वैश्विक कोरोना महामारी के बीच यात्रा संचालन में जोखिम याचिका पर : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगायी रोक

0
IMG-20210628-WA0077

– वैश्विक कोरोना महामारी के बीच यात्रा संचालन में जोखिम याचिका पर : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगायी रोक

भुवन वर्मा बिलासपुर 28 जून 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नैनीताल – वैश्विक कोरोना महामारी के बीच यात्रा संचालन में जोखिम से संबंधित एक याचिका पर जुलाई से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने रोक लगा दी है। गत दिवस कैबिनेट में राज्य सरकार ने एक जुलाई से तीन जिलों के लिये सीमित रूप में चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला लिया था। जिसके तहत एक जुलाई से चमोली जिले के लोग बद्रीनाथ धाम , रुद्रप्रयाग के लोग केदारनाथ धाम और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री , यमुनोत्री के दर्शन करने वाले थे। इसके लिये कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक की गई थी। फ‍िलहाल ऐसा नहीं हो सकेगा क्योंकि आज हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर०एस० चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एक जुलाई से चार धाम यात्रा शुरू करने के उत्तराखंड कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी। कोर्ट ने चारों धामों में होने वाली पूजा का लाइव टेलीकास्ट किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र को भी कोर्ट ने अस्वीकार करते हुये दोबारा से सात जुलाई तक दाखिल करने को कहा है। चार धाम यात्रा के लिये रावत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को खारिज करते हुये कोर्ट ने कहा कि यह कुंभ मेले के दौरान जारी की गई गाइडलान की कॉपी है। हाईकोर्ट ने तीर्थ स्थलों से जुड़ी भावनाओं को ध्यान में रखते हुये सरकार से मंदिरों में चल रहीं रस्मों और समारोहों का देश भर में लाइव प्रसारित करने की व्यवस्था करने को कहा है। इससे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद एक जुलाई से चार धाम यात्रा की अनुमति देने के लिये राज्य सरकार की जमकर लताड़ लगाई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस निर्णय की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। अदालत ने अमरनाथ यात्रा का हवाला देते हुये कहा था कि यात्रा को स्थगित या रद्द करने की जरूरत है। बता दें कि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर में भी सरकार ने एक जुलाई से ही चारधाम यात्रा शुरू की थी। इस बार भी कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने पर सरकार ने अभी चमोली , रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जनपदों के लोगों के लिये चार धाम यात्रा शुरू करने की मंजूरी दी थी। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली , सच्चिदानन्द डबराल , अनू पंत की कोविड काल में स्वास्थ्य अव्यवस्था तथा चार धाम यात्रा की अधूरी तैयारियों से संभावित संक्रमण के खतरे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ओमप्रकाश व अन्य अधिकारी कोर्ट में वर्चुअली पेश हुये। गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई , गंगोत्री 15 मई , केदारनाथ 17 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिये गये थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार ने श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी। 

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *