सोने का रथ, चांदी की पालकी…आज मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र से लेकर सबकुछ

अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में ये त्योहार बहुत ही महत्व रखता है. ये त्योहार वैशाख महीने के तीसरे दिन मनाया जाता है. अक्षय तृतीया का मतलब होता है. आनंद, सफलता और समृद्धि में कोई कमी न होना. इस दिन विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस शुभ अवसर पर पूजा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं
ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है. ये त्योहार देश के अलग-अलग जगहों पर परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है. वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई थी. राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित करने के लिए सालों तक तप किया था. इस दिन पवित्र गंगा में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. इस दिन गरीबों को खाना खिलाएं. इससे कभी भी घर में अन्न की कमी नहीं होती है. वहीं ये भी कहा जाता है कि इस दिन से महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत को लिखना शुरु किया था।
जैन धर्म में इस दिन गन्ने का जूस पीकर व्रत खोलने की परंपरा
अक्षय तृतीया का त्योहार बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. देश के हर क्षेत्र में ये त्योहार अलग तरीके से मनाया जाता है. वहीं जैन धर्म में इस दिन गन्ने का जूस पीकर व्रत खोलने की परंपरा भी है. इस दिन लोग भूखे लोगों और गरीबों को भी गन्ने का जूस पिलाते हैं. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है ऐसा माना जाता है।
अक्षय तृतीया पूजा सामग्री Akshaya Tritiya Puja Samagri)
अक्षय तृतीया पर पूजा के लिए पूजा की चौकी, पीला कपड़ा, 2 मिट्टी का कलश, कुमकुम, चावल, हल्दी, इलायची, गंगाजल, चंदन, अबीर, गुलाल, कपूर, सुपारी, पीले रंग के फूल, लक्ष्मी-विष्णु जी की तस्वीर, धूप, सिक्का, पंचामृत, सत्तू, चने की दाल, तिल, जौ, फल, फूल, नारियल, दीपक, अष्टगंध, मौली के साथ इस दिन खरीदी गई वस्तु लक्ष्मी जी को पूजा में अर्पित करें.
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2024 Puja Muhurat)
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त – 10 मई सुबह 05:45 से लेकर 02:50, 11 मई तक.
अक्षय तृतीया पर पूजा मुहूर्त– 10 मई सुबह 5:45 से दोपहर 12:05 तक.
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 05:45 से सुबह 10:30
अपराह्न मुहूर्त (चर) – शाम 04:51 से शाम 06:26
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12:05 से दोपहर 01:41
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – रात 09:16 से रात 10:40
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