विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय फैलायें जागरुकता – राज्यपाल उइके

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विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय फैलायें जागरुकता – राज्यपाल उइके

भुवन वर्मा बिलासपुर 28 अप्रैल 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – कोरोना से लड़ाई जीतने में सकारात्मक सोच और हौसले की बहुत बड़ी भूमिका होती है। उच्चशिक्षा संस्थान होने के नाते विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का यह दायित्व है कि वे आम जनमानस तथा विद्यार्थियों में कोरोना से बचाव तथा सावधानियां एवं भ्रामक बातों से दूर रहने के लिये जागरूकता फैलायें। यह सराहनीय है कि प्रदेश के समस्त राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग प्रथम विश्वविद्यालय है जिसने विद्यार्थियों के हित में सर्वप्रथम यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया है।
उक्त बातें महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उईके ने आज कोरोना संकटकाल में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर आनलाइन आयोजित जागरूकता कार्यक्रम “कोरोना से डरो ना – वैक्सीन है ना” को संबोधित करते हुये कही। वैक्सीन को लेकर बहुत सारे लोगों के मन में चल रही भ्रांतियों को लेकर उन्होंने वैक्सीन की तुलना संजीवनी से करते हुये कहा कि जो टीका लगायेगा वह खतरनाक स्थिति में नहीं जायेगा और साधारण तौर पर ही संक्रमण होगा तो ठीक हो जायेगा। कोरोना से संक्रमित हो जाने पर भी हमें घबराना नही चाहिये क्योंकि हमारे श्वसन तंत्र पर मनौवैज्ञानिक दवाब का बहुत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि हम घरों में उपयोग में आने वाले दैनिक प्रयोग की वस्तुयें जैसे नीबू , कालीमिर्च , सोंठ , अदरक , दालचीनी , नीम की पत्तियां , कपूर , लौंग , इलायची आदि के प्रयोग से भी हम काफी हद तक अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाये रख सकते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह भी किया कि प्रतिदिन भाप लेना , गरम पानी का सेवन तथा गरारे करने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें। इस अवसर पर राज्यपाल ने  हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा निर्मित पोर्टल पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु विभिन्न स्लोगन वाले पोस्टर का शुभारंभ करते हुये उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढऩे वाले लगभग दो लाख विद्यार्थियों को यह मैसेज विश्वविद्यालय जागरूकता कार्यक्रम के तहत भेजा जायेगा, यह बहुत ही अच्छा प्रयास है। छात्र-छात्राओं का यह दायित्व है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गये कोविड -19 प्रोटोकाल के संदेशों का स्वंय कड़ाई से पालन करते हुये अपने परिवार के सदस्यों , परिजनों एवं पड़ोसियों से भी पालन करायें , यह आपके हमारे सभी के लिये महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे भी इन सन्देशों को अपने मोबाईल मैसेज बाक्स से अपने सपंर्क वालों को भेजें ताकि इनका प्रचार प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि दुर्ग विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई ने सराहनीय कार्य किया है इसके लिये मैं सभी को बधाई देती हूँ।उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 की संक्रमण की इस घड़ी में मास्क पहनना , सेनेटाइजर का प्रयोग तथा सोशल डिस्टेसिंग ही हमारे बचाव के प्रमुख उपाय है। इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों से मेरी अपेक्षा है कि वे डॉ. नेरल द्वारा कोरोना वैक्सीन से संबंधित दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को और अधिक लोगों तक पहुंचायें तभी आज के इस कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध हो सकेगी। आप अपने आप को , अपने परिवार , पड़ोसी समाज को कोरोना संक्रमित होने से बचाव हेतु हर संभव प्रयास करें। महामारी से बचने के लिये प्रदेश एवं देश के सभी नागरिकों को एकजुट होकर अपने कर्तव्यों को निभाना है , तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो हिम्मत हारते हैं वे जिंदगी हार जाते हैं और जिनमें हौसला होता है वह बाजी मार जाते हैं। कोरोना से लडऩे के लिये आत्मबल की जरूरत है इसलिये कोरोना से डरो नहीं बल्कि कोरोना से लड़ो। राज्यपाल ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि हम कोविड से बहुत अधिक भयभीत हो गये हैं जिसकी वजह से अवसाद की स्थिति निर्मित हो रही है। मेरा ऐसा मानना है कि कोविड से भयभीत ना हों मुकाबला करें और आत्मबल एवं संयम रखें।सकारात्मक भाव रखें , अपने लिये , अपने परिवार , पड़ोसियों , मित्रों के लिये , प्रदेश एवं देश के लिये अच्छा सोचें , अपने ईश्वर पर भरोसा रखें वह जो भी करेगें वह हमारे अच्छे के लिये ही होगा। उन्होंने कहा कि हम सब चिकित्सकों , मनौवैज्ञानिकों , अध्यात्मिक गुरूओं , शासन द्वारा बताये जा रहे उपायों का पालन करें। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति , योग , व्यायाम , आहार , विहार , दिनचर्या का पालन करें तो निश्चित रूप से हम इस महामारी से मुक्ति पा सकते हैं। राज्यपाल ने आगे कहा कि विश्वविद्यालयों की ऑनलाईन रूप से परीक्षायें आयोजित होने जा रही है , सभी विद्यार्थी ईमानदारी के साथ इन परीक्षाओ मे शामिल हो। जागरूकता कार्यक्रम में  विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा , मुख्य वक्ता डॉ. अरविंद नेरल ,  विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सी.एल. देवांगन , सीनियर एडव्होकेट श्री दिवाकर सिन्हा , कार्यक्रम के संचालक डीएसडब्ल्यू डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव , एनएसएस के समन्वयक डॉ. आर.पी. अग्रवाल ने भी संबोधित कर विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रभावी तरीके से लोगों को जागरूक करने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम में महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्राध्यापकगण , एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी तथा विद्यार्थीग उपस्थित थे।

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