सोलह दलों द्वारा राष्ट्रपति अभिभाषण का बहिष्कार
सोलह दलों द्वारा राष्ट्रपति अभिभाषण का बहिष्कार
भुवन वर्मा बिलासपुर 28 जनवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली – कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों ने कल शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि कहा संसद में माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार करने का सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना तीन कृषि बिल जबरदस्ती पास किये थे। सभी दलों की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी कर ये बातें कही गई है। इसमें सबसे ज्यादा जोर किसान आंदोलन और कृषि कानून पर दिया गया है।
महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाले 16 राजनीतिक दलों में कांग्रेस , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) , डीएमके , तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) , शिवसेना , समाजवादी पार्टी , आरजेडी , सीपीआई (एम) , आईजेएमएल , आरसीपी , पीडीपी , एमडीएमके , केरल कांग्रेस , एआईयूडीएफ , अकाली दल और आम आदमी पार्टी शामिल है। बताते चलें कि कल संसद सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होगा। विपक्ष का कहना है कि वो बजट सत्र में किसानों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठायेगी। अपने संयुक्त बयान में राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन और नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा है। कहा है कि देश के किसान लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आधी से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और केंद्र किसानों के साथ ज्यादती कर रही है। दिल्ली की सर्दी में करीब 64 दिनों से अपने अधिकार और न्याय के लिये किसान संघर्ष कर रहे हैं। वहीं इस आंदोलन में अब तक 155 किसानों की मौत हो चुकी है। दलों ने आरोप लगाया है कि इस बिल को बिना राज्यों के साथ चर्चा के लाया गया। यदि इसे वापस नहीं लिया जाता है तो ये संविधान के संघीय भावनाओं का हनन होगा।