ताक रहे इंसिडेंट कमांडर का मुंह

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 17 मई 2020

सैलून, हॉटल और स्ट्रीट फूड वेंडरों के सामने आर्थिक संकट

भाटापारा। शहर में लगभग सभी कारोबार चल रहे हैं लेकिन हॉटल, स्ट्रीट फूड वेंडर और सैलून कारोबार तो जिस तरह आंख दिखाई जा रही है वह अब एक बड़ा सवाल बन रहा है कि आखिर इन पर ही क्यों कड़ा पहरा लगाया गया है? यह सवाल इसलिए पूरी मजबूती से उठाया है क्योंकि ग्रीन जोन में होने के बावजूद जिले के इस कारोबार में ऐसा कौन सा गुनाह कर डाला है जिसकी सजा रोजी-रोटी छीन कर दी जा रही है।
इंसिडेंट कमांडर से एक सीधा सवाल यह तीन कारोबार पूरी मजबूती से उठा रहे हैं कि यह बताया जाए कि जब सभी तरह के कारोबार को छूट दी जा चुकी है तो सैलून हॉटल और स्ट्रीट फूड वेंडरों को यह छूट नहीं देने के पीछे वजह क्या है? आश्वस्त कर रहे हैं कि यह तीनों कारोबार आपदा के इस घड़ी में नियमों का पूरी गंभीरता के साथ पालन करते हुए अपना कारोबार करेंगे लेकिन सुनने को कोई राजी होगा ऐसा लगता नहीं क्योंकि लॉक डाउन का चौथा चरण लागू होने की पूरी तैयारी हो चली है जिसमें इन कारोबार को छूट के आसार नहीं दिखाई देते।

कर्ज लेकर चला रहे हैं परिवार
शहर में वैसे तो दर्जनों की संख्या में सैलून है। संख्या ज्यादा होने से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपने लिए ग्राहक जुटाने में बड़ी मुश्किल वैसे भी सामने आती रही है लेकिन कोरोनावायरस लॉक डाउन के बाद यह कारोबार पूरी तरह सड़क पर आ चुका है। जो बचे हुए हैं उनके पास कर्ज ही सहारा बना हुआ है लेकिन यह भी कब तक चलेगा जैसे सवाल यक्ष प्रश्न बने हुए हैं।

हॉटल और स्ट्रीट फूड वेंडर भी बेहाल

चाय हल्के फुल्के नाश्ता बना कर रोजी-रोटी की व्यवस्था करने वाले हॉटल और स्ट्रीट फूड वेंडरों का हाल भी बेहद खराब होता जा रहा है। अब तो कर्ज़ मिलना भी बंद हो चुका है लिहाजा जैसे-तैसे घर परिवार चलाया जा रहा है। कुछ खेले और खोमचे वालों ने सुबह-सुबह घूम घूम कर चाय बेचने का काम चालू कर चुके हैं तो कुछ ने सब्जी बेचने जैसा काम हाथ में ले लिया है लेकिन रोज बदलते नियम भी अनिश्चितता का माहौल बना रहें हैं।

यह भी है परेशान
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार ने चावल, दाल और पोहा मिलों को चालू करने के निर्देश तो दे दिया है लेकिन चल रही मिलों का संचालन अब परेशान कर रहा है क्योंकि इन तीनों उद्योगों को संचालन बंद करने का आदेश कभी भी जारी कर दिया जाता है। फिलहाल यह तीनों उद्योग प्रवासी श्रमिकों के लिए आने वाली ट्रेन के बाद और पहले की व्यवस्था से परेशान हैं। इन्हें आदेश जारी हुए हैं कि जब तक प्रवासी मजदूरों की ट्रेनें आ रही है तब तक उद्योग संचालन पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। रोज जारी होने वाले आदेश के बाद शहर का कारोबार पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है।

सवांददाता भूपेंद्र वर्मा भाठापारा की रपट

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