छत्तीसगढ़ के लोहे से मजबूत हुआ चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, पेरिस के एफिल टावर से भी ज्यादा हाइट

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Chenab Railway Bridge: जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल अब देश को समर्पित कर दिया गया है और इसकी मजबूती में छत्तीसगढ़ का बड़ा योगदान है.

– भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) से भेजे गए 12,432 टन इस्पात से इस पुल को नई ताकत मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन किया, जो अब भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और छत्तीसगढ़ की औद्योगिक शक्ति का प्रतीक बन गया है.
– स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के विभिन्न संयंत्रों ने चिनाब ब्रिज के लिए 16,000 टन स्टील की आपूर्ति की, जिसमें से सबसे बड़ा हिस्सा भिलाई स्टील प्लांट से गया. इसमें 5,922 टन टीएमटी स्टील, 6,454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील शामिल हैं. साथ ही सेल के अन्य संयंत्रों जैसे राउरकेला, दुर्गापुर और बर्नपुर ने भी विशेष स्टील की आपूर्ति की.
– चिनाब ब्रिज 1.3 किलोमीटर लंबा है और यह नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है. पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 266 किमी/घंटा की तेज हवाओं और तीव्र भूकंपीय झटकों को सह सके. इसके निर्माण में 29 हजार मीट्रिक टन स्टील, 66 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 84 किलोमीटर रॉक बोल्ट का उपयोग हुआ है.

– सेल और भिलाई इस्पात संयंत्र न केवल इस पुल में बल्कि देश की कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. इनमें अटल सुरंग, सेंट्रल विस्टा, सेला टनल, बुलेट ट्रेन, बंधारा-वर्ली सी-लिंक जैसे राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट शामिल हैं. यहां तक कि युद्धपोतों और INS विक्रांत में भी भिलाई का स्टील इस्तेमाल किया गया है.

– भिलाई इस्पात संयंत्र की यह भागीदारी यह साबित करती है कि छत्तीसगढ़ न केवल खनिज संसाधनों का राज्य है बल्कि राष्ट्र निर्माण की आधारशिला में भी इसकी अहम भूमिका है. चिनाब ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ का नाम जुड़ना राज्य के लिए गर्व की बात है और यह आने वाले समय में औद्योगिक संभावनाओं को भी नई दिशा देगा.

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8 thoughts on “छत्तीसगढ़ के लोहे से मजबूत हुआ चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, पेरिस के एफिल टावर से भी ज्यादा हाइट

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