जब सच बोला जाता है तब लोगों को तकलीफ होती है : राज्यपाल अनुसुईया उइके आज सम्मान समारोह में पहुची तखतपुर

भुवन वर्मा, बिलासपुर 20 अक्टूबर 2019
तखतपुर (टेकचंद कारडा)- मानवीय संवेदना के साथ जो इंसान कार्य करता है, उसका नाम इतिहास में दर्ज हो जाता है। स्वर्गीय मनहरण लाल पांडे जी ने गरीबी उत्पीड़न पीड़ा शोषित और क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य किया है, उसके लिए जनता आज उन्हें कभी नहीं भूल सकती, मुझे आज तखतपुर में जो अपनापन मिला है, उसे मैं कभी भुला नहीं पाऊंगी और अच्छे कार्य की प्रेरणा लेकर स्व मनहरण लाल पांडेय की पुत्री हर्षिता पांडे ने जो आगे का बीड़ा उठाया है, इसके लिए वह प्रशंसा के पात्र हैं, मैं चाहूंगी कि वह अपने पिता की छवि बन कर क्षेत्र में आगे बढ़ कर सेवा कार्य करें। उक्त बातें रविवार को स्वर्गीय मनहरण लाल पांडेय की 81 जयंती के सम्मान समारोह में पहुंचे छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उईके ने सांस्कृतिक भवन में आयोजित सम्मान समारोह में कही।

आजादी के बाद पहली बार देश का कोई राज्यपाल तखतपुर में पहुंचा, पहली बार पहुंचे राज्यपाल अनुसुईया उईके का स्वागत करने पूरा शहर उमडा हुआ था, मनहरण लाल पांडेय स्मृति संस्थान द्वारा उनकी जयंती पर सांस्कृतिक भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, कि वह 25 वर्ष की उम्र में कांग्रेस से पहली बार विधायक बनकर जब विधानसभा में पहुंची थी, तब जब वह सरकार के विरुद्ध भी बोल देती थी, तो उन्हें दिग्गज नेता समझाया करते थे, कि अपनी पार्टी के खिलाफ नही बोलना चाहिये, जब सच बोला जाता है, तब लोगों को तकलीफ होती है। सन 1991 में एक परिवर्तन आया, और मैंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली, और बीजेपी में मुझे जो मान सम्मान दिया वह कभी नहीं भूल सकती। विधायक मंत्री और देश के राष्ट्रीय पदों पर का दायित्व का निर्वहन किया। प्रधानमंत्री ने जब मुझे छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया, तो उन्हें धन्यवाद देने गई, तब उनसे मैंने पूछा, कि राज्यपाल 65 से 75 वर्ष के उम्र से भी अधिक के लोग राज्यपाल बनाया जाता है, पर मुझे छोटी उम्र में छत्तीसगढ़ की जवाबदारी कैसे दी जा रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, कि राज्यपाल राज गवर्नर बन कर राजभवन में ही रहते हैं, पर अब समय बदल गया है, राज्यपाल को चाहिए कि वह जिस प्रदेश के लिए नियुक्त किया जा रहा है, वह उस प्रदेश में रहकर उस क्षेत्र के लोगों की भलाई में काम करें। उन्होंने कहा, कि मेरे लिए पक्ष और विपक्ष अब एक है, और मुझे हर व्यक्ति के लिए कार्य करना है। उन्होंने हर्षिता पांडेय की तारीफ करते हुए कहा, कि हर्षिता में उनके पिता की छवि है, और वह सेवा भाव को आगे बढ़ाने का कार्य उन्हीं का है।

कार्यक्रम के स्वागत भाषण में राष्ट्रीय महिला आयोग सलाहकार सदस्य हर्षिता पांडे ने कहा, कि 70 वर्षों बाद देश का कोई राज्यपाल इस छोटे से शहर में आया है, और उन्होंने अपना समय देकर हमें उपकृत किया है। मेरे पिता स्वर्गीय मनहरण लाल पांडेय ने इस क्षेत्र में बेटे और पालक के रूप में सेवा की अल्प समय में सिंचाई बिजली भैंसाझार जलाशय जैसे अन्य योजनाओं पर कार्य किया, और यह क्षेत्र हमेशा से उनका ऋणी रहेगा। मुझे भी क्षेत्र से बहुत स्नेह मिल रहा है, और जन सेवा का अवसर मिल रहा है। मुझे बेटी नोनी के रूप में मायके के लोग स्नेह कर रहे हैं।

छग विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, कि छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश शासन के समय अपना बचपन और राजनीतिक जीवन तखतपुर में देने वाले स्वर्गीय मनहरण लाल पांडेय की जयंती पर हम उनके द्वारा जिन ऊंचाइयों के लिए कार्य किया गया है, उसके लिए हम याद कर रहे हैं। मध्यप्रदेश शासन काल में अरपा भैसाझार योजना की सोच रखने वाले श्री पांडेय के सपनों को भाजपा की सरकार ने पूरा किया, और आज इस योजना से क्षेत्र में किसानों के खेतों में पानी मिल रहा है, उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।

इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धरमलाल कौशिक, रामविचार नेताम अमर अग्रवाल, अरुण साव, डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, लखन लाल साहू, निर्मला मनहरण लाल पांडेय, हर्षिता पांडेय, भूपेंद्र सवन्नी समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मंचस्थ अतिथियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने वालों को सम्मानित किया।
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