कलेक्टर-एसपी ने बाढ़ के हालात से लोगों को राहत दिलाने अधिकारियों की ली आपात बैठक

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क्षति का सर्वे कर तत्काल राहत दिलाने के निर्देश

अधिकारी कार्यालय में नहीं, प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे

पुल के ऊपर बहते पानी में सड़क पार नहीं करने की अपील की

बिलासपुर,7 जुलाई 2025/ कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह ने जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के हालात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों की आपात बैठक ली। उन्होंने बैठक में बाढ़ पीड़ित लोगों की हरसंभव सहायता के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि से जो भी नुकसान हुआ है उनका सर्वे कर तत्काल आरबीसी 6-4 के तहत सहायता दिया जायेगा। कलेक्टर-एसपी ने कहा कि स्थिति में सुधार आने तक कोई भी अधिकारी कार्यालय में नहीं बैठेगा। टीम बनाकर अधिकारी बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों का संयुक्त दौरा करेंगे और लोगों को आपदा से निपटने में जरूरी मदद करेंगे। उन्होंने वीसी के जरिए अधिकारियों से जुड़कर एक-एक तहसील की मैदानी हालात की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ के हालात से निपटना एवं लोगों को राहत दिलाना फिलहाल प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि एक -डेढ़ माह के बराबर पानी पिछले दो-तीन दिन में बरस चुका है। उम्मीद से ज्यादा एकाएक ज्यादा पानी गिरने से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी है। लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थितियों में सुधार आया है। उन्होंने पूरा प्रशासनिक सिस्टम को बाढ़ से बचाव कार्य में झोंक दिए हैं। श्री अग्रवाल ने नियमित दौरा कर संवेदनशील ग्रामों और निचले क्षेत्रों पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि प्रभावित लोगों के पास जाएं, उनकी तकलीफ सुने। यदि उनका मकान अतिवृष्टि से जर्जर या नष्ट हो गया है तो उन्हें नजदीक के स्कूल अथवा आंगनबाड़ी में ठहराएं। उनके खाने और पीने का इंतजाम किया जाये। आरबीसी 6-4 का प्रकरण बनाकर उन्हें तत्काल मुआवजा दिलाया जाए। बैठक में बताया गया कि बिल्हा के वार्ड 8 एवं 9, मस्तुरी के ईटवापाली, कोटा के तेन्दूभांठा,बांसाझाल, चपोरा, मोहदा, केंदाडांड, मोहदा, पचरा, टोनासागर सेमरा और तखतपुर के मनियारी नदी के किनारे कुछ गांव प्रभावित हुए है। बिलासपुर शहर में गोकने नाला के निचले क्षेत्र सहित गंगानगर, श्रीकांत वर्मा मार्ग, बंधवापारा, तोरवा एरिया में 8-10 स्थलों पर जलभराव की स्थिति बनी थी, जिसे कच्चे नाले बनाकर पानी बाहर निकाला गया है।

कलेक्टर ने लोगों के पानी में फंस जाने पर बचाव के लिए उपलब्ध संसाधनों की भी जानकारी ली। होमगार्डस ने बताया कि जिले में पांच नाव उपलब्ध हैं। दो टीम चौबीसों घण्टे तैयार रहती है। लाईफ जैकेट और अन्य ग्रामीण क्षेत्र में तैराकों की सूची बनाकर उनका भी सहयोग लिया जाये। मछुआरे इस कार्य में काफी मददगार हो सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बाढ़ की स्थिति एवं उनकी जागरूकता के लिए मुनादी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि अभी अच्छा मौका है । जल के प्राकृतिक बहाव में यदि कोई अड़चन आ रही है तो उसे तोड़ दिया जाए। लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग के इंजीनियर भी टीम के साथ दौरा करें। यदि पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो बैरिकेड लगाकर यातायात रोक दिया जाए। बेहतर होगा कि गांव में उपलब्ध ट्रेक्टर ट्राली अड़ाकर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया जाये। कलेक्टर-एसपी ने लोगों को पुल के ऊपर बहते पानी में पार नहीं करने की अपील भी की है। कलेक्टर ने कहा कि जीपीएम जिले में भारी बारिश के कारण अरपा भैंसाझार से और ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा जायेगा। अरपा नदी के किनारे लोगों को और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के हालात से लोगों की जान और माल बचाना है। इसके लिए जो भी जरूरी उपाय मैदानी स्तर में करना है ,उसे करें। किसी बड़े अधिकारी के अनुमति का इंतजार किए बिना जनहित में निर्णय लिया जा सकता है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को भी चेताया। उन्होंने कहा कि बरसात में दूषित पेयजल से डायरिया फैलने की संभावना बनी हुई है। लिहाजा मुस्तैदी से सभी प्रकार के दवाईयों की उपलब्धता रहे। इससे ज्यादा कोई मरीज अस्पताल में आता है तो तुरंत उसका इलाज शुरू किया जाना चाहिए। किसी तरह की औपचारिकता बाद में भी पूरी की जा सकती है।

एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने कहा कि प्रशासन एवं पुलिस की टीम आपसी तालमेल के साथ काम करते दिखने चाहिए। इससे समाज में अच्छा संदेश जाता है। बैठक के बाद जाकर अपने अनुविभाग में भी संयुक्त बैठक करें। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। यदि कोई तथ्यहीन खबर की जानकारी आये तो तत्काल उसका खण्डन करते हुए सही जानकारी दिया जाये। पानी ज्यादा गिरने से लोग जलप्रपात और झरने का आनंद उठाने बड़ी संख्या मंे पहुंच जाते हैं, उन्हें वहां पर भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए भी जरूरी निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल,एडीएम शिवकुमार बनर्जी सहित पुलिस अधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एसडीएम, तहसीलदार, थानेदार आदि शामिल हुए।

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  1. Sahiplenilen köpeklerin birçoğu temel eğitime ihtiyaç duyar. Tuvalet alışkanlığı, temel komutlar ve sosyalleşme süreci için zaman ve sabır gerekir. Profesyonel destek alınabilir veya pozitif pekiştirme yöntemleriyle eğitim verilebilir. Köpek sahiplenme sadece bir canı kurtarmak değil, aynı zamanda onu eğitmek ve hayatınıza entegre etmektir.

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