गौरवशाली इतिहास के साथ पूरे देश में 29.03 करोड़ आबादी : सदैव से राष्ट्रसेवा में संलग्न है कूर्मि समाज – डॉ. सिंगरौल

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गौरवशाली इतिहास के साथ पूरे देश में 29.03 करोड़ आबादी : सदैव से राष्ट्रसेवा में संलग्न है कूर्मि समाज – डॉ. सिंगरौल

भुवन वर्मा बिलासपुर 08 मार्च 2024

रायपुर।विभिन्न समाचार पत्रों में कूर्मि समाज के वास्तविक जनसंख्या को लेकर भ्रम की स्थिति एवं विसंगतिपूर्ण समाचार प्रकाशन को लेकर अखिल भारतीय कूर्मि महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समाज के प्रदेशवार जनसंख्या का आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत देश की 2024 की अनुमानित जनसंख्या 140.74 करोड़ में से लगभग 29.03 करोड़ आबादी कूर्मि समुदाय से हैं अर्थात् 20.63 प्रतिशत हिस्सा में कूर्मि समाज की आबादी है। पूरे भारत वर्ष के कुल 782 जिलों में से 581 जिलों (74.30 प्रतिशत) एवं 6,56,443 ग्रामों में से 1,31,247 ग्रामों (19.99 प्रतिशत) भौगोलिक भूभाग में समाज के लोग निवासरत है। महासभा के संज्ञान में आया है कि विशेषकर चुनावी वर्ष में कूर्मि समाज के जनसंख्या को षड़यंत्रपूर्वक कम आंकलन कर प्रकाशित किया जाता है; जिससे समाज की स्थिति के बारे में भ्रम निर्मित होता है।

2/- विगत दिनों क्विंटीफाइबल डाटा लीक होने के भ्रमजाल बुनकर कूर्मि समाज की आबादी को काफी कम बताया गया है; जो कि समाज की बढ़ते वर्चस्व को कम कर मनोबल गिराने का राजनैतिक रूप से षडयंत्र प्रतीत होता है। अवगत हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में समाज के 30 उपजाति/ फिरका निवासरत है; जिसमें डाटा लीक होने के नाम पर छद्म डाटा से अधिक संख्या तो केवल अकेले मनवा अथवा चंद्राकर कूर्मि फिरका की आबादी है। राज्य में निवासरत 30 कूर्मि उपजाति/ फिरका की जानकारी परिशिष्ट-1 में संलग्न है।

3/- ज्ञातव्य हो कि कूर्मि समाज की भारत वर्ष में लगभग 1530 सरनेम/ उपजातियां है। सभी लोग अपने उपजाति (फिरका) को ही मुख्य व बड़ा मानते है और अन्य सरनेम को गौण दर्जा देते है। स्थिति ऐसी है कि अधिकतर कूर्मि लोग ही अपने आसपास के कूर्मि स्वजातियों के बारे में जानकारी नहीं रखते है तथा अपने विवेक व लोगों के द्वारा सुनी-सुनाई बातों को लेकर बिना तथ्य के जानकारी यत्र-तत्र चर्चा करते रहते है। 1530 पृथक- पृथक नामों के प्रचलन में होने से समाज के लोग ही वास्तविक जनसंख्या का आंकलन नहीं कर पाते तो अन्य समुदाय के लोगों को संख्या के बारे में भ्रम होना स्वाभाविक है। अपने आपको एक दूसरे से बड़ा साबित करने के कारण हम केवल अपने उपजाति के बारे में ही जनसंख्या लोगों के सामने प्रस्तुत करते है तथा पूरे समाज की समेकित जानकारी लोगों के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाते है; जिसके कारण अन्य समाज के लोग हमारी जनसंख्या के मामले में भ्रमित होते है और कुछ लोग अनायास भ्रम पैदाकर हमारी वास्तवित ताकत को सामने नहीं लाने देते। इसलिए कूर्मि चेतना पंचांग में प्रत्येक वर्ष तथ्य परख जानकारी लोगों के सामने प्रस्तुत करते है, जिससे लोगों को भारत भर के समस्त स्वजातियों के बारे में न केवल जनसंख्या बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में लिखें जाने वाले सरनेम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाता है। राज्यवार प्रमुख उपनामों की जानकारी परिशिष्ट-2 में संलग्न है।

4/- उक्त विसंगतियों/भ्रम को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ कूर्मि चेतना मंच द्वारा भारत वर्ष के 28 राज्यों एवं 9 केन्द्र शासित प्रदेशों में निवासरत समाज के वास्तविक जनसंख्या को कूर्मि चेतना पंचांग में लगातार प्रकाशित किया जा रहा है। अवगत हो कि भारत देश की 2024 की अनुमानित जनसंख्या 140.74 करोड़ में से लगभग 29.03 करोड़ आबादी कूर्मि समुदाय से हैं अर्थात् 20.63 प्रतिशत हिस्सा में कूर्मि समाज की आबादी है। पूरे भारत वर्ष के कुल 782 जिलों में से 581 जिलों (74.30 प्रतिशत) एवं 6,56,443 ग्रामों में से 1,31,247 ग्रामों (19.99 प्रतिशत) भौगोलिक भूभाग में समाज के लोग निवासरत है। इसमें महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, आंन्ध्रप्रदेश, झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल जैसे 10 प्रमुख राज्यों में कूर्मियों की संख्या प्रत्येक राज्यों में 1 करोड़ से भी ज्यादा है। वहीं कुल आबादी के हिसाब से देखें तो क्रमशः महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात, झारखण्ड, कर्नाटक, तेलंगाना, आंन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं; जहॉ पर कूर्मियों की जनसंख्या का प्रतिशत क्रमशः 58, 48, 36, 30, 27, 23,23, 20 प्रतिशत है; जिसका राज्यवार विस्तृत विवरण परिशिष्ट-3 पर संलग्न है।

5/- हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि का 35 प्रतिशत हिस्सा कूर्मि समुदाय के द्वारा किया जाता है एवं शेष 65 प्रतिशत हिस्से में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भागीदारी है तथा देश की अर्थव्यवस्था का 39 प्रतिशत हिस्सा कृषि पर निर्भर होता है एवं सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी को बढ़ाने में कृषक कूर्मि समाज का पूरे 17 प्रतिशत योगदान है।

6/- कूर्मि समाज के अनेक लोग स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर वर्तमान समय तक देश सेवा में लगे हुए है। समाज के 02 राष्ट्रपति, 01 प्रधानमंत्री, 01 उप प्रधानमंत्री, 11 राज्यपाल, 39 मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित होकर राष्ट्रसेवा किए है। वर्तमान में 06 केन्द्रीय मंत्री, 04 राज्यमंत्री, 03 राज्यपाल तथा 05 राज्यों के मुख्यमंत्री कूर्मि समुदाय के लोग शोभायमान है। प्रमुख सवैधानिक पदों में सुशोभित होने वाले व्यक्तित्व की सूची परिशिष्ट-4 पर संलग्न है।

आलेख डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल
राष्ट्रीय प्रवक्ता-अखिल भारतीय कूर्मि महासभा

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