सोलह अगस्त से खुलेगी वैष्णोदेवी मंदिर, गाइडलाइंस जारी

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भुवन वर्मा बिलासपुर 12 अगस्त 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

श्रीनगर — जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्रशासित प्रदेश में धार्मिक स्थल खोले जाने हेतु जारी किये गये गाइडलाइंस के अनुसार केंद्रशासित प्रदेश में 16 अगस्त से धार्मिक स्थल खोले जाने की अनुमति दी है। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट को सभी निर्देशों का भली भांँति पालन कराना होगा। डीएम को कोविड-19 की स्थिति के मुताबिक किसी भी धार्मिक स्थल को खोलने या बंद करने का पूरा अधिकार होगा। प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों का काम देख रहे संगठनों को कोरोना वायरस बचाव समिति बनाना अनिवार्य है जिसमें कि उनके वॉलंटियर्स, सेवादार और कर्मचारी हो सकते हैं। ये समितियांँ सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया को लागू कराना सुनिश्चित करेंगी. जिला मजिस्ट्रेट को 16 अगस्त 2020 को धार्मिक स्थल खोले जाने से पहले इसकी स्वीकृती देनी होगी। महामारी का प्रकोप जारी रहने तक श्रद्धालुओं को केवल दिन को ही यात्रा करने की इजाजत रहेगी। श्रद्धालु रात के समय ना तो भवन में प्रवेश कर पायेंगे और ना ही उनको भवन में रहने की इजाजत दी जायेगी। इतना ही नहीं सुबह व शाम के समय मांँ वैष्णो देवी भवन पर होने वाली दिव्य महाआरती में भी श्रद्धालु शामिल नहीं हो पायेंगे।

सरकारी आदेश में कहा गया कि जम्मू कश्मीर के सभी जिलों में लोगों के लिये धार्मिक स्थल खोलने की मंजूरी दी गयी है। हालांकि 60 साल से ज्यादा की आयु वाले, पहले से बीमार, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम के बच्चों को घर में रहने का ही सुझाव दिया गया है। सभी श्रद्धालुओं को ऐसी जगहों पर हर समय 06 फीट की दूरी का ख्याल रखना होगा , प्रवेश द्वार पर भी यह नियम लागू रहेगा , इसके साथ ही मास्क पहने हुये लोगों को ही लोगों को प्रवेश दिया जायेगा। मंदिर परिसर में सिर्फ बिना लक्षण वाले मरीजों को ही एंट्री दी जायेगी , लोगों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथ पैरों को साबुन से अच्छी तरह साफ करना होगा , इसके लिये जरूरत का सामान परिसर की देखरेख कर रहे संगठनों द्वारा मुहैया कराया जायेगा। धार्मिक स्थल पर मूर्ति, विग्रह और पवित्र किताबों को छूना वर्जित होगा। इसके साथ ही अगले आदेश तक परिसर में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजनों की इजाजत नहीं होगी , सिर्फ अकेले ही प्रार्थना करने की इजाजत होगी। पवित्र पानी छिड़कने, प्रसाद आदि बांटने की भी इजाजत नहीं दी गई है। परिसर को नियमित अंतराल पर सैनिटाइज करना होगा, इसका समय संगठनों को तय करना होगा , इसका ब्यौरा भी संबंधित धार्मिक स्थल प्रशासन को रखना होगा। श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही जूते चप्पलों को गाड़ी में ही उतारने का भी सुझाव दिया गया है। प्रार्थना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दरी या चटाई श्रद्धालुओं को अपने घर से लानी और वापस लेकर जानी होगी।फेस मास्क, ग्लव्स और श्रद्धालुओं द्वारा फेंके जाने वाले अन्य कचरे की सुव्यवस्था करना अनिवार्य है। सभी धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले लोगों की सूची तैयार की जायेगी जिसमें कि उनके संपर्क सूत्र की भी जानकारी हो। चरार-ए-शरीफ, हजरतबल, माता वैष्णोदेवी, नंगली साहब, शहादरा शरीफ, शिव खोड़ी आदि में जहां पूरे केंद्रशासित प्रदेश और देश के श्रद्धालु आते हैं वहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने होंगे। ये जगहें 16 अगस्त से खोली जायेंगी और यहां प्रदेश के बाहर के सीमित श्रद्धालुओं को ही आने की मंजूरी दी जायेगी , इन्हें श्रद्धालुओं को पंजीकृत करना होगा. सिर्फ रजिस्टर्ड लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी जायेगी। वैष्णो देवी मंदिर के लिये मांँ वैष्णो देवी जी मंदिर कटरा 30 सितंबर 2020 तक रोजाना ज्यादा से ज्यादा 5000 श्रद्धालुओं को जाने की ही छूट होगी। इसमें अन्य राज्यों के केवल 500 लोग ही होंगे. श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण के बाद की जाने की इजाजत होगी. जम्मू-कश्मीर के बाहर से आ रहे लोगों को निश्चित रूप से कोविड-19 एंटीजेन टेस्ट कराना होगा।

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