रासायनिक खादों के लिए तरसते छत्तीसगढ़ के किसान : यूरिया और डीएपी मिला आधा, ऑर्डर दिया था- उसका 50 प्रतिशत भी नहीं मिल पाया प्रदेश को

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भुवन वर्मा बिलासपुर 26 जून 2021

रायपुर । खरीफ की बोनी के बीच छत्तीसगढ़ में रासायनिक खाद का संकट गहराने लगा है। सरकार ने खाद उत्पादक कंपनियों को जितनी मात्रा में खाद का ऑर्डर दिया था, उसका 50 प्रतिशत भी नहीं मिल पाया। जमाखोरी की आशंका से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराने और होलसेलर और रिटेलर के स्टॉक को चेक कर जमाखोरी करने वालों को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया है। अप्रैल से जून तक यूरिया का कुल आवंटन 2 लाख 72 हजार 503 मीट्रिक टन है।

भूपेश ने कहा- जमाखोरी करने वाले होंगे ब्लैक लिस्टेड

सरकार ने 3 लाख 11 हजार 203 मीट्रिक टन का ऑर्डर दिया, लेकिन कंपनियों ने केवल 94 हजार 24 मीट्रिक टन यूरिया की ही आपूर्ति की। यह कुल आवंटित मात्रा का एक तिहाई है। इसी प्रकार डीएपी का कुल आवंटन 1 लाख 62 हजार 27 मीट्रिक टन है। 2 लाख 10 हजार 354 मीट्रिक टन का आर्डर दिया गया, लेकिन आज तक 70 हजार 79 मीट्रिक टन डीएपी ही मिल पाई है। अधिकारियों ने बताया, केवल जून के लिये यूरिया की आवंटित मात्रा 1 लाख 31 हजार 450 मीट्रिक टन है। कंपनियों ने अभी तक 37 हजार 420 मीट्रिक टन ही आपूर्ति की है। जून में डीएपी की आवंटित मात्रा 80 हजार मीट्रिक टन है, लेकिन 23 हजार 268 मीट्रिक टन ही मिल पाया है। सरकार ने इफको, आईपीएल, कृभको, कोरोमंडल और चंबल फर्टिलाइजर को खाद की बची हुई मात्रा को 30 जून से पहले अनिवार्य रूप से भेजने का निर्देश दिया है ।

स्टाक तुरंत बिकवाएं

अधिकारियों ने डीडीए से कहा, होलसेलर के पास उपलब्ध स्टाक को तत्काल रिटेलर को ट्रांसफर करवाएं। यही नहीं, सभी रिटेलर के पास मौजूद स्टॉक को शीघ्र कृषकों को बिकवाएं, ताकि जमाखोरी रोकी जा सके। अगर कोई रिटेलर एवं होलसेलर अधिक समय तक स्टॉक रोककर रखता है, तो उसका तुरंत विक्रय करना चाहिए।

आयातित यूरिया नहीं मिला

छत्तीसगढ़ के लिए जून मेंन आयातित यूरिया का 58 हजार 650 मीट्रिक टन आवंटित है। इसमें से इफको को 33 मीट्रिक टन देना था और कृमको को 10 हजार मीट्रिक टन। दोनों कंपनियों ने आयातित यूरिया की सप्लाई छत्तीसगढ़ को नहीं की है।

अफसरों ने दी चेतावनी

सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक और अपर संचालक कृषि ने खाद कंपनियों, होलसेलर और रिटेलर की संयुक्त बैठक लेकर खाद आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जमाखोरी से दूर रहने की चेतावनी भी दी है। उप संचालक कृषि को निर्देशित किया गया, होलसेलर एवं रिटेलर के पास जो भी यूरिया, डीएपी एवं अन्य उर्वरक उपलब्ध है, उसकी जांच कर नियमित सत्यापन किया जाए। होलसेलर और रिटेलर से मिली जानकारी से अधिक स्टाक मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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