मूलभूत सुविधाओं को संघर्षरत छत्तीसगढ़ चिकित्सक वरियर्स : वैश्विक महामारी कोरोना महा आपदा काल मे

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 27 मई 2020

रायपुर- आज पूरे विश्व के साथ वैश्विक महामारी के चलते हमारे देश में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले हमारे चिकित्सक गण कोरोना जैसे गंभीर महामारी से जूझ रहा है. और कोरोना महामारी को रोकने के लिए ढाल बनकर खड़े फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स चिकित्सकों को 2 माह की नहीं मिली पूरी वेतन. डीएमई द्वारा पदस्थ किये जूनियर चिकित्सकों को 2 माह का वेतन नहीं मिला है जिसकी वजह से वह परेशान है. जहां देश मैं कोरोनावायरस ए गंभीर महामारी के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में करोड़ों अरबों रुपए अब तक जमा हो चुके हैं जिससे कोरोना जैसे गंभीर महामारी से लड़ा जा सके लेकिन जिम्मेदार कोरोना वारियर्स को ही वेतन नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए. डीएमई द्वारा आनन-फानन में जूनियर चिकित्सकों की भर्ती की गई थी. वर्तमान में जूनियर चिकित्सक फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. मरीजों का उपचार कर रहे हैं .लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है जिन कोरोनावायरस के ऊपर हमें गर्व है .जिनकी मेहनत से छत्तीसगढ़ में अब तक किसी भी एक मरीज की मौत नहीं हुई आज वही कोरोना वारियर्स पिछले 2 माह से वेतन ना मिलने की वजह से आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. वेतन ना मिलने की वजह से मन में मायूसी है .लेकिन अपने कर्तव्य अपनी जिम्मेदारी को भी वह बखूबी निभा रहे हैं. सरकार और प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वे कोरोना वारियर्स का हौसला अफजाई करें ना कि उन्हें मायूस करें.

जगदलपुर वाले को पूरी तो रायगढ़ अधूरी बाकी आस में

आपको बता दें कि यहां सरकारी सिस्टम को भी समझ पाना आसान नहीं है क्योंकि जगदलपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन में वहां के जूनियर चिकित्सकों को 2 माह का पूरा वेतन दे दिए तो वहीं रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के जूनियर चिकित्सकों को आधा अधूरा वेतन दिया गया है तो वही सिम्स बिलासपुर और रायपुर मेडिकल कॉलेज में तो वेतन के बारे में कोई चर्चा ही नहीं की जाती अगर जूनियर चिकित्सक जिम्मेदारों को मामले से अवगत कराते हैं तो जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ते चले जाते हैं ऐसी हालात अन्य मेडिकल कॉलेज के भी हैं. जहां सरकार को कोविड-19 से निपटने के लिए देश के नागरिक अपने से जो बन पड़ रहा है सरकार की मदद कर रहे हैं लेकिन जिम्मेदार फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स का ही मनोबल तोड़ रहे हैं क्या ऐसे में कोरोना वाइरस से लड़ा जा सकता है.

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