आप गौरवांवित होये हमने दिल्ली में राष्ट्रपति हाथ से बेस्ट पुरस्कार प्राप्त किया है: वादा था स्मार्ट सिटी का, मिला तालाब सिटी का मज़ा…” कृपया कॉल ना करें निगम आयुक्त व महापौर व्यवस्था में व्यस्त है,,,

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बिलासपुर । बुधवार रात मूसलाधार बारिश ने ऐसा जलभराव किया कि स्मार्ट सिटी का टैग खुद शर्मिंदा हो गया। शहर का हर मोहल्ला, कॉलोनी और मुख्य सड़कें पानी में डूब गईं। सरकण्डा, नंदन नगर, विद्यानगर, जोरा पारा, सिरगिट्टी और इमलीभाटा – सभी इलाके अब झील की तरह नजर आए। घरों में पानी कमर तक, गलियों में पानी नाव की तरह बह रहा था, और बच्चे ट्यूब लेकर तैराकी कर रहे थे। 15 साल में पहली बार ऐसा व्यापक जलभराव हुआ है, और लोगों का कहना है कि इससे पहले कभी इतना भयंकर दृश्य नहीं देखा।

घर-घर में झील, मोहल्ले टापू बन गए,,,,

सरकण्डा बंधवापारा और जोरायपारा क्षेत्र में घरों के भीतर 2 से 3 फीट पानी जमा हुआ। विद्यानगर और यदुनंदन नगर के हालात भी वैसे ही रहे। लोग अपने घरों में कैद होकर पानी का सामना कर रहे थे। एक चर्चा में सरकंडा निवासी डॉक्टर शंकर यादव ने बताया कि सुबह दिनचर्या की आवश्यक सामग्री अखबार दूध फूल लेने भी घर से नहीं निकाल पाए । दुकानदारों को अपना सामान पानी से बचाने के लिए बाल्टी और झाड़ू की जगह नाव चाहिए थी। जोरा पारा, सिरगिट्टी और इमलीभाटा में भी स्थिति वैसी ही रही। कुछ लोगों ने बताया कि पिछले 15 साल में ऐसा व्यापक जलभराव पहली बार हुआ है। पहले भी बारिश होती रही, लेकिन इतनी गंभीर स्थिति कभी नहीं आई।

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 स्मार्ट सिटी…….?  हाय हाय….! अब ‘स्विमिंग सिटी’

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का दावा करने वाले शहर की सड़कें अब स्विमिंग पूल बन गईं। वाहन धीरे-धीरे पानी में तैर रहे थे, लोग नाव और ट्यूब लेकर निकल रहे थे। सोशल मीडिया पर लोग चुटकी ले रहे हैं –“स्मार्ट सिटी? नहीं, अब फ्री स्विमिंग सिटी है।”“हर गली में फ्री स्विमिंग पूल की सुविधा।”

अफसरों का रहस्यमय ‘फील्ड दौरा’.
फाइल फाइल खेलने वाले निगम के वरिष्ठ अधिकारी सब शुतुरमुर्ग की तरह छुप गए हैं।

निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों का कहना था – “हम फील्ड में हैं,,,,,,,।”

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जनता ने देखा – फील्ड मतलब शायद घर का ड्राइंग रूम और बालकनी था। कोई राहत-बचाव नहीं, कोई जल निकासी नहीं। अफसरों ने पानी में नाव चलाते हुए लोगों की हालत देखना तो दूर, अपने घरों में बैठे रहकर बारिश का आनंद लिया।

जनता बनाम निगम – सवाल वही, जवाब नहीं नगर विधायक सेठ जी प्रवास पर है असुविधा के लिए खेद है,,,,। पूजा विधानी महापौर जी फोन काल आनकाल में बिजी है, मोबाइल से नगर की व्यवस्था सुधारने में व्यस्त है। करोड़ों की लाखों की पैकेज में कार्य करने वाले निगम आयुक्त ई ई इंजीनियर सब अपनी रोटी सेकने में ब्यस्त है। हर साल बारिश के समय यही हाल, स्थायी समाधान की कमी, और चुनाव में किए गए वादे बस कागजों तक सीमित। मोहल्लेवालों और दुकानदारों का कहना है – “वादा था स्मार्ट सिटी का, मिला तालाब सिटी का मज़ा।” लोगों ने अफसरों को फोन किया, मेयर को कॉल किया, लेकिन कोई ठोस राहत नहीं मिली।

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15 साल का सबसे बड़ा जलभराव

बिलासपुर ने 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सड़कें, गलियां, घर और कॉलोनियां सब जलमग्न। स्मार्ट सिटी के चमचमाते संकेत पानी में बह गए।जनता अब सीधे सवाल कर रही है – “स्मार्ट सिटी कहां है साहब? ट्यूब, नाव, और डॉगालिंग गाड़ियां ही मिल रही हैं।”

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