महान विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती : वंचितों शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन किया अर्पण – कौशिक

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महान विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती : वंचितों शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन किया अर्पण – कौशिक

भुवन वर्मा बिलासपुर 11 अप्रैल 2024

चकरभाठा । 19वीं सदी के महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला बिलासपुर द्वारा अनुराग विधा मंदिर चकरभाठा में विचार गोष्टी का आयोजन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि महान समाज सुधारक विचारक समाज सेवी क्रांतिकारी कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। ज्योतिबा फुले जीवन भर भारतीय समाज की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने वंचितों शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन अर्पण कर दिया। 19वीं सदी के भारतीय समाज में जात-पात, बाल विवाह समेत कई कुरीतियां व्याप्त थीं। महिलाओं और दलितों की स्थिति बेहद खराब थी। महात्मा फुले ने भारतीय समाज की इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वह बाल-विवाह विरोधी और विधवा विवाह के समर्थक थे।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्रीमती रूखमणी कौशिक ने महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें नमन् करते हुए कहा कि ज्योतिबा फुले ने गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान तथा सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। उन्हें ज्योतिबा फुलेया महात्मा फुले के नाम से जाना जाता था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए है।

भाजपा मंडल महामंत्री ब्रजनंदन पात्रे ने ज्योतिबा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए लड़े, वह और उनकी पत्नी भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरूष भेदभाव से बचाना चाहते थे। इनके लिए स्त्रियों को शिक्षित करना बेहद आवश्यक था। उन्होंने अपनी पत्नी में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी देखकर उन्हें पढाने का मन बनाया और प्रोत्साहित किया।

समाज सेवक अभिषेक शर्मा ने ज्योतिबा फुले को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि ज्योतिराव फुले ने दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्य शोधक समाज की स्थापना की थी, उनकी पत्नि सावित्री बाई ने पुणे में टीचर की ट्रेनिंग लेकर साल 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्कूल खोला। इस स्कूल में उनकी पत्नी सावित्री बाई पहली शिक्षिका बनी। सावित्री बाई फुले को ही भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय जाता है। समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई।

कार्यक्रम का संचालन महामंत्री ब्रजनंदन पात्रे ने किया व आभार पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला कार्यसमिति सदस्य पार्षद अनिल बलेचा ने किया। इस मौके पर कृष्ण कुमार कौशिक, श्रीमती रूखमणी कौशिक अनील बलेचा ब्रजनंदन पात्रे, नरेश कुमार कौशिक, दीपक वर्मा पार्षद लक्छमी नारायण मरावी, पार्षद देवी प्रसाद कौशिक, रामेश्वर ध्रुव पूर्व पार्षद सुनील मलघानी पुर्व पार्षद शुरेश पंजवानी, हीरालाल लोधी पुर्व पार्षद राजकुमार यादव पुर्व एल्डरमैन नजीर खान भाजपा अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष मोती लाल आडवाणी पदुमलाल कौशिक, चंद्रिका वर्मा विनोद कुमार वर्मा रोशन वासवानी रोहित आडवाणी ,त्रिलोक रजक, अशोक कुमार कौशिक, दशरथ मजारे, फ़िरतु राम,बनवारे,हरी राम डोगरे, बनवारे,अशोक सोनी, शिव कांति लोधी, श्रीमती राधा तिवारी, श्रीमती नशीबा कुरेशी श्रीमती जोति कुलदीप राकेश मिश्रा विकास श्रीवास परमेश्वर यादव विशनाथ यादव घनश्याम साहू, संतोष साहू श्रीमती सरिता ,बॉबी वर्मा,श्रीमती नयन कुलदीप, श्रीमती सरोज चौहान, सागर कौशिक, श्रीमती दिलकुवर यादव, चन्द्रप्रकाश कौशिक सहित भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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