अंजलि बिरला प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी में चयनित

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अंजलि बिरला प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी में चयनित

भुवन वर्मा बिलासपुर 06 जनवरी 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि बिरला भारतीय प्रशासनिक सेवा (यूपीएससी) में चयनित हुई है। उनकी इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है वहीं उनके शक्ति नगर स्थित निवास में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बताते चलें कि ओम बिरला की दो बेटियांँ हैं, बड़ी बेटी आकांक्षा सीए हैं और अब छोटी बेटी अंजलि का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है। सिविल सर्विसेज में चयन होने से बेहद खुश अंजली दसवीं क्लास में उनके अच्छे नंबर से पास हुई थी , लेकिन उन्होंने साइंस लेने के बजाये आर्ट्स ली और कोटा के सोफिया गर्ल्स स्कूल में बारहवीं की पढ़ाई की।फिर दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। वे इस परीक्षा की तैयारी के लिये प्रतिदिन दस से बारह घंटे पढ़ाई करती थी। अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत आईएएस की परीक्षा पास कर अपने सपनों को पूरा किया।

बहन और माता पिता प्रेरणास्रोत

पत्रकारों से चर्चा करते हुये अपने पहले ही प्रयास में सफलता मिलने का श्रेय अंजलि ने अपनी बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को देते हुये कहा कि उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय मोटिवेट किया वो हर वक्त मेरे साथ रहती थीं. सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरा योगदान दिया और लगातार उनका हौसला बढ़ाती रहीं। इस दौरान माँ अमिता बिरला और पिता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी स्वयं पर विश्वास बनाये रखने को प्रेरित किया। अंजलि ने बताया कि इस परीक्षा के लिये उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे। परिवार में राजनीतिक माहौल होने के बाद भी प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में जाने के सवाल पर अंजलि ने कहा कि पिता राजनीतिज्ञ हैं और मांँ चिकित्सक हैं। परिवार के सभी अन्य सदस्य भी किसी ना किसी रूप में सामाजिक सेवा के क्षेत्र से जुड़े हैं। वो भी अपनी मेहनत से स्वयं के पैरों पर खड़ा होकर एक अलग दृष्टिकोण से परिवार से अलग एक नये क्षेत्र में समाज की सेवा करना चाहती थीं। इसी कारण उन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं की ओर रुख किया। अंजलि ने आगे कहा कि वो किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलने पर उन्हें ज्यादा खुशी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सेशन पूरा होने के बाद वे महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। इसके साथ ही जो भी टास्क मौजूदा दौर में मिलेगा उसको पूरी शिद्दत के साथ निभाने की भरपूर कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिये ही प्रेरित करते हैं, जबकि इन दोनों विषयों के अलावा भी बहुत बड़ी दुनियाँ है। उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी ना सिर्फ युवाओं बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित कर सकें।

गौरतलब है कि आईएएस, आईएफएस , आईपीएस और केंद्रीय सेवा समूह ‘A’ और समूह ‘B’ की कुल 927 रिक्तियांँ भरने के लिये 19 फरवरी 2019 से आवेदन शुरू किये गये थे। प्रीलिमनरी एग्जाम 06 जून 2019 को, सिविल सर्विसेज मेन्स एग्जाम 20 सितंबर 2019 को, इंटरव्यू 20-30 जुलाई 2020 और मेडिकल के बाद फाइनल रिजल्ट 04 अगस्त 2020 को जारी किया गया था। नियुक्ति के लिये मेरिट के क्रम में 829 उम्मीदवारों की सिफारिश करते हुये प्रेस नोट घोषित किया गया था।जिसमें अंजलि बिरला ने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 की ओर से चार जनवरी सोमवार को 89 उम्मीदवारों की जारी सूची में 67 वें नंबर पर अपना नाम दर्ज करवाया।

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