शास्त्रों में कहा गया है – ” चिंता, चिता के समान है” प्रतिदिन के तनाव से उपजती चिंता ले जाती है मौत के मुंह में
मानसिक स्वास्थ दिवस पर विशेष
शास्त्रों में कहा गया है – ” चिंता, चिता के समान है” प्रतिदिन के तनाव से उपजती चिंता ले जाती है मौत के मुंह में
भुवन वर्मा बिलासपुर 10 अक्टूबर 2020
अस्मिता और स्वाभिमान पत्रिका से चंचला पटेल रायगढ़ प्रतिनिधि की आलेख
रायगढ़ ।आज 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है lमानसिक स्वास्थ्य से तात्पर्य भावनात्मक मानसिक तथा सामाजिक संपन्नता त्योहार को प्रभावित करता है आप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को बुरा प्रभाव डालता है मानसिक विकार के विभिन्न लक्षण हो सकते हैं जैसे कि चिड़चिड़ापन छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करना फिर अकेले रहना किसी से बात ना करना अपने को अकेला महसूस करना कभी अपने आप में तो पढ़ना और हनी लेना आंखों से पानी निकलना अपने आप में बातें करना कभी तुरंत गुस्सा हो जाना अभी तुरंत शाम को जाना किसी कार्य को मना कर पाना किसी भी चीज में मन ना लगना नींद ना आना
मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अधिक चिंता ना करें लोगों से अपना भावना को व्यक्त करने तथा आपस में मिलजुल कर रहे हैं नशीली चीजों का बिल्कुल प्रयोग ना करें और किसी भी तरह का अपने आपको और स्वास्थ्य लगता है तो घर के मेंबर लोगों से बात करें अपना भावना को व्यक्त करें ऐसे व्यक्ति को कभी अकेला न रखें समूह में शामिल करें और अच्छे-अच्छे बातें सुनाए कहानी सुनाएं तथा जीवन में योगा को अपनाएं योगा में जैसे ब्राह्मणी मुद्रा ओंकार लाइफ में अपनाएं और निरोग रहे स्वस्थ रहें ।
: शास्त्रों में कहा गया है – ” चिंता, चिता के समान है”
प्रतिदिन के तनाव से उपजती और मौत के मुंह में ले जाती गंभीर बीमारियों को देखते हुए यह बात बिल्कुल सही साबित होती है। हर एक मिनट का हिसाब रखती, भागदौड़ भरी वर्तमान जीवनशैली में सबसे बड़ी और लगातार उभरती हुई समस्या है मानसिक तनाव। हर किसी के जीवन में स्थाई रूप से अपने पैर पसार चुका तनाव, व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।
आपकी निजी जिंदगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बनकर उभरा है, जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने में सक्षम है। यही कारण है, कि इसे बचने के लिए और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए योग, ध्यान, अध्यात्म और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को लोग अपने जीवन में उतार रहे हैं।
तनावग्रस्त जीवनशैली में बिगड़ने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में ”विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस या मानसिक दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे विश्व के सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा तनावमुक्ति विषय पर कार्यक्रम आयाजित किए जाते हैं। विकास की दौड़ में भागती जीवनशैली से उपजे तनाव के प्रति चिंता व्यक्त कर, उससे बचने और दूर करने के बारे में विचर विमर्श किया जाता है। साथ ही इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कई तरह के आयोजन किए जाते है।
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