पृथ्वी के सात धारक तत्त्वों की रक्षा आवश्यक — पुरी शंकराचार्य
पृथ्वी के सात धारक तत्त्वों की रक्षा आवश्यक — पुरी शंकराचार्य
भुवन वर्मा बिलासपुर 18 सितंबर 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जगन्नाथपुरी — ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाभाग का कथन है कि पृथ्वी सात धारक तत्त्वों पर निर्भर है। इनके विलुप्त होने पर पृथ्वी कुपित , विक्षुब्ध हो जाती है , जिससे भूकंप , बाढ़ , महामारी आदि विप्लव उत्पन्न होते हैं। इन सात धारक तत्त्वों के विलुप्त होने का कारण महायंत्रो का प्रचुर आविष्कार एवं प्रयोग है। अतः महायंत्रो का प्रयोग सीमित मात्रा में दाल में नमक के बराबर होना चाहिये। पृथ्वी की रक्षा एवं मानव सहित समस्त प्राणियों की अस्तित्व रक्षा के लिये आवश्यक इन सात धारक तत्त्वों की उपस्थिति सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य है। पुरी शंकराचार्य जी इन सात धारक तत्त्वों की अनिवार्यता के संबंध में संदेश देते हुये कहते हैं कि आप हम जिस भवन में रहते हैं उस भवन का आधार उसके स्तम्भ हैं। ठीक उसी प्रकार से विचार किया जाये कि हम जिस पृथ्वी पर रहते है उसका आधार या स्तम्भ क्या है ? जिस पर वह टिकी है तो इसका उत्तर निम्न एक श्लोक में मिलता है –
गोभिर्विप्रैश्च वेदैश्च , सतीभिः सत्यवादिभिः l
अलुब्धैर्दानशीलैश्च , सप्तभि धार्यते मही।।
इसके अनुसार पहला स्तम्भ है गौ माता , गाय पर पृथ्वी टिकी है और गायों का विलोप हो रहा है। दूसरा है ब्राह्मण , शंकराचार्य जी कहते है ब्राह्मणों का भी विलोप हो रहा है, मनुवादी कहकर इन्हें कलुषित दृष्टि से देखा जाता है। तीसरा है वेद , उस पर कहते कि मानवजन जब अश्लील मनोरंजन को सभ्यता की सीमा में परिभाषित करने लगे और वेदों का भी विलोप ना हो यह संभव नहीं । चौथा स्तम्भ है सती , जिनका भी विलोप हो रहा है। पांँचवा स्तम्भ है सत्यवादी , आज से चालीस – पचास वर्ष पूर्व तक व्यक्ति सच बोला करते थे। जीवन भर में कोई गहन विपत्ति आ जाये और राजा बलि जैसा धैर्य ना हो तब एक दो झूठ कहते थे , आजकल का व्यक्ति स्वभाव से झूठ बोलता है । छठवां स्तम्भ है निर्लोभी ,आजकल बिना लोभ के कोई कार्य ही नही होता। सातवाँ स्तम्भ है दानशील , आज राष्ट्र की रक्षा हेतु दानशीलों का विलोप हो रहा है । ऐसे में आप स्वयं ही विचार करें कि यदि किसी भवन के स्तम्भ ही नही रहेंगे तब वह टिकेगा कैसे ? क्योंकि गाय, ब्राह्मण, वेद , सती स्त्री ,सत्यवादी इंसान , निर्लोभी और दानी इन सात की वजह से ही पृथ्वी टिकी हुई है ।