आस्तीन के सापों से घिरे भूपेश हितु और घाती को पहचानने में गंभीर नही
भुवन वर्मा, बिलासपुर 24 अक्टूबर 2019
खाखी, काले कोट व नौकर शाह की खतरनाक प्रजाति से बच कर रहना होगा,,,।
छत्तीसगढ़ीया भूपेश को निपटाने
राजनीतिक गलियारों से लेकर अदालत तक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विवादित करार देने को लेकर नौकरशाहों नेताओं कुछ पिछली सरकार के नेताओं और ,कुछ खार काय बैठे कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता विधायक की एक टोली अपने अपने मोर्चों पर जोर-शोर से जुटी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने को लेकर यह टोली लगातार अपने मकसद पर कामयाब भी हो रही है। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चारों और कई ऐसे दागी अफसर और नेताओं का जमावड़ा है ,जो विभिन्न प्रकरणों से सूचना और दस्तावेजों का आदान प्रदान कर उन्हें अस्थिर करने की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ईद्रावती-महानदी भवन में कुछ ऐसे ही लोगो को बड़े दायित्व दे कर बडी भूलकर बैठे हैं , छत्तीसगढ़ीया वाद के प्रबल समर्थक भुपेश दाऊ । राज्य के महाधिवक्ता कार्यालय की कार्यप्रणाली की ओर भी सरकार को गौर फरमाना होगा । महाधिवक्ता तो संघर्ष शील है ,आसपास काले कोट वाले कुछ लोग सही नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी कार्यप्रणाली में जल्द सुधार नहीं लाये तो दिवाली के बाद से उन पर परेशानियों का दौर आ सकता है। यह खबर हवा हवाई नही बल्कि कानूनी गलियारों के हाई कोर्ट व सुुप्रिम कोर्ट के प्राप्त महत्वपूर्ण तथ्यों पर आधारित है। ज्ञात हो 1 फ़रवरी 2019 की उस महत्वपूर्ण खबर पर जब रायपुर केे एक सभागृह में मुख्यमंत्री ने मंच से दावा किया था कि आम लोग भी बेफिक्र मोबाइल फोन पर बातचीत करें किसी की फोन टेप नहीं हो रहा है । बघेल ने यह भी कहा था पूर्वर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्य सचिव विवेक ढांड भी फोन पर कम रहते थे । इसलिए वह सामान्य काल के बजाय व्हाट्सएप से ही बात करना मुनासिब समझते थे, मंच पर मौजूद विवेक भी सिर हिलाते हंसते हुए मुख्यमंत्री बघेल के इस वक्तव्य को अपनी हामी भरते हुए पूर्ण सहमति प्रदान की थी । यह तस्वीर उसकी समारोह की गवाह है । लेकिन भूपेश बघेल के का दावा उस समय खोखला साबित हुआ जब छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस विवादों से लिफ्ट अधिकारी मुकेश गुप्ता की पत्नी ने दिल्ली के मालवीय नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके फोन टेप हो रहे हैं, यही नहीं उस कुख्यात एडीजी के प्राइवेट ड्राइवर ने भी इस दौरान अपना मोबाइल इंटरसेप्ट होने और गाड़ी के पीछे किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी । हाल ही में शिकायत के बाद निलंबित एडीजीपी मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया कि वह उसकी बेटी का काल रिकॉर्ड कर रही है । पूर्व बीजेपी सरकार में कई गंभीर मामलों का आरोपी मुकेश केवल यही काम किया करता था । लेकिन अब बारी उसके करीबियों की आई तो बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए । सवाल ये उठता है कि फोन टेप की जा रही है तो फिर उसका मकसद क्या था,,,,और हैं,,,। अगर फोन टेपिंग की जानकारी और उससे संबंधित दस्तावेज इस कुख्यात आरोपी के हाथों में कैसे लगी ।जाहिर है पी एच क्यु के पुलिस मुख्यालय में कुछ अहम जिम्मेदार शख्स जरूर मौजूद हैं। जो कि छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ साजिश को अंजाम देने में सक्रिय है । जो पिछली 15 साल के सरकार में मलाई मार मार के भैंसे मोटे हो चुके हैं ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस घटना को गंभीरता से लेना होगा ।
खाखी और काले कोट की खतरनाक प्रजाति से बच कर रहना होगा ।हालांकि 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर होने वाली सुनवाई पर प्रदेश सरकार को इन्तेजार रहेगी एक अन्य तथ्य भी सामने आया है की सेक्स सीडी कांड की छत्तीसगढ़ से बाहर सुनवाई की जाने सीबीआई की याचिका के पीछे भी कुछ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की लॉबी काफी सक्रिय रही है । जानकारी के मुताबिक भूपेश बघेल पर प्रायोजित निशाना साधने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई को ऐसी याचिका दायर करने के लिए जानबूझकर रास्ता दिखाया बताया गया है,,,,,,,
पूर्व नौकरशाह अमन सिंह और उनकी पत्नी जैस्मिन सिंह के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पर नो कोरेसिव जैसे कानूनी ब्रेक विवादित निलंबित एडीजीपी मुकेश गुप्ता और उसकी खासम खास गीता नायर की अवैधानिक गतिविधियों के खिलाफ भी पुख्ता सबूत होने के बावजूद एक्शन नहीं होना था क्योंकी खिलाफ गठित एसआईटी पर भी कानूनी ब्रेक से साफ हो रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल या तो बदलापुर की कार्यवाही कर रहे हैं या फिर कमजोर कानूनी कारवाही चलते खुद-ब-खुद कानूनी कटघरे की ओर बढ़ रहे हैं,,,,,,
सूचना के अधिकार की कथा कथित कार्यकर्ताओं को कौन कराता है फंडिंग,,,,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ f.i.r. में दर्ज मामले के खात्मे को लेकर भी दुर्ग जिला अदालत में पेश प्रतिवेदन को चुनौती देने के लिए कुछ समाज सेवी संगठन कि कार्यकर्ता आरटीआई कार्यकर्ताओं को फंडिंग की जानकारी भी प्राप्त हुई है बताया जाता है कि दुर्ग जिले के तत्कालीन कलेक्टर आर संगीता के द्वारा गठित एक कमेटी की सिफारिश के आधार पर एसीबी ने कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष और पाटन के विधायक भूपेश बघेल के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था ।न्यायालय में इस मामले को लेकर अजीत कुमार राज भानु की अदालत में खात्मा प्रतिवेदन पेश किया था ने एसीबी के खात्मे प्रकरण को स्वीकार कर लिया है, भूपेश के खिलाफ सकृय लॉबी अब अपीलिय न्यायालय में इस खात्मे प्रकरण को चुनैती देने की तैयारी में है। इस खात्मे प्रकरण के तमाम दस्तावेजो को दिल्ली के मशहूर वकील को सौप गया है।