जीत की ओर विडेन, अदालत की शरण में ट्रंप
जीत की ओर विडेन, अदालत की शरण में ट्रंप
भुवन वर्मा बिलासपुर 05 नवम्बर 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
वॉशिंगटन — अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर जारी मतगणना के बीच दुनियाँ भर की नजरें अमेरिका पर ही टिकी हुई है। उधर अमेरिका में राजनीतिक गहमागहमी के नजारे हैं। हालांकि अमेरिका में अभी चुनावों के परिणाम सामने नही आये हैं लेकिन जारी मतगणना के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीद्वार जो विडेन बहुमत के काफी करीब पहुँचकर निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बुरी तरह से पछाड़ते नजर आ रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी प्रत्याशी जो विडेन के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की रेस में बने हुये हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीद्वार जो विडेन 270 इलेक्टोरल वोटों के जादुई आँकड़े से मात्र 06 इलेक्टोरल वोट दूर हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार अब तक जो विडेन को 264 इलेक्टोरल वोट मिले हैं और उनका पलड़ा भारी नजर आ रहा है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप 214 इलेक्टोरल वोट पाकर बहुमत से कोसों दूर बने हुये हैं और उन्होंने अमेरिकी उच्चतम न्यायालय की शरण ली है।
विडेन ने तोड़ा ओबामा का रिकॉर्ड
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो विडेन ने एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
अमेरिकी इतिहास में जो विडेन राष्ट्रपति पद के पहले ऐसे उम्मीदवार बन गये हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। उन्होंने बारह साल पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है, जबकि वोटों की गिनती अभी भी जारी है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार समाचार लिखे जाने तक जो विडेन को अब तक 72,049,341 वोट मिले हैं, जो अमेरिका के किसी राष्ट्रपति उम्मीद्वार को मिलने वाला सबसे ज्यादा वोट है। इससे पहले साल 2008 में बराक ओबामा को 69,498,516 वोट मिले थे जबकि साल 1996 में बिल क्लिंटन को 47401185 वोट मिले थे।
ट्रंप को भी मिले रिकॉर्ड वोट
गौरतलब है कि इस बार अमेरिका में रिकॉर्ड वोटिंग हुई है और जो विडेन के साथ डोनाल्ड ट्रंप भी बराक ओबामा का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। ट्रंप को अब तक 68,586,160 वोट मिले हैं और अभी करोड़ों वोटों की गिनती बाकी है , इससे उम्मीद है कि ट्रंप ओबामा को मिले वोटों का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
अगर बिडेन राष्ट्रपति बनते हैं तो जॉर्ज एस०डब्ल्यू बुश के बाद ट्रंप दूसरे ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो दोबारा राष्ट्रपति नहीं बन पाये। डेमोक्रेटिक प्रत्याशी जो विडेन अपने विपक्षी निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। कड़ी टक्कर वाले राज्यों में जैसे-जैसे मतगणना बढ़ रही है, वैसे-वैसे बिडेन की बढ़त का अंतर भी बढ़ रहा है। चुनाव में जैसे-जैसे विडेन अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं, वैसे ही ट्रंप समर्थकों में बेचैनी बढ़ रही है। उधर ट्रंप की जीत अब मुश्किल दिख रही है और उन्होंने कई राज्यों में चुनाव के नतीजों को अदालत में चुनौती दे दी है। विडेन और ट्रंप दोनों के समर्थकों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किये हैं , हिंसा के चलते कुछ लोगों के गिरफ्तार होने की भी जानकारी मिली है। ट्रंप ने कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर चुनावी नतीजों के अनुमान लगाने वाले समीक्षकों को गलत ठहराया है। ओहायो , आयोवा , फ्लोरिडा जैसे कई राज्यों में ट्रंप ने हारने का अनुमान लगाया था लेकिन इन सभी राज्यों में वे जीत चुके हैं।
हर कानूनी चुनौती के लिये तैयार – विडेन
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विडेन जीत के काफी करीब हैं। जो विडेन ने कहा है कि वो और उनकी पार्टी जीत की तरफ बढ़ रही है लेकिन जब तक आखिरी मत तक गिनती पूरी नहीं हो जाती मतगणना तब तक चलती रहेगी। उन्होंने मतगणना की प्रक्रिया की निष्पक्षता में अपना विश्वास जताते हुये कहा है कि वो हर प्रकार की कानूनी चुनौती के लिये भी तैयार हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के साथ-साथ कई राज्यों में भी हुये चुनावों में पांँच महिलाओं सहित एक दर्जन से अधिक भारतवंशियों ने जीत दर्ज की है। राज्य विधानसभाओं के लिये चुनी गई पांँच महिलाओं में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली में जेनिफर राजकुमार, केंटकी स्टेट हाऊस में नीमा कुलकर्णी, वर्मोंट स्टेट सीनेट के लिये केशा राम, वाशिंगटन स्टेट हाऊस में वंदना स्लेटर और मिशिगन स्टेट हाऊस में पद्मा कुप्पा हैं। कई मायनों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिये ऐसा पहली बार हुआ है। इनके अलावा चार भारतीय मूल के उम्मीदवार- डॉ.एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति- अमेरिकी कांग्रेस के निम्न सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के लिये दोबारा निर्वाचित हुये हैं। वहीं भारतीय मूल के कम से कम तीन ऐसे प्रत्याशी हैं जिनका फैसला नहीं हुआ है और इनमें एक हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिये मैदान में है।
पांच भारतीय-अमेरिकी महिलाओं ने भी जीता चुनाव
राज्य विधानसभाओं के लिये चुनी गई पांच महिलायें न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली में जेनिफर राजकुमार, केंटकी स्टेट हाउस में नीमा कुलकर्णी, वर्मोंट स्टेट सीनेट के लिए केशा राम, वाशिंगटन स्टेट हाउस में वंदना स्लेटर और मिशिगन स्टेट हाउस में पद्मा कुप्पा हैं। फिलहाल अभी अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना जारी है , अमेरिका की बागडोर डोनाल्ड ट्रंप के हाथ होगी या सत्ता पर इस बार जो विडेन काबिज होंगे , यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
जीत के बाद भी आसान नही विडेन की राह
अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। इससे राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भी जो बिडेन की मुश्किलें कम नहीं होगी। गौरतलब है कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही अमेरिकी संसद कांग्रेस के लिये भी साथ-साथ चुनाव हो रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के पास 53 सीटों के साथ सीनेट में बहुमत है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 47 सीटें ही हैं। इस तरह रिपब्लिकन सदस्य राष्ट्रपति बनने के बाद भी बिडेन की राह आसान अथवा मुश्किल कर सकते हैं।