बिल्हा जनपद के सिंह इस किंग बनने के फेर में फसे सिंह बंधु : अब जांच को भी लीपापोती कर अपने पक्ष में करने के फिराक में
भुवन वर्मा, बिलासपुर 21 मई 2020
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिल्हा जनपद पंचायत व जिला पंचायत बिलासपुर के दो सिंह बिल्हा जनपद को अपने लिए चारागाह बनाने की फिराक में थे । इस बीच सीईओ के रूप में सख्त अधिकारी बी आर वर्मा के आ जाने से इनके मंसूबे में पानी फिर गई ।फिर भी लाखों का वारा न्यारा कारण करने में सफल रहे हैं बाबू के कंधे में बंदूक रखकर 590-/₹की फ़ोटो कॉपी के बिल को कैसे 500590-/₹ बनाया जाता है ,,। सीखना या जानना है तो बिल्हा व बिलासपुर के सिंग द्वय बंधु से सीखा जा सकता है । इन दिनों बिल्हा को राजनीति का अखाड़ा बना दिये हैं । चोरी और सीनाजोरी की कहावत शब्द स चरितार्थ होती है बिल्हा में यहां जनपद पंचायत उपाध्यक्ष ने सीईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं । उसी मामले पर सीईओ ने संबंधित शाखा प्रभारी के लिपिक सांडिल्य को मामला उजागर होने पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं ।
इस बीच बाबू बीमारी का बहाना कर और उनके गृह ग्राम दुर्गडीह में विश्राम पर है । वर्षों से बिल्हा सीईओ बनने के आस पर बैठा जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा बाबू के गांव पहुंचना अपने आप मे मामले को दबाकर सीईओ और लेखापाल को फसाने की ओर इशारा करती हैं।
ज्ञात हो कि बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगे बिल्हा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने यहां के सीईओ पर बीआरजीएफ योजना में लगभग 31 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाया है। जिस पर मामला की सच्चाई उजागर होने पर सीईओ ने लेखापाल और मामले से संबंधित लिपिक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ।
इसी बीच सीईओ की आस में बैठा जिला पंचायत के अधिकारी अचानक आनन फानन में लिपिक के ग्राम दुर्गडीह पहुंच कर मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का निरीक्षण करने के बहाने पहुच जाते हैं,,,
क्योंकि सूत्रों का कहना है कि यहां पर सीईओ बनने की चाहत पाले जिला पंचायत का अधिकारी बाबू शांडिल्य को क्या मंत्र जाप दिया ये तो समय ही बताएगा,,,,,,,,?
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