दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र: दरिद्रता और कष्टों का नाश – पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉक्टर दिनेश महाराज
बिलासपुर।सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में सावन महोत्सव श्रावण मास मे महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ नमक चमक विधि द्वारा निरंतर किया जा रहा हैं।11 जुलाई 2025 से आरंभ सावन के अवसर पर त्रिदेव मंदिर में महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा हैं। यह आयोजन 9 अगस्त सावन शुक्ल पूर्णिमा तक निरंतर चलेगा। इस अवसर पर नित्य प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक नमक चमक विधि से पाठ विद्वान ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है।
पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने कहा कि दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति के लिए किया जाता है, जो हर प्रकार की दरिद्रता, चाहे आर्थिक हो या मानसिक, को दूर करता है। दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो दरिद्रता और कष्टों का नाश करता है। इसका नियमित पाठ करने से भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। यह स्तोत्र न केवल भौतिक समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी मदद करता है।ऋषि वशिष्ठ द्वारा रचित यह स्तोत्र समस्त रोगों को दूर करने वाला, शीघ्र ही समस्त सम्पत्तियों को प्रदान करने वाला और वंश-परम्परा को बढ़ाने वाला है।
दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र के लाभ
– आर्थिक समृद्धि और दुर्भाग्य का नाश: यह स्तोत्र दरिद्रता और आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। भगवान शिव की कृपा से धन के साथ-साथ व्यवसाय, नौकरी, या किसी अन्य क्षेत्र में आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
– आध्यात्मिक उन्नति: दारिद्रय दहन स्तोत्र न केवल भौतिक समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी मदद करता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
– मानसिक शांति: स्तोत्र का पाठ मानसिक तनाव, चिंता और निराशा को दूर करता है। यह स्तोत्र कष्टों और बाधाओं को दूर करके जीवन में सुख, शांति, और संतोष प्रदान करता है।
दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र का महत्व
– दरिद्रता का नाश: यह स्तोत्र हर प्रकार की दरिद्रता को दूर करता है, चाहे वो आर्थिक हो या मानसिक।
– कष्टों का नाश: दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र का नियमित पाठ कष्टों और बाधाओं को दूर करता है और जीवन में सुख, शांति, और संतोष प्रदान करता है।
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