15 हजार NHM संविदा कर्मी 22 जुलाई से हड़ताल पर: बिलासपुर में CMHO को सौंपा ज्ञापन; नियमितीकरण, 27% वेतन वृद्धि समेत 18 मांगें
बिलासपुर/ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मी 27% वेतन वृद्धि सहित 18 सूत्री मांगों को लेकर 22 और 23 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। 6 महीने में 24 बार ज्ञापन देने के बावजूद मांगों के संबंध में कोई सुनवाई नहीं होने पर कर्मियों ने अब सीधे रायपुर में दो दिनों तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ छत्तीसगढ़ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को बिलासपुर CMHO को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने का दावा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ की दो दिनों की हड़ताल में एनएचएम और एड्स नियंत्रण संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल होंगे। संघ ने रायपुर में आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने का दावा किया है। संघ का यह भी दावा है कि हड़ताल के दौरान जिला अस्पताल और सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंद रहेंगे।
कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन देने के दौरान एनएचएम कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाई। एनएचएम और एड्स नियंत्रण संविदा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 18 सूत्रीय मांगों के संबंध में विगत 6 माह में राज्य सरकार को 24 बार ज्ञापन और आवेदन देने का दावा किया गया है। इसके बाद भी कोई भी कार्रवाई नहीं होने के कारण नाराज कर्मियों ने मजबूरन आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया।
15 हजार संविदा कर्मियों में आक्रोश
जुलाई 2023 में बजट सत्र के दौरान अनुपूरक बजट में 37000 संविदा कर्मचारियों के लिए 27% वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी। कर्मचारियों ने बताया कि उक्त वेतन वृद्धि का लाभ स्वच्छता मिशन मनरेगा,समग्र शिक्षा विभाग को मिल गया है। लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के 15000 संविदा कर्मचारियों को 27% वेतन वृद्धि अब तक अप्राप्त है।
ये सेवाएं प्रभावित होंगी
कर्मचारी संघ ने दावा किया कि कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान डिलीवरी संस्थागत प्रसव टीकाकरण,ओपीडी, आईपीडी, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी टेस्ट,दवाई वितरण,मलेरिया, गर्भवती महिलाओं का रूटीन टेस्ट, एचआईवी एड्स टेस्ट और काउंसलिंग,डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम आदि प्रभावित हो सकता है।
बता दें कि वर्तमान में जिले में डायरिया नियंत्रण और मलेरिया के संभावित मरीजों का सर्वे चल रहा हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सभी स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभावित हुए तो इसका असर आम लोगों पर पड़ेगा और उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पाएगी।
कर्मचारियों की ये हैं मांगे
कर्मचारी संघ की 18 सूत्रीय मांगें इस प्रकार हैं- संविदा कर्मियों का नियमितीकरण,लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड पे निर्धारण ,वेतन विसंगति निराकरण, सी आर व्यवस्था में सुधार ,चिकित्सा परिचर्या,अवकाश नियम में बदलाव,अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान में राशि मे वृद्धि,सेवा पुस्तिका संधारण,तबादला व्यवस्था में नियमितता आदि प्रमुख रूप से शामिल है।