सरल व्यक्तित्व विलक्षण प्रतिभा के धनी स्व. धर्म प्रकाश टाह

8
eaee3dac-1687-4f88-ac92-80170e7393e1

पुरखा के सुरता : पुण्यतिथि पर विशेष..

जीवन पर्यन्त सच्चाई को आधार मानकर चले, जिन्हें मानसेवी मजिस्ट्रेट का मिला था सम्मान

बिलासपुर । इससे भी बढ़कर एक अच्छे इंसान समाजसेवी दानदाता के रूप में ख्याति पायी, समय की गर्त में उनकी स्मृतियों को विस्मृत न हो, नयी पीई उनी जान से कि बिलासा की वह एक होनहार संतान थे । पंजाब की धरती पर जन्म पर बिलासपुर की जमी उन्हें सही रास आ गयी अपने पिता के साथ छोटी उम्र में बिलासपुर आये । बाद में वे यहीं के होकर रह गये. वह केवल नाम मात्र के लिए यही के होकर नहीं रहे, बल्कि उन्होंने बिलासपुर को बहुत कुछ दिया, और इतना दिया कि उनका नाम अमर हो गया. १९४८ में नगर परिषद के साथ मानसेवी मजिस्ट्रेट एल्डर्स मेल्स एसोसियेशन के अध्यक्ष थे।

 

स्व. धर्मप्रकाश टाह का जन्म सन् १९१४ को पंजाब के फगवाड़ा नामक स्थान में हुआ था. धर्म प्रकाश टाह अपने पिता स्व. पनीरबंद टाह के साथ १२ वर्ष की उम्र में सन् १९१८ को बिलासपुर आ गए थे. इन्होंने एफ ए मैट्रिक के समकक्ष तक की शिक्षा प्राप्त ही इनकी शिक्षा बिलासपुर में ही पूर्ण हुई ।धर्म प्रकाश टाह की माता का नाम मायादेवी टाह थी।. उनके दो पुत्र एक पुत्री है. दो पुत्र में एक पुत्र राम कुमार टाह दूसरा अनिल टाह एवं एक पुत्री सुदेश टाह है। जिसमें अनिल टाह समाज सेवा के साथ साथ काग्रेस की राजनीति से जुड़े हुए है।

सरल व्यक्तित्व के धनी धर्म प्रकाश टाह जीवन पर्यन्त सच्चाई को आधार मानकर चलते रहे. श्री धर्म प्रकाश टाह का व्यक्तित्व इतना बेदाग रहा कि इनके खिलाफ कोई अनर्गल प्रचार भी सामने नहीं आया धर्म प्रकाश टाह सामाजिक कार्यों से सतत जुड़े रहने की वजह से १९४८ में नगर परिषद बिलासपुर के सदस्य चुने गये थे। यह इस समय की बात है जब सफेद पेटी व लाल पेटी के नाम से चुनाव हुआ करते थे, बिलासपुर में इनकी नियुक्ति मानसेवी मजिस्ट्रेट के रूप में हुयी थी जो कि एक सम्मान जनक व्यक्ति को दी जाती थी जिसके माध्यम से बिलासपुर के लोगों को सही न्याय मिला व्यवसायी होने के

साथ साथ सामाजिक कार्यों में जुटे होने के कारण बिलासपुर में इन्होंने एल्डर्स मेन्स एसोसियेशन का गठन किया, बिलासपुर में एल्डर्स मेन्स एसोसियेशन का पहली बार गठन इन्होंने ही किया था जिसके वे अध्यक्ष रहे नगर निगम से नेहरू नगर की ओर जाने वाली सड़क (पुराना आरटीओ आफिस माला क्षेत्र) का दान इन्होंने ही किया था. जिसका नामकरण नगर निगम ने बाद में धर्म प्रकाश टाह के नाम कर दिया.

स्व. श्री धर्म प्रकाश टाह धार्मिक रुझान वाले व्यक्ति थे. उनका गांधीवाद पर अटूट विश्वास था. उनकी दिनचर्या अनुशासनबद्ध थी, जिसमें व्यवसाय सामाजिक कार्य एवं कांग्रेस की राजनीति तीनों का समावेश था. स्व. श्री धर्म प्रकाश टाह के सरल व्यक्तित्व का प्रभाव से उनके यहां काम करने वाले ड्राइवर किशन नौकरानी पुनिया बाई और नौकर ननकी महाराजां ने अपना सारा जीवन उनके यहां ही व्यत्तीत कर दिया।

धर्म प्रकाश टाह बिना हिसाब रखे जिसे जितना जरूरत पड़े उसे उतना मांगने पर आर्थिक सहायता दिया करते थे। इस बात का पता उनके घर वालों को बाद में चला जब लोग उनके स्वर्गवास बाद ४३ हजार रू. लौटाये जिसने किसी ने ५०००/- किसी ने २०००/- किसी ने ५००/- इसी तरह लौटाये थे, इस प्रकार की धर्म प्रकाश टाह के समाजिक सेवा के अंतर्गत लोगों को आर्थिक मदद करना भी सम्मिलित था. स्व. धर्म प्रकाश टाह सीएमडी कॉलेज में गवर्निंग बॉडी संचालक मंडल के सदस्य भी थे । सीएमडी कॉलेज में उन दिनों उनके दादा चरण राम टाह के वाद विवाद प्रतियोगिता हुआ करती थी। दयालबन्द गुरुद्वारा मंदिर इत्यादि में उनका योगदान रहा है।

वैसे श्री धर्म प्रकाश टाह कांग्रेस की राजनीति में शुरू से रहे अन्त तक जुड़े रहे धर्म प्रकार टाह के चाचा श्री सत्य प्रकाश टाह भी कांग्रेस की राजनीति से जुड़े में किंतु उन्हें १९६२ में कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारन अलग से खड़े होकर सदस्य चुने गये थे उनके इस तरह खड़ा होकर जीतने की धर्मप्रकाश ने उनका विरोध किया था. क्योंकि स्व. श्री धर्म प्रकाश टाह काग्रेस राजनीति की मुख्यधारा से जुड़े हुये थे १९८३ में स्व. श्री धर्म प्रकाश टाह के पुत्र की अनिल टाह के पार्षद बनने के बाद से इनके परिवार में कांग्रेस की राजनीति बर्तमान में भी जारी है। डॉ शिव नारायण मिश्रा, बच्छराज बजाज, राय साहब बनवारी लाल उनके मित्र हुआ करते थे ।

धर्म प्रकाश टाह के निवास स्थल में पंडित रविशंकर शुक्ला भी आते थे. स्व. श्री टाह की मृत्यु हृदयाघात से सन १९८६में बिलासपुर में हुयी। उनके अच्छे सामाजिक सेवा कार्य के कारण बिलासपुर में उन्हें आज भी याद किये जाते हैं। उनके सुपुत्र अनिल टाह पिता के विरासत में मिले सीख को आगे बढ़ते हुए आज भी समाज सेवा, अंतिम पंक्ति के लोगों की सेवा, दिव्यांग सेवा, पर्यावरण सेवा एवं निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कैम्प, कन्यादान महायज्ञ जैसे अनेक प्रकल्प को आज भी सेवा भाव के साथ निरंतर जारी रखे है।

आलेख संकलन- अनिल टाह समाज सेवी बिलासपुर

About The Author

8 thoughts on "सरल व्यक्तित्व विलक्षण प्रतिभा के धनी स्व. धर्म प्रकाश टाह"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed