सैनिटाइजेशन में मानक पर ध्यान नही, निगरानी तंत्र मौन
भुवन वर्मा।18मई2020।
जरूरी केमिकल की मात्रा कम, कर रहे हैं धड़ल्ले से उपयोग.
भाटापारा। भारी वाहनों और प्रवासी मजदूरों के लिए चल रही यात्री बसों की सैनिटाइजेशन में जरूरी रसायन की मानक मात्रा की जांच कौन करेगा? शायद कोई नहीं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बाजार में तीन प्रकार के सैनिटाइजर बिक रहे हैं। दिलचस्प यह है कि इन तीनों में सबसे ज्यादा बिक्री उस सैनिटाइजर हो रही है जिसमें मानक मात्रा सबसे कम है और कीमत भी अपेक्षाकृत आधी है अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपदा की इस घड़ी में निगरानी तंत्र कितना सजग है।
पहले मास्क फिर ग्लब्स फिर समय-समय पर हाथ धोने की सलाह ने डिटॉल सहित दूसरे साबुन और हैंडवॉश का बाजार बढ़ाया। कीमतें अनाप-शनाप वसूली गई यह कहकर कि कंपनियों ने स्कीम बंद कर दी है। कैश डिस्काउंट की सुविधा भी बंद करने का फरमान सुना दिया गया। अब सैनिटाइजर की बड़ी पैकिंग में उपलब्ध 3 कीमतों और 3 मानक मात्रा का खेल खेला जा रहा है। यह तब से शुरू हुआ है जब खाद्य सामग्री का अंतरराज्यीय परिवहन करने वाली भारी वाहनों का आवागमन शुरू करने की अनुमति मिली इस शर्त पर कि शहर प्रवेश के पहले उनकी ट्रक और उनके स्टाफ को सैनिटाइजेशन कराना होगा। काम चालू भी हो गया क्योंकि यह जरूरी था लेकिन अधिकारी सैनिटाइजर में जरूरी केमिकल की मानक मात्रा की जानकारी देना शायद भूल गए तभी तो 3 किस्मों के तीन कीमत वाले सैनिटाइजर की बिक्री होने लगी है। इसमें सबसे कम मानक मात्रा और सबसे कम कीमत वाले सैनिटाइजर की मांग सबसे ज्यादा है
यह तीन सैनिटाइजर
भारी वाहनों के लिए जरूरी सैनिटाइजर के 1 लीटर की 3 किस्में बाजार में बिक रही है। इन तीनों की कीमत जरूरी केमिकल की उपलब्धता के आधार पर ही तय की गई है। याने जिसकी खरीदी पर सबसे कम पैसे लगेंगे उसमें केमिकल की मात्रा भी कम होगी। राजधानी से आ रही 3 किस्मों के ये सैनिटाइजर तेजी से बाजार में पकड़ बना रहे हैं क्योंकि शहर में बड़ी संख्या में दाल, चावल और पोहा उद्योग चल रहे हैं। इनमें रोजाना खाद्य सामग्रियों का ट्रांसपोर्टेशन का काम चल रहा है। जो सैनिटाइजर सबसे ज्यादा मांग में बन चुका है उसमें 100 से 150 रुपए प्रति लीटर की कीमत वाला सैनिटाइजर मुख्य है। इसमें जरूरी रसायन सोडियम हाइपोक्लोराइड की मात्रा महज 10 प्रतिशत ही है। इस 1 लीटर के पैक की मदद से 200 लीटर पानी को सैनिटाइजेशन के लिए तैयार किया जा रहा है। 15 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड वाला सेनीटाइजर 250 रुपए प्रति लीटर की दर पर उपलब्ध है। इसकी मदद से 200 लीटर पानी को सैनिटाइजेशन के लिए तैयार किया
जा सकता हैं। तीसरा सैनिटाइजर 300 से 350 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर विक्रय किया जा रहा हैं। इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट की मात्रा 50 प्रतिशत है लेकिन इसकी खरीदी से दूरी बनाकर चला जा रहा है।
मानक की जानकारी का अभाव
सैनिटाइजर में छोटे पैक में तो मानक की जानकारी दी गई है लेकिन बड़े पैक में इसका अभाव साफ-साफ देखा जा सकता है। निगरानी तंत्र से जुड़े किसी भी सरकारी एजेंसी के पास सैनिटाइजर में जरूरी मानक मात्रा कितना होना चाहिए इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि पूछे जाने पर हर किसी ने सवाल का जवाब दूसरे अधिकारियों पर डाल दिया। ऐसे में बाहर से आ रही ट्रक और प्रवासी मजदूरों को लेने आ रही यात्री बसों की सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया संदेह के घेरे में हैं।
निजी क्षेत्र गंभीर
शहर में चल रही लगभग सभी खाद्य पदार्थ की यूनिटें इसे लेकर गंभीर हैं। सभी इकाइयों ने अपनी-अपनी यूनिटों में अपने स्तर पर सैनिटाइजेशन की पूरी सुविधा की हुई है। जरूरी सेनीटाइजर में भी मानक पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है लेकिन सबसे ज्यादा लापरवाही बाहर से आ रही ट्रकों के लिए चालू किए गए सैनिटाइजेशन सेंटर में बरती जाने की खबरें आ रही है क्योंकि जांच के लिए ना तो किसी के पास समय है और ना ही यह जानने की कोशिश की जा रही है कि सैनिटाइजर में जरूरी केमिकल की मात्रा कितनी होनी चाहिए।
वर्जन
सैनिटाइजेशन के लिए सैनिटाइजर में जरूरी मानक मात्रा तय की गई है जिसके मुताबिक प्रति 100 लीटर पानी में 1 लीटर सैनिटाइजर का मिश्रण किया जाना है। आ रही शिकायतों पर गंभीरता के साथ जांच की जाएगी।
आशीष तिवारी
मुख्य नगरपालिका अधिकारी भाटापारा
भूपेंद्र वर्मा , भाठापारा
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