जिले के सभी 26 जलाशय लबालब

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जिले के सभी 26 जलाशय लबालब ; आपदा प्रबंधन की तैयारी के बीच अलर्ट की अनदेखी पड़ेगी भारी

भुवन वर्मा बिलासपुर 25 अगस्त 2020

बलोदा बाजार- जलाशय लबालब। नदियां पाटो-पाट। पचरियों से ऊपर आता तालाबों का पानी भले ही निस्तार और सिंचाई सुविधा की समस्या दूर करता नजर आ रहा हो लेकिन आपदा प्रबंधन के प्रयास अब तक नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग जल भराव, जल बहाव देखने न केवल ऐसी जगहों पर जा रहे हैं बल्कि स्नान का आनंद भी ले रहे हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है लेकिन ऐसी जगहों पर आपदा प्रबंधन से निपटने के फौरी उपाय दिखाई नहीं दे रहे हैं।

पुल के ऊपर से पानी का बहाव चालू हो चुका है। लगभग 1 फीट ऊपर चल रहा यह बहाव पार करने के दौरान गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है। यह दृश्य है जिले को बिलासपुर जिले से जोड़ने वाले सेमरिया घाट पुल का। आवाजाही बंद हो चुकी है लेकिन कई ऐसे भी हैं जो इस खतरे के बीच पुल से आना-जाना कर रहे हैं। अलर्ट जारी है लेकिन अलर्ट पर अमल करने और करवाने वाले गायब हैं। शिवनाथ का सिमरिया घाट ही नहीं वरन पूरे जिले की ऐसी जगहों का भी ऐसा ही हाल है। कहा जा सकता है कि लोग हैं कि मानते नहीं और जिम्मेदार है जो जानकर जानते नहीं।

यहां सबसे ज्यादा खतरा

जिले के जलाशयों में सबसे बड़ा सबसे बड़ा जलाशय कसडोल का बलार जलाशय है। इस समय यह अपने पूर्ण जलभराव के बाद 4 इंच ज्यादा भर चुका है ऐसे में उलट मार्ग से बहाव चालू हो गया है। इस दृश्य को देखने पहुंच रहे पर्यटक ना केवल तस्वीरें ले रहे हैं बल्कि बहाव क्षेत्र मैं उतर कर स्नान भी कर रहे हैं। बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटकों की यह हरकत गंभीर खतरे को निमंत्रण दे रही है। दूसरा क्षेत्र है जिले को बिलासपुर जिले से जोड़ने वाले भाटापारा के सेमरिया घाट पुल का जहां 1 फीट से ऊपर पानी बहाव की खबर है। पानी की यह मात्रा आवाजाही रोक चुकी है लेकिन मोटरसाइकिल और बड़ी वाहने पुल पार कर रही है।

यहां कदम कदम पर खतरा

भाटापारा के सेमरिया घाट के अलावा मदकू और कुम्हरखान मैं शिवनाथ का बहाव क्षेत्र सबसे ज्यादा खतरों से भरा है। टापू की भौगोलिक स्थिति के बाद इन दोनों ग्रामीण इलाकों में एनीकट बनाया गया है। यह भी छलक रहे हैं। इसके बावजूद एनीकट के ऊपर बने मार्ग से आवाजाही बराबर जारी है। खतरा इसलिए ज्यादा है क्योंकि यह शिवनाथ का सबसे ज्यादा गहराई वाला क्षेत्र माना जाता है।

अलर्ट की कर रहे अनदेखी

भारी बारिश के बाद नदी नालों जलाशयों और एनीकट में जलभराव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है कि बहाव क्षेत्र से दूरी बनाए रखें। एनीकट के निचले हिस्से में स्नान करने से बचे लेकिन जिले के एनीकट सहित 26 जलाशयों में बढ़ती भीड़ इस बात को साबित कर रही है कि अलर्ट कि किस तरह अनदेखी की जा रही है। ऐसे लगभग 26 और लघु जलाशय हैं जहां निगरानी बढ़ाने के साथ ही कड़ाई की भी जरूरत है।

कैसे होगा विसर्जन

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने अलर्ट जारी कर दिया है लेकिन विसर्जन जिन जगहों पर किया जाना है उसके लिए तैयारियों की जानकारी अभी तक जारी नहीं की गई है। ऐसे में यह काम भी कम खतरे नहीं बढ़ा रहा है। भले ही इस बार गणेश प्रतिमा की स्थापना कम संख्या मैं की गई है लेकिन जहां है उनका विसर्जन कहां और कैसे किया जाना है इसे लेकर अभी तक जरूरी गाइडलाइन की प्रतीक्षा की जा रही है क्योंकि जलभराव की स्थिति के बाद यह काम कठिन दिखाई दे रहा है।

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