हम हैं महामाया में नंबर वन..! : रतनपुर का विष्णुभोग, सियाराम व एचएमटी में लवन पलारी का दबदबा

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हम हैं महामाया में नंबर वन..! : रतनपुर का विष्णुभोग, सियाराम व एचएमटी में लवन पलारी का दबदबा

भुवन वर्मा बिलासपुर 3 जनवरी 2021

भाटापारा- रतनपुर और सीपत का विष्णुभोग हाथों-हाथ लिया जाता है। लवन और पलारी को एचएमटी व सियाराम के लिए जाना जाता है जबकि सरना और महामाया में हमारा दबदबा पूरी मजबूती के साथ कायम है। कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन यह स्थिति तब देखी गई जब विष्णुभोग को 3500 रुपए क्विंटल पर नीलाम होता देखा गया। एचएमटी और सियाराम में भी तेजी का रुख बना रहा।

5 जिले के किसानों का भरोसा जीतने वाली कृषि उपज मंडी अच्छी क्वालिटी और अच्छी कीमत देने वाली मंडी के रूप में पहचान बना चुकी है। धान की मोटा और बारीक किस्म, दोनों को हमेशा से वाजिब कीमत देने वाली इस मंडी में अब अंबिकापुर जिले का भी नाम दर्ज हो चुका है। सुदूर वनांचल के इस जिले से भी अब विष्णुभोग की नई फसल की आवक होने लगी है। मोटा धान में सरकारी खरीदी के बाद आवक कमजोर है लेकिन बारीक धान की तीनों उपलब्ध किस्मों में अब तेजी का आना देखा जा रहा है।

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इसलिए रतनपुर-सीपत का विष्णु भोग
बिलासपुर जिले का रतनपुर याने महामाया की नगरी। सीपत याने प्रदेश का सबसे बड़ा बिजली घर। इन दोनों की उर्वर धरती में उपजने वाला विष्णुभोग अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। चावल की चमक और स्वाद के दम पर पहचान बना चुका है सीपत की खेतिहर जमीनो से मिलने वाला विष्णुभोग। सबसे जरूरी गुण ब्रोकन परसेंटेज का कम होना भी अच्छी कीमत देने के लिए सहारा बनता आ रहा है।

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एचएमटी और सियाराम में ये आगे
सियाराम और एचएमटी की फसल अपने जिले के सभी ब्लॉक में ली जाती है। उत्पादन भी बेहतर मिलता रहा है। चावल बाजार के लगभग 60 फ़ीसदी हिस्से पर कब्जा जमा चुकी चावल की ये दोनों किस्मे लगभग हर घर में दिखाई देती है लेकिन पलारी और लवन ब्लॉक से आने वाली इन दोनों प्रजातियां के धान की क्वालिटी इतनी ज्यादा बेहतर है कि ये दोनों ब्लॉक अब सियाराम और एचएमटी धान के लिए कृषि उपज मंडी में अपनी पहचान अलग बना पाने में सफल हो चुके हैं।

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इन दोनों में हम अव्वल
सरना और महामाया धान उत्पादन में भाटापारा ब्लॉक अव्वल नंबर पर है। जोरदार उत्पादन देने वाली इन दोनों प्रजातियों के दम पर जिले की लगभग 130 पोहा मिलें महाराष्ट्र, गुजरात में अपनी पहचान बना चुकी है। विदेशों को निर्यात होने वाला पोहा के लिए जरूरी महामाया धान को अच्छी कीमत मिलती रही है तो सरना चावल के लिए यह ब्लॉक भरपूर मात्रा में सरना धान की उपलब्धता सुनिश्चित कराता है। यह बात अलग है कि सरना के स्थिर भाव किसानों को हताश कर रहे हैं पर प्रति एकड़ उत्पादन से नुकसान की भरपाई की जा रही है।

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ऐसा रहा सप्ताह का अंतिम दिन
सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार की आवक संतोषजनक रही। इसके बीच धान विष्णु भोग 3500 से 3600 रुपए क्विंटल, सियाराम 2100 से 2300 रुपए क्विंटल और एचएमटी 1900 से 2000 रुपए क्विंटल पर नीलाम हुआ। सरना में भाव हमेशा की तरह 1300 रुपए पर खुला और 1400 रुपए क्विंटल पर बंद हुआ। धान महामाया में पोहा मिलों की खरीदी 1600 से 1750 रुपए क्विंटल की रही। कुल मिलाकर सप्ताह के अंतिम दिन कारोबार की स्थिति संतोषजनक रही।

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