कृषि महाविद्यालय बिलासपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल दिवस संपन्न : उल्लासपूर्ण माहौल में मनाई गई हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती

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बिलासपुर। बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में राष्ट्रीय खेल दिवस तीन दिवसीय विविध कार्यक्रमों के साथ उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। यह दिवस भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद को “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है, जिन्होंने अपने अनुशासन, प्रतिभा और खेल भावना से भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया।

समारोह का शुभारंभ और अतिथि वक्तव्य

समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ. एन.के. चौरे मुख्य अतिथि तथा डॉ. एस.एल. स्वामी, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, लोरमी, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

खेल प्रभारी एवं आयोजन सचिव डॉ. दिनेश पांडे ने स्वागत भाषण देते हुए तीन दिवसीय खेल गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और छात्रों से खेलकूद को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

प्रमुख वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष आयोजन समिति डॉ. आर.के.एस. तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तित्व विकास और मानसिक संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. एन.के. चौरे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि खेलकूद जीवन में अनुशासन, धैर्य और टीम भावना का संचार करते हैं। वहीं, विशिष्ट अतिथि डॉ. एस.एल. स्वामी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि खेल हमें परिश्रम और निरंतर अभ्यास के महत्व को समझाते हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी है।

प्रतियोगिताएँ और छात्र सहभागिता

राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में परिधि मातरे, श्वेता सिंह, दीपक, अंकित लकड़ा, आकाश, त्रिशा एवं अंकित पांडे ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और खेलों की महत्ता पर अपने विचार रखे।

इसके अतिरिक्त तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान दौड़, कबड्डी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन तथा इनडोर गेम्स का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए खेलकूद के प्रति अपनी रुचि प्रदर्शित की।

खेलकूद का महत्व

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि खेल केवल पुरस्कार जीतने का माध्यम नहीं बल्कि जीवन जीने की एक शैली है। यह छात्रों को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से संतुलित और सामाजिक रूप से सक्रिय बनाते हैं। खेलों से टीमवर्क, नेतृत्व, समय प्रबंधन और सकारात्मक दृष्टिकोण जैसे गुण विकसित होते हैं, जो कृषि जैसे परिश्रमशील क्षेत्र में भी उपयोगी सिद्ध होते हैं।

कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण, वैज्ञानिक, छात्र-छात्राएँ और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और खेल दिवस को सफल बनाने में योगदान दिया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय खेल दिवस न केवल छात्रों के लिए मनोरंजन और प्रतिस्पर्धा का अवसर बना, बल्कि उन्हें खेलों के माध्यम से अनुशासन, एकता और जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का भी संदेश दिया।

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