और विकास के संबंध में विश्व के कई देशों का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए भारत के परिपेक्ष्य में भी विकास के साथ पर्यावरणीय मुद्दे को उठाया। उन्होंने भारत के विकसित राज्य हरियाणा एवं पंजाब में जेंडर असमानता की अधिकता और पिछड़े राज्यों में कमी को भी भी विकास के साथ जोड़कर बताया। जनसंख्या और विकास को केवल आर्थिक या सामाजिक ही नहीं अपितु राजनैतिक, पर्यावरणीय दृष्टि से भी सोचना जरूरी है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के गुर्जरों के लिए शासन द्वारा बनाई गई नीति का उदाहरण भी दिया।


कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर ने कहा कि जनसंख्या शब्द जन और संख्या से मिलकर बना है। जन में मानवीय मूल्य जुड़ा है तो संख्या शब्द के साथ संवेदना नहीं है। जन के साथ संवेदनशीलता होना चाहिए। जनसंख्या आधारित विकास की बात होनी चाहिए। विकास की नीति कुछ लोगों को ध्यान में रखकर नहीं अपितु सबके साथ सबके विकास को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए। विशिष्ट वक्ता प्रो आर के वर्मा प्राचार्य नवीन कन्या महाविद्यालय बिलासपुर ने जनसंख्या की परिभाषा और विकास की अवधारणा को विस्तार से समझाया। प्रो संतोष शुक्ला सेवानिवृत विभागाध्यक्ष भूगोल सागर विश्व विद्यालय मध्य प्रदेश ने भारत की जनसंख्या को समस्या नहीं अपितु अवसर में तब्दील करने का आह्वान किया।
प्रो डी डी चोनियाल हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय, प्रो ध्रुव दीक्षित प्राध्यापक समाज शास्त्र हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय ने भी अपने सारगर्भित विचार रखे। कार्यक्रम के आरंभ में डॉ सुधीर शर्मा कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर ने अतिथियों का स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या को समस्या के रूप में लिया जाता है जबकि व्यक्ति अपने जन्म के साथ ही दो हाथ लेकर आता है ताकि वह अपने जीवन-यापन के लिए कार्य कर सके। मनुष्य के इन हाथों की महत्ता प्रतिपादित की जाये तो जनसंख्या समस्या नहीं अपितु वरदान है।
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य जनसंख्या सम्बंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जागृत करना है। यह आयोजन 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा स्थापित किया गया था । यह 11 जुलाई 1987 को पांच बिलियन दिवस में सार्वजनिक हित से प्रेरित था, जिसकी अनुमानित तारीख जिस पर दुनिया की आबादी पांच अरब लोगों तक पहुंच गई थी। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है जैसे कि परिवार नियोजन, लिंग समानता , गरीबी , मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों का महत्व । कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ मनोज सिन्हा कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर एवं आभार प्रदर्शन डॉ संजय तिवारी जिला संगठक राष्ट्रीय सेवा योजना जिला बिलासपुर ने किया। इस अवसर पर प्रो विनोद खन्ना चंडीगढ़, प्रो प्यारे लाल रीवा, प्रो संग्राम सिंह, प्रो राम किशोर उपाध्याय, डॉ विमल पटेल, प्रो शोभा मिश्र मध्य प्रदेश, प्रो तापस पाल रायगंज विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, प्रो एस एस खिंची श्री गंगा नगर राजस्थान, डॉ संजय तिवारी जबलपुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। वेबिनार में राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक प्रो बी के पटेल जांजगीर-चाम्पा, प्रो वॉय के तिवारी कोरबा, डॉ चंद्रशेखर सिंह मुंगेली, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ एच एस होता, कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवदयाल पटेल, प्रो मोहन उपाध्याय, डॉ के के भंडारी, अरबिंद कुमार यादव, ब्रम्हनन्द शर्मा, देवलाल उइके, डॉ जयश्री पाटिल, डर के के सिन्हा, डॉ नरेन्द्रनाथ गुरिया, डॉ आर के टंडन, डॉ राधेश्याम साहू, डॉ संजय सिंह, डॉ के आर मतवाले, डॉ महेश शुक्ला, डॉ मंजू माधुरी वाजपेयी, डॉ राजू गुप्ता, डॉ स्मिता जैन, डॉ कलाधर, डॉ गौरव सर, एच के पासवान हैरी जार्ज, जितेंद्र कुमार, के आर पाठक, के के बजाज, नरोत्तम कुमार पुरले, पंकज कुमार, प्रो यूपेश कुमार, रामकृष्ण उपाध्याय, रश्मि गुप्ता, रेखा गुल्ला, रोबर्ट सर, संजू पांडे, संस्कृति शास्त्री, शिल्पा यादव, सीतेश जैन, सुरेंदर मोर, यशवंत कुमार पटेल, डॉ श्वाती रोज टोप्पो, परमेश्वर राठौर, भूपदेव चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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