कोरोना से निपटना हम सबका दायित्व और कर्त्तव्य है – राज्यपाल

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कोरोना से निपटना हम सबका दायित्व और कर्त्तव्य है – राज्यपाल

भुवन वर्मा बिलासपुर 15 अप्रैल 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर –अकेले राज्य सरकार के लिये कोरोना महामारी से निपटना काफी कठिन है। इस महामारी से निपटना हम सब का सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है। हम सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में सहयोग करें। जरूरतमंद लोगों तक राहत और सुविधायें पहुंचाने में राजनीतिक दल शासन-प्रशासन के साथ मिलकर काम करें। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संकट के इस समय में मानव जीवन को बचाने का प्रयास करें।

उक्त बातें महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के संबंध में विचार विमर्श के लिये मुख्यमंत्री निवास में बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल रूप से आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुये राज्यपाल ने कही। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिये सीमावर्ती महाराष्ट्र राज्य से आये लोगों की जांच किया जाना आवश्यक है। इसके लिये राज्य की सीमा पर प्रबंध किया जाना चाहिये और क्वारेंटाईन सेंटर बनाये जाने चाहिये। रेमडेसीविर इंजेक्शन के उचित उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत बतायी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी ना होने पर भाजपा और जनता कांग्रेस ने सरकार और इस बैठक की औचित्य पर कई सवाल खड़े किये। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और जेसीसीजे के अध्यक्ष अमीत जोगी ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य कोरोना से बचाव और स्वास्थ्य को लेकर था लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के ना होने से इस बैठक का महत्व खत्म हो गया। यह बैठक केवल एक औपचारिकता के लिये बुलायी गयी थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिये हर संभव उपाय कर रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों को जल्द से जल्द टेस्ट कराने के लिये जागरूक करें। जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नही आ जाती , तब तक संक्रमित व्यक्ति स्वयं को आइसोलेट रखें और रिपोर्ट आने के बाद इलाज प्रारंभ करें। उन्होंने लोगों को मास्क का उपयोग करने , फिजिकल डिस्टेंस और हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखने के संबंध में भी जागरूक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है।

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुषमान योजना से इलाज कराने वाले लोगों पर कम से कम आर्थिक बोझ पड़े, इसके लिये टेस्ट और इलाज की दरें निर्धारित की गई हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नही है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादित होने वाली 80 प्रतिशत ऑक्सीजन का उपयोग छत्तीसगढ़ में ही हो। उद्योगों को ऑक्सीजन उत्पादन के लिये चार लाईसेंस जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण और टेस्टिंग में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है। सीएम ने कहा कि प्रदेश की सीमावर्ती इलाकों में विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग और इलाज की व्यवस्था की जायेगी। प्रदेश में 88 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स को टीके की पहली डोज तथा 58 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 84 प्रतिशत फं्रट लाईन वर्कर्स को प्रथम डोज तथा 48 प्रतिशत को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु वाले 61 प्रतिशत लोगों को टीके लगाये गये हैं। टेस्टिंग के संबंध में उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्तर पर जहां प्रति 10 लाख पर एक लाख 92 हजार 650 टेस्ट किये जा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर दो लाख 21 हजार 356 टेस्ट किये जा रहे हैं। वर्तमान में प्रतिदिन 53 हजार टेस्ट किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर और ट्रू नॉट लैबो की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आरटीपीसीआर टेस्ट के लिये वर्तमान में 07 शासकीय और 05 निजी क्षेत्र में लैब हैं। इसी तरह 31 शासकीय ट्रू नॉट लैब और 05 लैब निजी क्षेत्र में हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में 815 वेन्टीलेटर उपलब्ध हैं। प्रदेश में बिस्तरों की संख्या , आईसीयू बेड , ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है , साथ ही सभी जिलों को कोविड प्रबंधन के लिये लगातार राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए रायपुर के मेकाहारा में काउंटर शुरू किया जा रहा है। इस इंजेक्शन की सुचारू आपूर्ति के लिये महाराष्ट्र और हैदराबाद वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं और इनके नम्बर जारी कर दिये गये हैं। प्रवासी मजदूरों के लिये ग्राम पंचायतों को क्वारेंटाईन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों की समीक्षा जिले के प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों द्वारा वर्चुअल मीटिंग लेकर की जा रही है। जरूरतमंदों को कोई परेशानी ना हो , इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विकासखण्ड स्तर पर हास्टल और सामाजिक भवनों में बेड की व्यवस्था करने , अन्य स्थानों पर भी शासकीय और निजी हास्टल में बेड की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। भारतीय जनता पार्टी के शिवरतन शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर जल्द भर्ती करने , आयुषमान योजना में अन्य अस्पतालों को जोडऩे का सुझाव दिया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष श्री मोहन मरकाम ने कहा कि उनके दल द्वारा हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित कर लोगों की सहायता की जा रही है। दल के विधायक , महापौर , पार्षद मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक माह का वेतन देंगे। जरूरतमंदों को सूखा राशन और दवाईयां पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष में छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठानों द्वारा सीएसआर मद से दी गई राशि छत्तीसगढ़ को मिलनी चाहिये। मरकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार को जो सुझाव मिले है उन पर अमल किया जायेगा। उन्होंने सभी दलों से अनुरोध किया कि यह वक्त राजनीति करने का नही है बल्कि लोगो की सेवा करने का है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद करने को एवं शासन प्रशासन से सहयोग करने को पहले ही कहा है।

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नीलकंठ त्रिपाठी ने ऑक्सीजन की कमी, निजी अस्पतालों द्वारा उपचार में अत्यधिक शुल्क लेने जैसी समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया गया। जनता कांग्रेस के श्री अमित जोगी ने 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के टीकाकरण , कोरोना मरीजों की टेस्टिंग और ट्रेकिंग के संबंध में सुझाव दिये। शिवसेना के धनंजय परिहार ने रेमडेसीविर इंजेक्शन के उपयोग के बारे में जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया। सीपीआईएम के धनराज महापात्र ने चिकित्सा के क्षेत्र में ढांचागत सुविधायें विकसित करने के लिये पीएम केयर फण्ड से विशेष राहत की मांग की। गोण्डवाना गणतंत्र पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि ने भी बैठक में सुझाव दिये। बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों सहित मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा , मुख्य सचिव अमिताभ जैन , स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी.पिल्ले , मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी , सामान्य प्रशासन विभाग और जनसम्पर्क विभाग के सचिव डीडी सिंह , संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला , संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़ उपस्थित थे।

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