शेड के नीचे हुआ 5000 बोरा धान का नीलाम

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भुवन वर्मा बिलासपुर 23 जून 2020

प्रांगण के जल जमाव वाले हिस्से की पहचान और मरम्मत का काम चालू

भाटापारा- पहले से तय शेड के नीचे नीलामी की व्यवस्था फिर काम आई । मौसम के बदलते तेवर के बीच सावधानी के साथ काम करने की वजह से कृषि उपज मंडी में बारिश से किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। कारोबारी सप्ताह की दूसरे दिन मंगलवार को 5000से 7000 बोरा धान की आवक रही। इधर मौसम के तेवर को देखते हुए मंडी प्रबंधन ने प्रांगण की मरम्मत का काम चालू करवाने का फैसला कर लिया है।

रविवार शाम से हो रही रुक-रुक कर बारिश के बाद कृषि उपज मंडी में आवक घटने लगी है क्योंकि किसानों ने खेतों की ओर रुख कर लिया है। सोमवार को पूरे दिन और रात हुई बारिश के बाद हालांकि मंडी प्रांगण में जलजमाव तो नहीं हुआ लेकिन यत्र -तत्र पानी भरने से काम करने की होने वाली दिक्कत को देखते हुए शेड के नीचे नीलामी और बाद की सभी प्रक्रिया पूरी करवाई गई। आवक कमजोर होने से व्यवस्था में कहीं कोई बाधा नहीं आई तो मंडी प्रशासन की सजगता से भी कोई परेशानी नहीं आई। मंगलवार की सुबह तक होती रही बारिश के बाद जब गेट खुले तब तक व्यवस्था बना ली गई थी। आवक घट कर 5000 से 7000 बोरा धान की दर्ज की गई। इसे शेड के नीचे नीलाम करवाया गया लिहाजा नुकसान की स्थिति सामने नहीं आई।

प्रांगण की मरम्मत चालू
इस बीच मंडी प्रशासन ने प्रांगण के उन हिस्सों की पहचान कर ली है जहां जल जमाव ज्यादा हो रहा है। पहचान और मरम्मत दोनों काम के एक साथ चलने से मौसम खुलने के बाद इन जगहों को उपयोग के लायक पाए जाने पर फैसला लिया जाएगा वैसे प्रबंधन का मानना है कि पूरा प्रांगण नए सिरे से बनवाने की जरूरत है क्योंकि इसका आकार कटोरे जैसे हो चुका है।

शेड के नीचे हुई नीलामी
साथ शेड में से अधिकांश शेड में नीलामी और बाद की प्रक्रिया के लिए जगह बनाई जा रही है। इसके बाद सोमवार से हो रही बारिश और प्रांगण की स्थिति को देखते हुए नीलामी की प्रक्रिया शेड के नीचे करवाई जा रही है। मौसम खुले होने की स्थिति में प्रांगण में यह काम करवाया जाता रहा है लेकिन जलजमाव की स्थिति को देखते हुए सोमवार से इस पर सख्ती से अमल किया जा रहा है लिहाजा नुकसान जैसी बातें नहीं आ रही है।

प्रांगण में नीलामी के लिए यह फैसला
मौसम में उतार-चढ़ाव के बाद जिस दिन मौसम खुला रहेगा उस दिन प्रांगण में यह काम किया जाएगा लेकिन इसमें पहले नीलामी, पहले भराई, पहले कांटा, पहले सिलाई और पहले लोडिंग जैसे काम करने होंगे। इस कड़ी शर्त पर सभी ने स्वीकृति दे दी है। इससे भी नुकसान के आंकड़ों पर ब्रेक लगाने में मदद मिलेगी ।

” रविवार शाम से बारिश के बाद नीलामी और बाद की सभी प्रक्रिया शेड के नीचे पूरी की जा रही है इसलिए नुकसान जैसी स्थिति नहीं है। मंगलवार सुबह उन सभी जगहों की मरम्मत किए जाने का काम चालू किया जा रहा है जहां जल जमाव की समस्या सबसे ज्यादा है ” – डीके सिंह सचिव कृषि उपज मंडी भाटापारा।

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