छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और राज्य के समस्त जिला न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत सम्पन्न
उच्च न्यायालय में आयोजित लोक अदालत में 96 प्रकरणों का निराकरण
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा राज्य के समस्त जिला न्यायालयों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया वर्चुअल निरीक्षणरायपुर / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर तथा राज्य के समस्त जिला न्यायालयों में आज नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा उच्च न्यायालय में आयोजित लोक अदालत का निरीक्षण करते हुए संबंधित खण्डपीठों के न्यायाधीश, न्यायाधिपति सचिन सिंह राजपूत, न्यायाधिपति रविन्द्र कुमार अग्रवाल और न्यायाधिपति अरविंद कुमार वर्मा से चर्चा कर प्रकरणों के संबंध में जानकारी ली। उच्च न्यायालय में आयोजित लोक अदालत में 96 प्रकरणों का निराकरण किया गया।मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा राज्य के समस्त जिला न्यायालयों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल निरीक्षण किया गया तथा संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से उनके जिले में आयोजित लोक अदालतों में विचाराधीन प्रकरणों एवं निराकृत प्रकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उनके द्वारा अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देशित किया गया।जिला न्यायालय, धमतरी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश के. एल.चरयाणी ने जानकारी दी कि उनके न्यायालय में विद्युत चोरी का एक प्रकरण 05 वर्ष से अधिक समय से लंबित था, जिसमें अभियुक्त को नोटिस तामिल नहीं हो पा रहा था। प्रकरण राजीनामा योग्य होने के कारण इस प्रकरण में विशेष रूचि लेते हुए अभियुक्त के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। जानकारी प्राप्त हुई कि अभियुक्त किसी अन्य अपराध में केन्द्रीय जेल रायपुर में सजा भुगत रही है तथा उसके परिवार में कोई अन्य जीवित सदस्य नहीं है। केन्द्रीय जेल, रायपुर के सहयोग से अभियुक्त से सहमति लेकर जेल में मिलने वाले पारिश्रमिक से उससे अर्थदण्ड व राजीनामा शुल्क प्राप्त करते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया।यह प्रथम अवसर है जब एक ही दिन में राज्य के समस्त जिला एवं सत्र न्यायालयों का एक साथ निरीक्षण किया गया है।उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा नियमित रूप से जिला न्यायालयों ं का भौतिक और वर्चुअल निरीक्षण करते रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के न्यायिक कार्य-व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहे हैं।