मध्यान भोजन में फिर बंटेगा सूखा राशन, खाद्य तेल और अचार की पैकिंग बनी परेशानी की वजह

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 03 जून 2020

बलोदा बाजार- मध्यान भोजन में सूखा राशन का वितरण इस माह भी कई तरह की परेशानी लेकर आ रहा है। वजह यह है कि प्रति छात्र दी जाने वाली राशन सामग्री की पैकिंग किस तरह होगी? खासकर खाद्य तेल और अचार की पैकिंग को लेकर दिक्कत सबसे ज्यादा आने वाली है क्योंकि मात्रा कुछ इस तरह है कि पैकिंग में दिए जाने को लेकर रास्ते की तलाश की जा रही है। दूसरी दिक्कत तौल उपकरण की हर स्कूल में उपलब्धता भी एक समस्या बन रही है।

5 जून से स्कूलों में मध्यान भोजन मैं सूखी खाद्य सामग्री का वितरण के किए जाने के आदेश जारी हो गए हैं। तैयारी चालू हो चुकी है लेकिन बीते माह की तरह इस माह भी मध्यान भोजन में सूखा राशन का वितरण कई तरह की समस्या को लेकर आ रहा है। बीते माह घर पहुंचा कर देने के आदेश ने परेशानी बढ़ाई थी तो इस बार राशन सामग्री की मात्रा और पैकिंग सामग्री के साथ साथ तौल उपकरण की सुविधा जुटा पाना समूहों के पेशानी पर बल ला रही है। मुख्यालय ने आदेश तो जारी कर दिए लेकिन इन सभी दिक्कतों को लेकर कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं किया जाना स्कूलों के साथ-साथ साथ मॉनिटरिंग ऑफिसर के लिए सिरदर्द बन रही है क्योंकि लगभग हर स्कूलों से इस बाबत व्यवस्था की जानकारी मांगी जा रही है।

इस मात्रा में सूखा राशन
स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक प्रति छात्र प्रति दिन के हिसाब से 45 दिन का राशन वितरण किया जाना है। जिसके अनुसार प्रति छात्र के हिस्से में 6 किलो 750 ग्राम चावल, 1 किलो 350 ग्राम दाल, 450 ग्राम अचार, 675 ग्राम सोया बड़ी, 350 ग्राम खाद्य तेल और 375 ग्राम नमक की पैकिंग आएगी।

आ रही यह परेशानी
खाद्य सामग्री तो जुटाई जा चुकी है। अब इनकी पैकिंग के पहले वजन के लिए तौल उपकरण की व्यवस्था किस तरह की जाएगी जैसे सवाल उठ रहे हैं। यदि किसी तरह इससे निपट लिया गया तो अचार और खाद्य तेल की पैकिंग किसमें की जाएगी? क्योंकि प्लास्टिक पर वैसे भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है लिहाजा सबसे बड़ी दिक्कत इन्हीं दो सामग्री की पैकिंग को लेकर आ रही है।

सांसत मे मॉनिटरिंग ऑफिसर
सूखा राशन में खाद्य तेल और अचार की पैकिंग के साथ तौल उपकरण की उपलब्धता को लेकर स्कूलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब देने में अब मॉनिटरिंग ऑफिसरों के पसीने छूट रहे हैं क्योंकि सवाल तो सही है लेकिन मुख्यालय से स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है ना ही राजधानी से। स्कूलों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। बस एक ही बात कही जा रही है कि काम में पारदर्शिता बनाए रखें।

” मध्यान भोजन के रूप में 45 दिनों का सूखा राशन का वितरण किया जाना है। आ रही दिक्कत है तो सही लेकिन आपदा की इस घड़ी में स्कूले अपने स्तर पर इस काम को करना सुनिश्चित करें। ध्यान रखें कि हर काम में पारदर्शिता बरकरार रखी जाए ” – आरके वर्मा जिला शिक्षा अधिकारी बलोदा बाजार।

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