सरकार की कैबिनेट बैठक आज: धान खरीदी की तारीखों का हो सकता है ऐलान, एंटी नक्सल और औद्योगिक नीति पर आ सकता है फैसला

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रायपुर/ साय सरकार की कैबिनेट बैठक 16 अक्टूबर को होने जा रही है। बुधवार को इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे। सभी मंत्री बुधवार की सुबह मंत्रालय पहुंचेंगे। इस बैठक में धान-मक्का खरीदी, राज्योत्सव के आयोजन को लेकर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में नई नक्सली नीति, औद्योगिक नीति पर भी चर्चा हो सकती है और राज्य सरकार कुछ नए फैसले जनता के बीच पेश कर सकती है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद सरकार धान खरीदी की तारीखों का ऐलान कर सकती है। कुछ दिन पहले ही 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने का प्रस्ताव कैबिनेट की उप समिति ने भेजा था। खाद्य मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में की गई बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा की गई थी।

इस साल 160 लाख मीट्रिक धान खरीदने का अनुमान रखा गया है। बैठक धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू किए जाने पर बात हुई। मंत्रियों ने कहा कि राज्य मंत्री परिषद की बैठक में ही इसका अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बुधवार को इस पर सरकार फैसला स्पष्ट करेगी। कांग्रेस इसका विरोध कर रही है 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की बात कह रही है।

विजन डॉक्यूमेंट पर होगी बात

1 नवंबर को छत्तीसगढ़ सरकार विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव अब नए नाम से जाना जाएगा। इसका नाम ‘अमृतकाल- छत्तीसगढ़ विजन @2047’ रखा जाएगा। इस डॉक्यूमेंट में 2047 तक छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कौन से सेक्टर में कौन से काम होंगे इसकी जानकारी होगी।

पिछली कैबिनेट बैठक के फैसले

पिछली कैबिनेट की बैठक 20 सितंबर को हुई थी। तब तय किया गया था कि शहरी विकास के लिए अलग से योजना बनाकर निकाय काम करेंगे। इसमें सरकारी स्तर पर टाउनशिप की प्लानिंग होगी। इस स्कीम से अतिक्रमण, अवैध निर्माण पर रोक लगाने का काम हाेगा। शहरी आबादी को सुविधाएं देने और उनकी समस्या दूर करने के काम होंगे। नगर विकास योजना में आवासीय, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल यूज लैंड को लेकर नियम जारी होंगे।

पिछली बैठक में प्राधिकरणों के नियमों में बदलाव किया गया। छत्तीसगढ़ में 5 विकास प्राधिकरण हैं। हर प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही दो मंत्रियों की जगह अब पूरा मंत्रिमंडल इसमें शामिल होगा। इसके अलावा जिस इलाके का प्राधिकरण है वहां के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

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