छत्तीसगढ़ में 265 रुपए की यूरिया बिक रही 345 से 500 ₹ तक :जिला मुख्यालयों में भारी संकट ,सरकार मंदिर व हज हाउस में व्यस्त, सो रहे हैं नौकरशाह
भुवन वर्मा बिलासपुर 4 अगस्त 2020
रायपुर । छत्तीसगढ़ में यूरिया 400 से 500 ₹ प्रति बोरा तक बीक रहा है।अब तक शासन प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है | इस कोरोना संकटकाल में आज अन्नदाता काफी दिक्कतों का सामना कर रहा है । आज किसान ₹500 किलो प्रति बोरा यूरिया खरीदने को मजबूर हो रहा है ।वही कृषि विभाग सो रहा हैं उनके नौकरशाह भी घिसी पीटी राग अलाप रहे हैं । ऑर्डर दे दी गई है रैक अति शीघ्र पहुंचेगी। तब तक किसान मरे अपनी बला से उन्हें क्या वो तो कोरोना का बहाना कर सो रहे हैं ।
वही सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस व्यवस्था नही हुई है ।
भाटापाारा बलोदा बाजार में यूरिया की किल्लत के बाद जागा विभाग। अब मुख्यालय से जिले के लिए 1000 मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड की गई है। संभावना है कि यह मात्रा 1 या 2 दिन में पूरी कर दी जाएगी। इसमें से ज्यादा मांग वाले क्षेत्र को पहले आपूर्ति की जाएगी। वैसे विभाग ने हर ब्लॉक के लिए यूरिया की मात्रा तय कर दी है। इस.बीच यूरिया की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की भी शिकायतें आने लगी है।
रोपाई का दौर समाप्ति की ओर है। सिंचाई साधन वाले किसान बियासी का काम निपटाने में लगे हुए हैं। ऐसे में यूरिया की डिमांड निकलने लगी है क्योंकि अवर्षा की स्थिति में गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी खेतों तक पहुंचने लगा है लेकिन इस दौरान लगने वाली सबसे जरूरी चीज यानी यूरिया के लिए किसानों के भटकने की खबरें भी आने लगी है। जिन संस्थानों मैं स्टॉक था उनके लिए यह अवसर लाभ का देखा जा रहा है लिहाजा 265 रुपए प्रति बोरी वाली यूरिया किसानों तक 300 से 445 रुपए में पहुंचने लगी है। खबरों के पहुंचने के बाद जागे विभाग मुख्यालय से यूरिया के लिए मांग पत्र भेजा गया है जिस पर तत्काल स्वीकृति दी जा चुकी है। उम्मीद है कि मांगी गई यह मात्रा बहुत जल्द जिले तक पहुंच जाएगी और किसानों को उचित कीमत पर यूरिया की उपलब्धता हो सकेगी ,ऐसा अमल का कहना है ।
जैसी मांग वैसी कीमत …..खुले विक्रेताओं की चांदी ही चांदी
जिले के हर ब्लाक में यूरिया की कमी है। हालांकि मानसून पूर्व तैयारी की गई थी लेकिन लगातार बारिश के बीच किसानों ने उठाव कर लिया था पर वह मात्रा कम पड़ती देख एक बार फिर से यूरिया की डिमांड बढ़ चुकी है। खुले बाजार पर नियंत्रण नहीं होने की स्थिति में यह क्षेत्र अपने हिसाब से मांग देखकर कीमत तय कर रहा है। कहीं 300 रुपए लिए जा रहे हैं तो कहीं 320 रुपए। इस कीमत पर ली जा रही यूरिया गांव तक पहुंच रही है। गांव में संचालित दुकानों में तो यही यूरिया 345 से 450 रुपए प्रति बोरी तक में खरीदी और बेची जा रही है। कीमत भी मात्रा देखकर तय की जा रही है। खुले बाजार में किसी का कंट्रोल नही है ।
लगातार मांग बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं
सिंचाई पानी की मांग पर नहरों से छोड़ा गया पानी खेतों तक पहुंचने लगा है इसलिए अब व्यासी का काम जोर पकड़ने लगा है। ऐसे में यूरिया की मांग आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। इधर जिले के कुछ ब्लॉक में बारिश भी हुई है इसलिए इन क्षेत्रों से भी यूरिया की मांग आ रही है। बाजार में लगी भीड़ इसका प्रमाण है। इसलिए यूरिया की मांग और आपूर्ति के बीच बढ़े अंतर को खत्म नहीं किया गया तो किसानों को अतिरिक्त रकम निकालने होंगे।
जिले में यूरिया की मांग पर ध्यान दिया जा कर मुख्यालय को भेजे गए मांग पत्र पर मंजूरी मिल गई है। बहुत जल्द जिले को एक हजार मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।
- वी पी चौबे, उपसंचालक ,कृषि बलोदा बाजार
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