बजट सत्र के शुरूआत में राज्यपाल मा अनुसुइया द्वारा सरकार की उपलब्धियों पर अभिभाषण

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बजट सत्र के शुरूआत में राज्यपाल द्वारा सरकार की उपलब्धियों पर अभिभाषण

भुवन वर्मा बिलासपुर 22 फरवरी 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — राज्यपाल अनुसुईया उईके के अभिभाषण के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र को अगले दिन तक के लिये स्थगित कर दिया गया है। पहले दिन विधानसभा के अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2021 के छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले सत्र में आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं। मुझे खुशी है कि आप सब ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की कल्पना को साकार करने के लिये एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी ने विगत वर्ष अकस्मात ही पूरी दुनियां को अनिश्चितता के अंधेरे में धकेल दिया था। मानवता के सामने आये इस ऐतिहासिक संकट से निपटने में आप सबने मेरी सरकार को जो सहयोग दिया, प्रदेश की जनता को राहत दिलाने में जो जमीनी मदद की, उसके लिये मैं आप सबको साधुवाद देती हूं। कोरोना संकट के अंधेरे काल और जंजाल से बाहर निकलने की उम्मीद के साथ नये साल की शुरुआत हुई। कोरोना-प्रभावित विकास कार्यों के साथ नये लक्ष्यों को पूरा करने की दोहरी जिम्मेदारियों के सफलतापूर्वक निर्वाह के लिये मैं आप सबको शुभकामनायें प्रेषित करती हूं। राज्यपाल उइके ने आगे कहा कि बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था, जैसे रोज कमाने-खाने वाले परिवारों का भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनका पुनर्वास, कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमित लोगों का उपचार, जनता का मनोबल बनाये रखने के इंतजाम, आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति बनाये रखना, जन-जीवन को भय के भंवर से निकालकर सतर्कतापूर्वक जीवनयापन आदि। मुझे खुशी है कि इन सभी मोर्चों पर मेरी सरकार खरी उतरी है और प्रदेश कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका।

खाद्य सुरक्षा में उल्लेखनीय कार्य

राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने प्रदेश को इस कठिन दौर से निकालने के लिये सूझबूझ के साथ काम किया। जिससे 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक, केरोसीन, बस्तर संभाग में गुड़, कोण्डागांव जिले में फोर्टिफाइड राइस वितरण सुरक्षा उपायों के साथ संभव हो पाया। लगभग 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन कार्डधारियों को 08 माह तक पात्रता अनुसार चावल तथा चना भी निःशुल्क दिया गया। प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य लोगों की संरक्षित घर वापसी हुई। गांव गांव में सबकी खाद्य सुरक्षा के लिये ग्यारह हजार से अधिक पंचायतों में दो-दो क्विंटल चांवल उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की लौ कोरोना काल में भी जलती रही सुश्री उइके ने कहा कि मेरी सरकार ने 02 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के रूप में जो अलख जगाई थी, उसकी लौ कोरोना काल में भी जलती रहे, इसके लिये 03 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री दी गई। मध्याह्न भोजन योजना के 29 लाख से अधिक हितग्राही स्कूली बच्चों को भी रेडी-टू-ईट सूखा राशन सुरक्षित रूप से घर पहुंचाकर दिया गया। इतना ही नहीं गर्म भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये आंगनवाड़ी केन्द्रों को कोरोना से बचाव के उपायों के साथ 07 सितंबर 2020 को पुन: शुरू कर दिया गया।

धान खरीदी में नया कीर्तिमान

राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है। चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुये थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नये संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। धान खरीदी के हर पहलू पर एक नया कीर्तिमान बना है जैसे कुल पंजीकृत रकबा, कुल धान खरीदी का रकबा, कुल उपार्जित धान की मात्रा 92 लाख मीट्रिक टन को पार करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इन उपलब्धियों से न सिर्फ किसानों के जीवन में बल्कि पूरे प्रदेश में कृषि उत्पादन और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है।

ग्रामीण क्षेत्र के योजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य

राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने पंचायत और ग्रामीण विकास की योजनाओं को तात्कालिक जरूरतों से जोड़ते हुये अनेक नवाचार किये जिसके कारण भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा है। वर्ष 2019-20 में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत स्वीकृत मानव दिवस के लेबर बजट का लक्ष्य शत्-प्रतिशत पूरा किया गया तथा वर्ष 2020-21 में भी 81 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जो पुनः नये कीर्तिमान की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। महात्मा गांधी नरेगा में बीते 10 माह में श्रमिकों को अब तक 02 हजार 590 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया। इस साल अब तक 02 लाख 17 हजार 291 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के साथ महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से आंगनवाड़ी केन्द्रों, गौठानों, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट (टंकी), चारागाह, धान उपार्जन केन्द्रों में धान संग्रहण चबूतरे का निर्माण, नरवा का विकास आदि कार्य किये जा रहे हैं। सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के अंतर्गत कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों की 20 लाख महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है, जो परंपरागत रोजगार को नए अवसरों में बदलकर अपना, परिवार और गांव का जीवन बदल रही हैं। विभिन्न जिलों में बीसी सखी के रूप में 03 हजार 500 महिलाएं घर पहुंच बैंक बन गई हैं, इससे ग्रामीण महिलाओं का मनोबल और रचनात्मक क्षमता भी लगातार बढ़ रही है, जो एक सुखद संकेत है। विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूरी लगन से किया है, जिसके कारण ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन’ में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)’ और ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। 86 ग्राम पंचायतों के ‘ओ.डी.एफ. प्लस’ घोषित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ इस मापदण्ड में भी देश में दूसरे स्थान पर है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ में प्रदेश को स्वच्छतम राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 14 नगरीय निकायों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इस सफलता का श्रेय स्वच्छता दीदी, कमाण्डो जैसे अलग-अलग नामों से लोकप्रिय कार्यकर्ताओं को जाता है। मैं चाहूंगी कि स्वच्छता के लिये जागरुकता तथा उपलब्धियां लगातार बढ़ें। राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने शहरों को झुग्गी मुक्त करने हेतु गरीबों को बेहतर आवास दिलाने की दिशा में ‘मोर जमीन-मोर मकान’ एवं ‘मोर मकान-मोर चिन्हारी’ योजनाओं के तहत सार्थक काम किया है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा राज्य को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ में दो वर्षों की प्रगति उल्लेखनीय रही है। आगामी तीन वर्षों के लिये 05 हजार 600 किलोमीटर सड़कों तथा 26 पुलों के निर्माण की स्वीकृति भी मेरी सरकार की कार्य कुशलता का परिचायक है। इसके अलावा ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना,’ ‘मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना’ जैसी पहल से भी गांवों में बेहतर अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। सड़कों और पुलों का नेटवर्क किया जा रहा पूरा राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने एक नई सोच के साथ ‘जवाहर सेतु योजना’ शुरू की थी ताकि सड़कों और पुलों का नेटवर्क पूरा किया जा सके। इस तरह के लगभग 200 कार्य शुरू किये गये जिसमें से 29 पूरे हो गये। महत्वपूर्ण शासकीय भवनों व सार्वजनिक स्थलों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने हेतु ‘मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना’ के तहत 2 हजार से अधिक सड़कों का कार्य किया जा रहा है। एडीबी, केन्द्रीय सड़क निधि, एल.डब्ल्यू.ई. छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम आदि अनेक माध्यमों का एक ही लक्ष्य है कि जल्दी से जल्दी प्रदेश में बेहतर सड़कों का नेटवर्क स्थापित हो।

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