जल का संरक्षण अति आवश्यक – संजय अग्रवाल : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर का 24वां स्थापना दिवस पर विविध आयोजन

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बिलासपुर।बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर का 24वां स्थापना दिवस समारोह गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संजय अग्रवाल, भा.प्र.से., माननीय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, बिलासपुर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में विजय प्रताप सिंह, पूर्व कमोडोर भारतीय नौसेना तथा लोकेश देव, असिस्टेंट कमांडेंट, 07 सीजी एनसीसी बटालियन, बिलासपुर शामिल थे।

मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार ने सामूहिक रूप से ज्ञान की देवी मां सरस्वती से शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में निरंतर प्रगति की प्रार्थना की।

स्वागत एवं प्रतिवेदन प्रस्तुति

समारोह में स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए डॉ. एन.के. चौरे, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने महाविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि संस्थान ने पिछले वर्षों में शिक्षा, अनुसंधान एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।

जल संरक्षण पर विशेष बल,,,,,

मुख्य अतिथि संजय अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज जल का संरक्षण समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने आंकड़ों के साथ यह तथ्य प्रस्तुत किया कि मात्र 1 हेक्टेयर धान उत्पादन में लगभग 50 लाख लीटर जल की खपत होती है, जबकि उसकी आय 20 से 25 हजार रुपए ही होती है। इसे “जल का सबसे बड़ा अपव्यय” बताते हुए उन्होंने उपस्थित वैज्ञानिकों, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली, कृषि विविधीकरण और जल संरक्षण की दिशा में प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि हमें यह गंभीरता से सोचना होगा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसा भविष्य छोड़कर जा रहे हैं। अतः यह आवश्यक है कि किसान धान जैसी जल-खपत वाली फसलों पर अत्यधिक निर्भरता छोड़कर फलदार पौधों और बहुउद्देशीय वृक्षों का रोपण करें, जिससे जल संरक्षण के साथ आय भी बढ़ाई जा सके।

महाविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना,,,,

कलेक्टर ने महाविद्यालय की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यहां के वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने कृषि, वानिकी और ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने महाविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

अन्य गणमान्य अतिथियों के विचार

विशिष्ट अतिथि विजय प्रताप सिंह ने कृषि एवं जल संरक्षण में तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वहीं लोकेश देव ने युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाए।

उपस्थित वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएँ

समारोह में डॉ. एस.एल. स्वामी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, लोरमी-मुंगेली, डॉ. एस.के. वर्मा, मुख्य वैज्ञानिक, क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर तथा डॉ. गीत शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर विशेष रूप से उपस्थित थे। साथ ही कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के प्राध्यापकगण, वैज्ञानिकगण, कर्मचारी बंधु और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में शामिल हुए।

संचालन और आभार प्रदर्शन

कार्यक्रम का सफल संचालन वैज्ञानिक अजीत विलियम्स ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. अजय टेगर द्वारा किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और समापन

समारोह के दौरान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को उल्लासमय बना दिया। विभिन्न प्रस्तुतियों में जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता का संदेश भी सम्मिलित था।

इस प्रकार, 24वें स्थापना दिवस समारोह ने न केवल महाविद्यालय की प्रगति को रेखांकित किया, बल्कि जल संरक्षण और समन्वित कृषि प्रणाली के महत्व पर समाज को नया संदेश भी दिया।

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