108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, कुसमुंडा, कोरबा में: डॉ. चिन्मय पंड्या के आतिथ्य में हुआ आयोजन

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कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रवास के द्वितीय चरण में, डॉ. चिन्मय पंड्या छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा ज़िले के कोयलांचल क्षेत्र कुसमुंडा में प्रबुद्धवर्ग संगोष्ठी में पहुंचे, यहां उनका स्वागत अत्यंत भावपूर्णता से किया गया, तत्पश्चात् डॉ. पंड्या जी ने गायत्री परिवार परिजनों से आत्मीय भेंट कर उनकी साधना, सेवा और संस्कार की भावना की सराहना करते हुए अपने प्रेरक संबोधन में साधना, सेवा, और संस्कार के महत्व को रेखांकित किया और समाजोत्थान हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने परिजनों को आत्मोन्नति और सामाजिक बदलाव के लिए सतत प्रयास करने का संदेश दिया। इस संगोष्ठी में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), छत्तीसगढ़ के जनरल मैनेजर (जीएम) बिजॉय कुमार जी का भी आगमन हुआ, आदरणीय डॉ. साहब ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया।

प्रबुद्धवर्ग संगोष्ठी के पश्चात् प्रवास के तृतीय चरण में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं दीपयज्ञ समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के जन प्रतिनिधि भी सम्मिलित हुए।
डॉ. पंड्या जी ने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के महान मूल्यों पर आधारित अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गायत्री परिजन का यह कर्तव्य है कि वह इस दिव्य प्रकाश को घर-घर और जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास करे।
समारोह के समापन पर, डॉ. पंड्या जी ने उपस्थित विशिष्ट गायत्री परिजनों और छत्तीसगढ़ राज्य के जन प्रतिनिधियों को परम पुज्य गुरुदेव का साहित्य और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

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