नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन: रतन टाटा के सौतेले भाई, अभी ट्रेंट और वोल्टास के प्रमुख हैं
मुंबई/ रतन टाटा के निधन के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी है। नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार थे। वहीं रतन टाटा के छोटे भाई जिमी टाटा 90 के दशक में रिटायरमेंट ले चुके हैं। इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत नहीं थी।
अभी समूह की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं। 2017 में उन्होंने ये जिम्मेदारी संभाली थी। लेकिन इससे भी ऊपर टाटा ट्रस्ट है, जिसकी कमान टाटा परिवार के सदस्य ही संभालते रहे हैं। निधन से पहले तक रतन ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे।
नोएल, एक आयरिश नागरिक, उनके तीन बच्चे
67 साल के नोएल, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और 40 साल से ज्यादा समय से टाटा ग्रुप से जुड़े हुए हैं। वह नवल टाटा की दूसरी पत्नी के बेटे हैं। नोएल, एक आयरिश नागरिक हैं। नोएल ने आलू मिस्त्री से शादी की है। आलू टाटा संस में सबसे बड़े शेयरधारक पालोनजी मिस्त्री की बेटी हैं।
उनके तीन बच्चे हैं – लिआ, माया और नेविल। टाटा ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार, उनके बच्चे भी परिवार से जुड़ी कुछ दान संस्थाओं के ट्रस्टी हैं। नोएल टाटा अपनी लो-प्रॉफिट लीडरशिप स्टाइल के लिए जाने जाते हैं और रतन टाटा के मुकाबले मीडिया से दूर रहते हैं।
1999 में टाटा ग्रुप में अपना करियर शुरू किया
नोएल ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई की है। उन्होंने 1999 में टाटा ग्रुप में अपना करियर शुरू किया। ग्रुप की रिटेल शाखा ट्रेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए। इसे उनकी मां सिमोन ने शुरू किया था। 2010-11 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद उनके ग्रुप के चेयरमैन बनाए जाने पर चर्चा शुरू हो गई।
इस बीच सायरस मिस्त्री ने खुद टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाए जाने की बात कही। 4 साल बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा ने फिर से ग्रुप की कमान संभाली। 2018 में उन्हें टाइटन का वाइस चेयरमैन बनाया गया और 2017 में उन्हें ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया।