पुरी शंकराचार्य का प्राकट्य स्थल होगा तीर्थस्थल के रूप में विकसित
भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जून 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
मधुबनी — श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज के प्राकट्य स्थल, बिहार प्रान्त के मधुबनी ज़िला अन्तर्गत हरिपुर बक्शीटोल में उनके शिष्यों एवं भक्तों की अतिआवश्यक बैठक संपन्न हुई। जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि वहाँ के प्रसिद्ध सतीमाई स्थल पर मनसादेवी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जाये। गौरतलब है कि यहाँ का विषहरा स्थान एक अलौकिक तीर्थ के रूप में पूर्व से ही प्रसिद्ध हैं। इस दिव्यस्थल में शंकराचार्य महाराज को बाल्यकाल में कई अलौकिक अनुभूतियाँ हुई हैं। विषहरा का मूर्तिरूप मनसादेवी हैं। अतः उनकी स्थापना से इस स्थान का महत्व प्रसिद्ध हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की तरह हो जायेगा। पीठ परिषद, आदित्यवाहिनी-आनन्दवाहिनी ने शंकराचार्य संस्थान नामक एक न्यास का गठन किया है तथा अनेक सेवाप्रकल्पों को मूर्तरूप देने का संकल्प लिया है। जिसके अंतर्गत प्रथम प्रकल्प के रूप में मनसा देवी मन्दिर निर्माण का संकल्प है। उस पवित्र स्थल पर दिनांक 12 दिसम्बर 2019 को भूमिपूजन का अनुष्ठान डॉ० सुदिष्ट मिश्रजी संस्था के प्रेरक निरीक्षक एवं मार्गदर्शक के द्वारा किया गया। मंदिर निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने की भावना से एक बैठक आहूत हुई जिसमें अर्थसंग्रह को विधिवत करने के लिये आनन्दवाहिनी की राष्ट्रीय अध्यक्षा डा० इन्दिरा झा न्यास प्रमुख , श्री नथुनी साहू पीठ परिषद के अध्यक्ष तथा श्री नन्दकिशोर झा कोषाध्यक्ष को प्रभारी बनाया गया। कोरोना महामारी के इस संकट काल में भी सदस्यों का उत्साह स्तुत्य है। शंकराचार्य संस्धान न्यास द्वारा विश्व के महानतम विभूति श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य की जन्मभूमि हरिपुर बक्शीटोल को एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करने के इस महाअभियान में सभी सनातनी धर्मावलम्बियों से जुड़ने की अपील की गयी।
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